जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल में आरएसएस का तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय शिविर में दिग्गजो की उपस्थिति,

सारंगढ़ अंचल में आरएसएस का तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय शिविर में दिग्गजो की उपस्थिति,
आरएसएस के सरकार्यवाहक भैया जी जोशी, अजय जामवाल, पवन साय सारंगढ़ शिविर में,
अशोका स्कूल में लगा है आरएसएस का शिविर,
मिडिया से दूरी बना कर रखे है शिविर को,
आज अंतिम दिन है आयोजन का,
सारंगढ़,
नवीन जिला बना सारंगढ़ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का बड़ा शिविर का आयोजन बेहद अनुशासन के साथ मिडिया से दूरी बनाकर हो रहा है। रायपुर रोड़ स्थित अशोका स्कूल कें प्रांगण में संपन्न हो रहा इस शिविर में देश के 250 से अधिक पूर्णकालीन स्वयं सेवक पहुंचे है। वही इस शिविर में आरएसएस के दिग्गज चेहरा भैया जी जोशी, भाजपा के संगठन प्रभारी अजय जामवाल तथा प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय भी शिविर में है। इस शिविर से राजनितिक सरगर्मी भी काफी बढ़ी हुई है वही तगड़े अनुशासन के साथ संपन्न हो रहे इस शिविर में सारंगढ़ अंचल सहित प्रदेश में धर्मान्तरण की चिंता पर काफी ज्यादा चर्चा होने की खबरे छनकर सामने आ रही है।
इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ जिला बनने के बाद आरएसएस का बड़ा स्तर का शिविर का आयोजन अशोका पब्लिक स्कूल में प्रांगण में किया गया है। तीन दिन तक आयोजित इस शिविर में आरएसएस के राष्ट्रीय स्तर के पूर्णकालीक प्रचारको ने भाग लिया है। बताया जा रहा है इस शिविर मे स्थानीय तथा जिला स्तर के प्रचारको को स्थान नही दिया गया है। मिडिया से दूर इस शिविर के आयोजन को लेकर स्थानीय स्तर पर किसी भी प्रकार की जानकारी मिडिया को नही दिया गया है और ना ही इस शिविर में किसी प्रकार से प्रवेश की पात्रता मिडिया को है। इसको लेकर अंचल में खासा चर्चा चल रहा है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ मे धर्मान्तरण एक बड़ा मुद्दा के तौर पर आरएसएस के सामने आया है और इसमे सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र के रूप में सारंगढ़ जिला को भी चिन्हित किया गया है। ऐसे मे अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र सारंगढ़़ में आरएसएस का यह शिविर कई मायनो मे बड़ा महत्व रख रही है। सूत्रो की माने तो इस शिविर में अजा वर्ग के भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओ को पूरा तरह से व्यवस्था बनाने के लिये जिम्मेदारी दिया गया है इसके अलावा किसी भी प्रकार के आयोजनो से भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओ को दूर रखा गया है। वही इस व्यवस्था मे भी ज्यादात्तर अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओ को स्थान दिया गया है। जिससे साफ संदेश है कि आरएसएस सारंगढ़ के शिविर के बहाने अजा वर्ग में अपनी पैठ बनाने के लिये अग्रसर दिख रही है। हालांकि इस शिविर में हो रही गतिविधियो को मिडिया और सोशल मिडिया से पूर्णरूप से दूर रखकर आरएसएस अपना निर्धारित आयोजन अनुसार व्याख्यान आदि का कार्य कर रही है किन्तु विधानसभा चुनाव वाले इस चुनावी वर्ष मे अशोका स्कूल में आरएसएस का यह शिविर कई मायने में बड़ा महत्वपूर्ण है। इस शिविर मे आरएसएस के दिग्गजो को भी दूर रखा गया है बल्कि विभिन्न व्यवस्था बनाने संबंधी कार्यो के लिये स्थानीय भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओ को जिम्मेदारी सौपा गया है। वही इस शिविर में किस-किस मुद्दो पर बात हुई है? तथा क्या-क्या प्रस्ताव पास किया गया है? किस विचारधारा की बात को पूर्णकालीन प्रचारको के समक्ष रखा गया? ऐसे कई बिन्दु पर जानकारी लेने का प्रयास किया गया किन्तु मिडिया से दूर रखा गया इस शिविर से संबंधित कुछ भी जानकारी प्रदान करनें में व्यवस्था प्रमुख साफ मना कर रहे है।
वही इस संबंध में सूत्र दावा कर रहे है कि आरएसएस के कई जिलो मे इस प्रकार का शिविर का आयोजन किये जाने को निर्धारित आयोजन के अनुरूप सारंगढ़ में भी राष्ट्रीय स्तर के शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर को उन स्थानो पर ज्यादा से ज्यादा आयोजित किया जा रहा है जहा पर भाजपा की स्थिति चिंताजनक है। वही सूत्रो का दावा है कि सारंगढ़ अंचल में लगातार बढ़ रहे धर्मान्तरण को लेकर भी सारंगढ़ में बड़े स्तर के शिविर का आयेाजन किया गया है। वही इस शिविर मे आरएसएस का जुडाव अजा वर्ग के साथ होने के संकेत को सामने रखा गया है। हालांकि इस बारे मे अधिकृत तौर पर कुछ भी जानकारी सामने नही आई है तथा किसी भी प्रकार से अधिकृत जानकारी प्रदान नही किया जा रहा है किन्तु अजा वर्ग के युवा चेहरो को आरएसएस के द्वारा चिन्हित भी किया जा रहा है। वही बताया जा रहा है कि इस शिविर में आरएसएस के दिग्गज चेहरा सरकार्यवाहक भैया जी जोशी भी उपस्थित है साथ ही भाजपा के संगठन मंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय भी शिविर में अपने प्रभार वाले कार्य में जुटे हुए है। लगभग 250 से भी अधिक पूर्णकालीन राष्ट्रीय स्तर के स्वयं सेवक इस शिविर के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
बहरहाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इस विशेष शिविर को भले ही मिडिया से दूर रखा गया है और किसी भी प्रकार से राजनितिक आयोजन से दूर यह आयोजन को विशुद्ध रूप से आरएसएस का प्रशिक्षण शिविर बता रहे है किन्तु छत्तीसगढ़ के चुनावी साल में आयोजित हुए इस शिविर में जिन बातो पर फोकस किया गया इसका प्रभाव आने वाले समय में भाजपा पर स्पष्ट रूप से देखने को मिल सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button