



सारंगढ़ में सफाई व्यवस्था हुई बदहाल, डोर-टू-डोर कलेक्शन के बाद भी चौक-चौराहो पर डंप है कचरा?
नगर पालिका मक्कड़ो पर कचरा फेकने वालो पर नही कर रही है कार्यवाही?
कई स्थानो पर गंदगी का साम्राज्य?
स्वच्छ सारंगढ़ का नारा सिर्फ कागजो मे ही सिमित?
सारंगढ़,
सारंगढ़ नगर पालिका के अधिकारियो के उदासीन रवैया के कारण से सारंगढ़ शहर स्वच्छ सारंगढ़ के स्थान पर मक्कडो का नगर बनते जा रहा है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के बाद भी सारंगढ़ में कई स्थानो पर कचरा फेंका जा रहा है। सबसे हैरानी की बात यह है कि चौक-चौराहो पर फेका जा रहा कचरा को लेकर नगर पालिका कोई कार्यवाही नही कर रही है बल्कि कचरो को उन चौक से कलेक्शन करने मे जुट जा रही है जिसके कारण से चौक-चौराहो पर कचरा फेकने वालो का हौंसला बुलंद है तथा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन योजना धीरे-धीरे फेल होते नजर आ रही है। जगह-जगह दिख रहे कचरा के कारण से सारंगढ़ में गंदगी का साम्राज्य दिख रहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश मे नगरीय निकाय विभाग के द्वारा घरो से निकलने वाले कचरा को निपटान के लिये डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन तथा उसके डिस्पोजल के लिये मणीकंचन केन्द्र की स्थापना किया गया है इस योजना के तहत घरो से निकलने वाले कचरा को रिक्शे वालो को देना तथा सूखा कचरा तथा गीला कचरा को अलग-अलग स्वच्छता दीदीयो को प्रदान करना होता है बदले में यूजर चार्ज के रूप में प्रतिदिन 2 रूपये का शुल्क का भुगतान यानि माह में 60 रूपये का भुगतान किया जाना है। इसके बाद इस कचरे को मणीकंचन केन्द्र ले जाया जाता है तथा इसका निपटान के लिये कई प्रकार की विधि अपनाई जाती है। किन्तु सारंगढ़ में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन अब दम तोड़ते नजर आ रही है। पहले कई वार्डो में सक्रिय रहने वाला स्वच्छता दीदीयो और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को कचरा देने के स्थान पर कई स्थानो मे कचरा को चौक-चौराहो मे फेक दिया जा रहा है जिससे वापस पुरानी मक्कड़ संस्कृति फिर से पैदा हो गई है। नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा नगरवासियो को साफ हिदायत दिया गया है कि चौक-चौराहो या खुले मे कचरे को नही फेकना है बल्कि स्वच्छता दीदीयो को कचरा प्रदान करना है। किन्तु शहर मे कई वार्डो में फिर से कचरा चौक-चौराहो की शोभा बढ़ा रहा है। वही मक्कड़ो पर एकत्रित हो रहे कचरो को फेकने वालो पर कार्यवाही के स्थान पर उसको नगर पालिका उठाकर इस कार्य को प्रोत्साहित कर रहे है जिसके कारण से अब हर दिन शहर के विभिन्न स्थानो पर कचरा का ढ़ेर चौक-चौराहो के मक्कड़ पर एकत्रित हो रहा है जिसके कारण से शहर मे गंदगी का साम्राज्य हो गया है।
कही पर भी फेक दे रहे है कचरा?
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहरो के नगरीय निकायो में घरो से निकलने वाले कचरा को सूखा और गीला कचरा के रूप मे दो बाल्टी प्रदान कर उसी मे एकत्रित करने के लिये दिया गया है तथा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाले इस कचरा को मणीकंचन केन्द्र लेकर जाते है तथा वहा पर विभिन्न कचरो की छंटाई करते है तथा रिसाईक्लिंग होने वाले कचरो को एकत्रित किया जाता है। किन्तु विभिन्न चौक-चौराहो पर फेका जा रहा कचरो को ट्रेक्टर के माध्यम से गदहाभाठा जाने वाले सड़क पर फेका दिया जा रहा है। यह कचरा मणीकंचन केन्द्र भी नही जा रहा है। वही अब मक्कड़ और चौक-चौराहो पर फेका जाने वाले कचरा को प्रतिदिन नही उठाया जा रहा है जिसके कारण से सारंगढ़ शहर मे गंदगी साफ तौर पर देखी जा सकती है।
स्वच्छ सारंगढ़ की परिकल्पना कागजो पर ही?
सारंगढ़ नगर पालिका के उदासीनता के कारण से जिला मुख्यालय बना सारंगढ़ में गंदगी की साम्राज्य साफ तौर पर देखने को मिल सकता है। इसका पहला कारण नगर पालिका बना सारंगढ़ मे आज भी मानव बल की भारी कमी है तथा आज भी सेटअप नगर पंचायत का ही चल रहा है। नवीन नियुक्ति नही होने तथा क्षेत्रफल बढ़ने के बाद भी उतने ही संसाधन से काम करना पड़ रहा है। वही अधिकारियो की उदासीनता से कर्मचारी यहा बेलगाम हो गये है। स्व्च्छता कमांड़ो और स्वच्छता दीदीयो की सक्रियता को प्रसंशा नही करने के साथ साथ मनमानी करने वाले और शहर को गंदगी करने वालो के खिलाफ कोई कार्यवाही नही किया जा रहा है। चौक-चौराहो पर फेका जा रहा कचरा को रोकने का कोई भी प्रबंध नही किया गया है। जिसके कारण से सारंगढ़ शहर को स्वच्छ सारंगढ़ बनाये जाने की परिकल्पना सिर्फ कागजो पर ही सिमित है।