जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

एरा इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रोवर कंपनी के काम समेटने के बाद अधर में लटक गया हरदी-सारंगढ़-दानसरा की सड़क?

एरा इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रोवर कंपनी के काम समेटने के बाद अधर में लटक गया हरदी-सारंगढ़-दानसरा की सड़क?
सारंगढ़-हरदी रोड़ का कब होगा जीर्णोद्धार?
नेशनल हाईवे के कारण से बर्बाद हो गया सारंगढ़ क्षेत्र की सड़के?
ना खुद बना रहा है और ना पीडब्लूडी को वापस कर रहा है सड़क,
जिला बनने के बाद भी इस मामले में कोई पहल नही?
सारंगढ़,
2016 से हरदी से सारंगढ़ होकर दानसरा जाने वाली सड़क को बाईपास सड़क की स्वीकृति मिलने के कारण से उपेक्षित छोड़ दिया गया है वह आज 6 साल बीतने के बाद भी उपेक्षित है। नेशनल हाईवे का निमार्ण करने वाली कंपनी एरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा ग्रोवर कंट्रक्शन कंपनी के द्वारा काम छोड़ कर जाने के बाद अब सारंगढ़ से हरदी और सारंगढ़ से दानसरा तक की लगभग 15 किलोमीटर लंबी सड़क अधर में लटक गया है। इस सड़क को नाम मात्र का मरम्मत कर दिया जा रहा है जबकि यह दोनो सड़क सारंगढ़ की लाईफ लाईन है तथा यहा पर ट्रेफिक का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
सारंगढ़ के रायगढ़ रोड़ और सरायपाली रोड़ को 2002 मे नेशनल हाईवे 216 घोषित किया गया। किन्तु कभी भी सड़क उच्च स्तरीय नही बनी। वही 2016 मे इस सड़क के जीर्णोद्धार के लिये 496 करोड़ रूपये की स्वीकृति के साथ साथ बाईपास रोड़ की भी स्वीकृति मिली जिसके कारण से इस काम का ठेका लेने वाली कंपनी एरा इन्फ्रास्ट्रक्चर नोयड़ा को रोड़ का निमार्ण कार्य 2 साल में संपन्न करना था किन्तु आज पर्यन्त तक यह रोड़ नही बन पाया। वही छूटे हुए काम को पूरा कराने के लिये एनएचआई डिर्पोटमेंट ने ग्रोवर कन्ट्रक्शन दिल्ली को बचे काम को पूरा करने की जिम्मेदारी सौपा किन्तु आज 6 साल पूरा हो गया ना तो नेशनल हाईवे का काम पूरा हो पाया और ना ही हरदी-सारंगढ़-दानसरा की शहर की रोड़ का काम हुआ। बताया जा रहा है कि नेशनल हाईवे के द्वारा जब किसी शहर के लिये बाईपास सड़क का निमार्ण किया जाता है तो शहर के अंदर से गुजरने वाली सड़क को वापस पीडब्लूडी को संधारण और रख-रखाव करने के लिये प्रदान कर दिया जाता है। किन्तु बाईपास रोड़ की स्वीकृति के बाद नेशनल हाईवे के द्वारा हरदी से सारंगढ़ होकर दानसरा तक गुजरने वाली 13 किलोमीटर लंबी सड़क को ना तो नये सिरे से बनाने का प्रयास किया और ना ही इसे वापस पीडब्लूडी को सौपा है जिसके कारण से यह सड़क 2016 से उपेक्षित पड़ा हुआ है। महज 20 फीट चौड़ी इस सड़क पर अब डामर सड़क और बगल की पटरी के बीच गैप बढ़ते जा रहा है तथा एक भारी वाहन के गुजरने से दूसरा वाहन को ओव्हरटेक करते नही बन रहा है। वही इस सड़क को बनाने के लिये कई बार प्रशासनीक प्रयास हुए तथा इस रोड़ को वापस पीडब्लूडी को प्रदान करने नेशनल हाईवे से एनओसी तक की बात हुई थी किन्तु ग्रोवर कन्ट्रक्शन कंपनी ने इस रोड़ का जल्द निमार्ण करने का आश्वासन देकर 2020 के शुरूवात में एनओसी देने से इंकार करा दिया था। किन्तु कोरोना काल के बाद ना तो खुद ग्रोवर कन्ट्रक्शन कंपनी का अता-पता है और ना ही नेशनल हाईवे के अधिकारियो का कोई जानकारी है। वही 1 सितंबर 2022 को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का निमार्ण हो गया और इस निमार्ण के साथ ही उम्मीदे बढ़ गई कि सारंगढ़ के लिये स्वीकृति बाईपास रोड़ का भी निमार्ण को अब पंख लगेगा और हरदी-सारंगढ़-दानसरा की बदहाल सड़क को भी नया जीवन मिलेगा। किन्तु आज जिला बने 150 दिन होने को जा रहा है अभी तक सारंगढ़ अंचल मे सड़को को लेकर कोई भी कार्य नही हुआ है। सारंगढ़ में ही जिला कलेक्टर बैठने से उम्मीद थी कि नेशनल हाईवे सड़क को निमार्ण करने वाली कंपनी और एनएचआई के अधिकारियो पर जिला प्रशासन मानीटरिंग करेगा और दबाव बनाकर सारंगढ़ जिला मुख्यालय का दोनो प्रमुख रोड़ का जीर्णोद्धार करायेगा। किन्तु यह आशा खोखला साबित हुआ और सारंगढ़ जिला बनने के बाद भी हरदी से सारंगढ़ होकर दानसरा जाने वाली 13 किलोमीटर लंबी सड़क आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है।
सारंगढ़ अंचल की लाईफ लाईन है यह सड़क
हरदी से सारंगढ़ होकर दानसरा जाने वाली सड़क को अंचल का आवागमन का प्रमुख सड़क माना जाता है। सारंगढ़ से रायगढ़ रोड़ जाने वाले इस रोड़ में प्रसिद्ध गुड़ेली-टिमरलगा के खनन क्षेत्र पड़ते है साथ ही धार्मिक नगरी चंद्रपुर भी पड़ता है। इसके अलावा लगभग 100 से अधिक गांव और रायगढ़ से राजधानी जाने के लिये एक मात्र इस सड़क के लिये प्रशासन के पास कोई भी प्लान नही है। जिला बनने के बाद सारंगढ़ आने वाले लोगो की संख्या में दो गुनी बढ़ोत्तरी हुई है तथा ट्रेफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। साथ रायगढ़ जिले से राजधानी रायपुर के लिये जाने वाली सड़क के रूप में सारंगढ़ शहर होकर सरसीवां से बलौदाबाजार वाली सड़क मार्ग से रायपुर जाने के लिये वाहनो को प्रतिदिन लंबी कतार लगी रहती है। ऐसे मे महज 20 फीट चौड़ी और बदहाल सड़क के लिये कोई भी प्रयास नही हो रहा है। ऐसा ही व्यस्त रोड़ सारंगढ़ से दानसरा रोड़ है। सरिया-बरमकेला और डोंगरीपाली सहित सारंगढ़ के पूर्वाचल के लगभग 100 गांव सहित 300 से अधिक गांव के लोगो का सारंगढ़ आगमन इस रोड़ से होता है किन्तु बदहाली के कारण से यह रोड़ जर्जर और टूट गया है। किन्तु सिर्फ मरम्मत का कार्य से सारंगढ़वासियो को लालीपाप का आश्वासन देने वाली नेशनल हाईवे पर कभी भी क्षेत्रवासियो का गुस्सा टूट पड़ सकता है।
जिला बनने के बाद जगी थी आस?
रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली सड़क के निमार्ण के लिये टेंडर जारी होने और काम शुरू होने और विवादो मे होने के बाद हरदी-सारंगढ़-दानसरा रोड़ की सड़क अधर में अटकी हुई है। 2016 से इस शहरी रोड़ का जीर्णोद्धार का राह देखते देखते शहरवासियो की आंखे पथरा गई। वही सारंगढ़ जिला बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि जिला प्रशासन इस सड़क पर अपनी आंख टेंढ़ा करेगी तथा नेशनल हाईवे के अधिकारियो और ठेकेदार को हरदी से सारंगढ़ और सारंगढ़ से दानसरा तक की सड़क के लिये विशेष पैकेज बनाकर इसे जल्द ही पूर्ण करायेगी। किन्तु सारंगढ़ जिला बनने के बाद प्रशासन उल्टा सुस्त हो गया है। एक बार भी इस सड़क को लेकर प्रशासन गंभीर नही हुआ है जिसके कारण से यह रोड़ जर्जर हो गया है तथा बदहाली के कारण से क्षेत्रवासी परेशान हो रहे है। नेशनल हाईवे के अधिकारी भी बेलगाम हो चुके है तथा ठेकेदार और अधिकारियो के बीच के हनीमून के कारण से जिला बनने के बाद भी सारंगढ़ की ये दो प्रमुख सड़क बदहाली के दौर से गुजर रही है। जिला प्रशासन अगर इन सड़को को नेशनल हाईवे से एनओसी लेकर पीडब्लूडी को बनाने के लिये सौप दे तो कम से कम सड़क की बदहाली को तो दूर किया जा सकता है। किन्तु इस दिशा मे भी जिला प्रशासन अभी तक प्रयास नही किया है जिसके कारण से जून के बाद वर्षाकाल में फिर से यह सड़क बद से बदत्तर होकर क्षेत्रवासियो को परेशानी मे डालेगा।

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