
चंद रुपयों के लिए शराब तस्करों के साथ हनीमून मना रही है डोंगरीपाली पुलिस!
डोंगरीपाली थाना के वनांचल मे जमकर बन और बिक रहा है अवैध शराब?
कुख्यात शराब तस्करो के नामो का आज किया जा रहा है खुलासा?
भाग-2
सारंगढ़,
डोंगरीपाली थानाक्षेत्र में अवैध रूप से निमार्ण और विक्रय करने वालो महुआ शराब तस्करो के ऊपर कार्यवाही के स्थान पर डोंगरीपाली पुलिस मित्रवत व्यवहार अपना रही है। गांव-गांव मे बन रहे अवैध महुआ शराब और उस शराब निमार्ण करने वालो पर कार्यवाही की जानकारी गांव के हर आदमी को है अगर किसी को नही पता है तो सिर्फ पुलिस विभाग और आबकारी विभाग है इस क्षेत्र मे इस बड़े अवैध कार्य को नही जान रहे है। क्षेत्र में गोवर्धन(मंजूरपाली), मुनू (मंजूरपाली), मुनी (मंजूरपाली), अलेख(हट्टापाली), मनोहर (हट्टापाली), कांशीराम (मौहापाली) समेत कई बड़े शराब तस्कर खुलेआम शराब बना व बेच रहे हैं। इन तस्करों की चरणों में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की डोंगरीपाली पुलिस महज चंद रुपए के लिए अपना ईमान व खाकी दोनों चढ़ा कर हनीमून मना रही है। ऊपर दिए गए नाम तो चंद कुछ उदाहरण हैं। ऐसे दर्जनों तस्कर डोंगरीपाली थाना क्षेत्र के कालाखूंटा, जोगनीपाली, जगदीशपुर, केरमेली, करपी, परधियापाली, छिंदपतेरा, टेकापत्थर, कमलापानी, ढोसरबहाल, सोनबला, अकबरटोला, खम्हरिया, बनहर, रंगाडीह, खैरट, भालूपानी, झाल, घोघरा, बेहरामाल, कदलीसरार, कसतुरामाल, छैलभांठा, नूनपानी समेत अन्य गांव है। जहां डोंगरीपाली पुलिस की मेहरबानी से महुआ शराब धड़ल्ले से कच्ची शराब बेची जा रही है। इससे गांव का माहौल खराब हो रहा है। वहीं युवा पीढ़ी भी नशे की आदी होती जा रही हैं। इसके कारण दर्जनों ऐसे परिवार हैं, जो उजडऩे की कगार पर हैं। वहीं अवैध कारोबार तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे अब पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। यहीं नहीं, ग्रामीण इलाकों में तो आबकारी विभाग के अफसरों के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध शराब के कारोबार की जानकारी आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को है। बाबजूद इसके वह अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। ऐसे में अब आबकारी और पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में दिखाई दे रही है। कभी भी ग्रामीणों का आक्रोश सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की पुलिस पर फूट सकता है।
युवाओं में पड़ रही शराब की लत
डोंगरीपाली थाना क्षेत्र में दर्जनों ऐसे गांव हैं। जहां अवैध शराब का काला कारोबार बे-रोकटोक जारी है। क्षेत्र के कई गांवों की स्थिति यह है कि गांव वालों को पानी की तलाश में भले ही मीलों भटकना पड़ता हो, लेकिन मदिरा प्रेमियों में गांव में बिना मशक्कत किए शराब उपलब्ध हो जा रही है। अवैध रूप से गांव-गांव में संचालित हो रही शराब की दुकानों ने गांवों का माहौल दूषित कर दिया है। क्षेत्र में शराब के कारण दिनों-दिन अपराधों में वृद्धि हो रही है। साथ ही भोले-भाले ग्रामीण और युवा वर्ग शराब की लत में जकड़ता जा रहा है।