जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल में अवैध धान के बड़े चेहरो पर कार्यवाही नही, छोटे कोचियो पर कार्यवाही की खानापूर्ति?

सारंगढ़ अंचल में अवैध धान के बड़े चेहरो पर कार्यवाही नही, छोटे कोचियो पर कार्यवाही की खानापूर्ति?
तहसीलदार ने आज संयुक्त टीम बनाकर अवैध धान जप्ती की कार्यवाही
2 लाख रूपये का अवैध धान किया गया जप्त
सालर क्षेत्र मे सक्रिय बड़े चेहरो पर रहम क्यों?
धान का बड़ा खेल चल रहा है सारंगढ़ अंचल में?
सारंगढ़,
नवगठ़ित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पूरे प्रदेश के सर्वाधिक धान उत्पादक जिला का खिताब इस बार प्राप्त करेगा। किन्तु इस बंपर पैदावार के बीच धान माफिया पूरे जिले मे सक्रिय है लेकिन अवैध धान का अफरा-तफरी रोकने बनी प्रशासनीक टीम अब भी छोटे कोचियो पर छोटी-मोटी कार्यवाही कर रहे है किन्तु बड़े चेहरो पर कार्यवाही करने से कतरा रहे है। सालर क्षेत्र के बड़े चेहरो द्वारा बेखौफ होकर धान का बड़ा व्यवसाय कर रहे है किन्तु वहा पर कार्यवाही शून्य है। ऐसे ही दर्जन भर से अधिक धान के बड़े व्यापारी बड़ी आसानी से इस बार भी अवैध धान को खपाने मे जुटे है किन्तु इनको रहम आखिर क्यों दिया जा रहा है? यह सोचनीय विषय बना हुआ है।
सारंगढ़ अंचल में अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है और धान का सर्मथन मूल्य मे खरीदी करना सबसे बड़ा अभियान नवीन जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे रहेगा। नवीन जिला बना सारंगढ़-बिलाईगढ़ में इस बार धान का बंपर उत्पादन होने से खरीदी के सारे रिकार्ड ध्वस्त हो सकते है किन्तु इस बंपर उत्पादन में भी अवैध धान का खपाने मे सफल दिख रहे सारंगढ़ में धान के कई चेहरे बिना प्रशासनीक रूकावट के धान का खेल खेल रहे है। किन्तु आश्चर्यवाली बात यह है कि अवैध धान को सोसायटी मे खपाने वाले बड़े चेहरो पर कार्यवाही नही किया जा रहा लेकिन प्रशासनिक दबाव के कारण से छोटे मोटे कोचियो और छोटे दुकानदारो पर कार्यवाही कर जवाबदार अधिकारी अपने कर्तव्य का इतिश्री कर रहे है। इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ अंचल में अवैध धान का काला कारोबार करने वाले बड़े चेहरे इस बात को लेकर चितिंत थे कि नवीन जिला मे उनका कामधंधा कैसे चल पायेगा किन्तु पुराने घाघ अधिकारियो ने ऐसे बड़े चेहरो को अभयदान देकर अवैध धान का धंधा को संरक्षण प्रदान कर दिया है। बताया जा रहा है कि सालर क्षेत्र में प्रशासनीक टीम को पहले काफी ज्यादा अवैध धान का प्रकरण मिलता था तथा इस वर्ष भी कई गोदामो में लाखो रूपये का अवैध धान उड़ीसा से मंगाकर डंप करके रखा गया है किन्तु इस वर्ष प्रशासनीक टीम को सालर और उसके आसपास के क्षेत्र के बड़े चेहरो पर कार्यवाही से दूर रखा जाना कई सवालो को जन्म दे रहा है। अवैध धान को खपाने को बड़ा खेल सीमावर्ती क्षेत्र के सहकारी समितियो में लंबे समय से होते आ रहा है तथा इस काम को अंजाम देने के लिये ऐसे ऐसे खेतो को भी पंजीयन हुआ है जो कि फसलविहीन है। ऐसे जन्मकुंडली बनाकर अवैध धान को खपाने वाले बड़े व्यापारी नवीन जिला बनने के बाद भी सारंगढ़ अंचल में आसानी से अपने अवैध धान को खपाने में सफल साबित हो रहे है। बताया जा रहा है कि सालर क्षेत्र और सरायपाली सीमावर्ती कई गांवो मे उड़ीसा का धान देररात को मंगाया जा रहा है और गोदामो में डंप करके रखा जा रहा है। किसान के नाम पर धान की खरीदी दर्शाकर राईस मिल के लिये डायरेक्टर डीओ कटवाकर इस धान को डायरेक्ट राईस मिल भेजने का बड़ा खेल सालर अंचल मे खेला जाता है। अगर राईस मिल के स्टाक पंजी और मौके पर उपस्थित स्टॉक की जांच किया जाये तो कई बड़े घपले सामने आ सकते है। वही पूरे मामले में राजस्व विभाग और कृषि उपज मंडी के मैदानी अमले को पूरी जानकारी होने के बाद भी बड़े चेहरो को बचाने के लिये इस तरफ छापामार कार्यवाही नही होने दे रहे है।
तहसीलदार ने संयुक्त टीम बनाकर अवैध धान जप्ती की कार्यवाही
कलेक्टर डॉ.फरिहा आलम सिद्दकी के निर्देशन में जिले में धान खरीदी कार्यों में गड़बड़ी के संबंध में निगरानी एवं जाँच की कार्यवाही लगातार जारी है। इसी क्रम में सारंगढ़ तहसीलदार एवं मंडी सचिव की संयुक्त उडऩदस्ता टीम द्वारा कार्यवाही की गई। कार्यवाही में सारंगढ़ और कोसीर के तीन अलग-अलग स्थलों में कार्यवाही कर अवैध धान जप्त किया गया। जिसमें ग्राम लेंधरा छोटे कोसीर तहसील के केशव किराना एवं जनरल स्टोर्स पर कार्यवाही कर 52 कट्टा धान (40 किलो भरती), 20.80 क्विंटल कुल धान जप्त किया गया। उक्त दुकान खगेश्वर साहू के नाम पर है। सारंगढ़ तहसील के ग्राम छिन्द के राजेन्द्र साहू किराना दुकान पर कार्यवाही कर 17 कट्टा धान (40 किलो भरती), 6.80 क्विंटल धान एवं 41 कट्टा धान (50 किलो भरती) 20.50 क्विंटल जप्त किया गया। उक्त दुकान राजेन्द्र कुमार साहू के नाम पर है। इसी तरह सारंगढ़ तहसील के ग्राम छिन्द के कान्हा ट्रेडर्स पर कार्यवाही कर 142 कट्टा धान (40 किलो भरती लगभग), 56.80 क्विंटल कुल धान जप्त किया गया। उक्त दुकान दीनदयाल केडिया के नाम पर है।
ज्ञातव्य है कि जिले में धान खरीदी कार्यों को लेकर प्रशासन लगातार मुस्तैद है, जांच एवं निगरानी के लिए बनाई गई उडऩदस्ता टीम लगातार गड़बड़ी एवं अव्यवस्था की जाँच कर आवश्यक कार्यवाही कर रही है।

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