जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

पीडीएस का चावल को सुनियोजित ढंग से चोरी करके बेच रहे है परिवहन काम मे लगे कर्मचारी? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक बार फिर सामने आया पीडीएस चावल चोरी का मामला?

पीडीएस का चावल को सुनियोजित ढंग से चोरी करके बेच रहे है परिवहन काम मे लगे कर्मचारी? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक बार फिर सामने आया पीडीएस चावल चोरी का मामला?

पीडीएस का चावल को सुनियोजित ढंग से चोरी करके बेच रहे है परिवहन काम मे लगे कर्मचारी? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक बार फिर सामने आया पीडीएस चावल चोरी का मामला?

ट्रांसर्पोट करने वाला वाहन से चावल को निकालकर बेच दिया गया?
खाद्य विभाग कार्यवाही से कतरा रहा,

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में पीडीएस का चावल चोरी कर बेचने का मामला सामने आया है। आरोप है कि यह काम पीडीएस वाहन के कर्मचारियों ने ही किया। घटना की जानकारी होने के बाद भी खाद्य अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचे, जिससे अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका और बढ़ गई है। बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पीडीएस चावल के वितरण के लिए जनम ट्रांसपोर्ट एंड कॉन्ट्रैक्टर कंपनी का ट्रक ठेके पर लगाया गया है। यह ट्रक उचित मूल्य की दुकानों और महिला समूहों को चावल पहुंचाता है। गुरुवार दोपहर करीब 2:30 बजे ट्रक के कर्मचारी चावल चोरी कर एक निजी व्यक्ति को बेच रहे थे।

पहले वे ट्रक से दो कट्टा चावल निकालकर उसके घर तक छोड़ आए। फिर उसी व्यक्ति की बाइक से दो कट्टा और चावल ले जा रहे थे। ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने ट्रक और बाइक दोनों का पीछा किया। पीछा करते-करते बाइक सवार कर्मचारी सेमरिया नाला और भिनोदा राइस मिल के बीच गिर पड़े, जिसे ग्रामीणों ने उन्हें पीडीएस चावल के साथ पकड़ लिया।इधर ट्रक चालक वाहन को तेज रफ्तार से भगाकर भटगांव ले गया और वहाँ खड़ा करके फरार हो गया। ट्रक का नंबर CG04- HB-3905 बताया जा रहा है।

जानकारी मिलने के बाद भी नहीं पहुंचे जिम्मेदार

घटना की जानकारी मीडिया टीम को मिली तो टीम मौके पर पहुँची और सरसिंवा तहसीलदार तथा खाद्य अधिकारी अमित शुक्ला को जानकारी दी। शुक्ला ने आधे घंटे में पहुँचने की बात कही, लेकिन चार घंटे बाद भी वे मौके पर नहीं पहुँचे। वही ग्रामीणों का कहना है कि कार्रवाई से बचाने की कोशिश की गई और जानबूझकर देर की गई। जिम्मेदार अधिकारी का मौके पर न पहुँचना गरीबों के राशन की चोरी को बढ़ावा देने जैसा है। ग्रामीण खुले शब्दों में कह रहे हैं कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के यह खेल संभव नहीं। अब देखने वाली बात यह है कि शासन और प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता हैं और क्या कार्यवाही होती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button