
हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी के लिए की नई व्यवस्था : मां के पास सोमवार से शनिवार, पिता के साथ त्यौहार की छुट्टियों पर रहेगा साथ….

बिलासपुर. हाईकोर्ट ने बच्चे के कस्टडी के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए किशोर की जिंदगी में संतुलन बनाने की नई शर्तें तय की है. जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस ए के प्रसाद की डिवीजन बेंच ने अलग रह रहे दंपती के बीच किशोर की जिंदगी को संतुलित बनाने के लिए नया फार्मूला तय किया है. (हाईकोर्ट ने बच्चे की कस्टडी के लिए की नई व्यवस्था)
आदेश में तय किया गया है कि सोमवार से शनिवार सुबह तक बच्चा मां के पास रहेगा, शनिवार सुबह तक बच्चा मां के पास रहेगा, शनिवार को स्कूल से किशोर के पिता उसे ले जाएंगे और सोमवार सुबह तक वह अपने पिता के साथ रहेगा. इस बीच कोर्ट ने लंबी छुट्टियों में 5 से 10 दिन और त्यौहारों में भी पिता के साथ समय बिताने का आदेश जारी किया है.
बता दें कि रायपुर निवासी दंपती की वर्ष 2009 में शादी हुई और 2010 में उनका बेटा हुआ. कुछ साल बाद दोनों के बीच विवाद हुआ और अलग हो गए. अभी 15 साल का बच्चा अपने मां के साथ रह रहा है. इस बीच वर्ष 2018 में बच्चे की कस्टडी के लिए उसके पिता ने परिवार न्यायालय में आवेदन दिया, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. फिर परिवार कोर्ट के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. कोर्ट ने अपने निर्णय में बच्चे की भावना को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों की सहमति से नई व्यवस्था तय की है.



