दर्जन भर से अधिक सरकारी भूमि को खोद डाला खनन माफिया नें?
सारंगढ़,
सारंगढ़ कें प्रसिद्ध ग्राम टिमरलगा और गुड़ेली में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से खनन का अवैध खदान संचालित होने का मामला सामने आया है। खनन माफियाओ ने लातनाला के किनारे भी अवैध खदान बना लिया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि राजस्व विभाग और खनिज विभाग को सभी जानकारी होने के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नही हो रही है।
सारंगढ़ के टिमरलगा और गुड़ेली की जीवनदायिनी नाला के रूप मे लातनाला काफी विख्यात है किन्तु खनन माफियाओ ने इस लातनाला को भी नही बख्सा है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार टिमरलगा और गुड़ेली में लभभग आधा दर्जन से अधिक सरकारी भूमि पर अवैध रूप से खदाने संचालित हो रही है और इन खदानो को संचालित करने वाले और कोई नही बल्कि खनन के लिये कुख्यात चेहरे ही है जो कि खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के लिये मलाईदार व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते है। रायगढ़ जिले में रहते हुए टिमरलगा और गुड़ेली के काले कारनामें रायगढ़ कलेक्टरेट के चार दिवारी से बाहर नही निकल पाते थे क्योकि लगभग 90 प्रतिशत से अधिक क्रेशर संचालक रायगढ़ शहर में निवास करते थे तथा खनन माफिया का रायगढ़ खनिज शाखा में तगड़ा दखल है। किन्तु अब सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बनने के बाद टिमरलगा और गुड़ेली के काले कारनामे खुलकर सामने आ रहे है। बताया जा रहा है कि गुड़ेली मे सरकारी भूमि को खनन माफियाओ ने खोदकर विशाल खदान बना दिया है तथा प्रतिदिन बड़ी संख्या में अवैध रूप से पत्थर की निकासी इन खदानो मे किया जा रहा है। इस काम को करने के लिये कोई बाहर से टीम नही आई है बल्कि अवैध खनन के लिये कुख्यात चहरे ही गुड़ेली में अभी काफी सक्रिय है। बताया जा रहा है कि गुड़ेली-टिमरलगा में अवैध खनन का खेल बहुत पुराना है तथा लातनाला के किनारो में अवैध खनन का बड़ा खेल बड़े स्तर पर खेला जा रहा है। अलसुबह से शुरू होने वाला अवैध खनन देर रात तक चलता है वही गुड़ेली गांव के अंदर अवैध खनन का ऐसा मंजर है कि सामान्य व्यक्ति को रूह कांप जायेगा। इस मामले में जब गांववालो से चर्चा किया गया तो ज्ञात हुआ कि गुड़ेली और टिमरलगा मे अधिकांश क्रेशरो मे सरकारी भूमि पर किया जा रहा अवैध उत्खनन का ही पत्थर जा रहा है। किन्तु शासन की कार्यवाही नही करने से ऐसे तत्वो की मंशा और बढ़ते जा रही है। इस मामले मे जानकारो ने बताया कि गुड़ेली मे अभी भी काफी संख्या में सरकारी भूमि उपलब्ध है तथा खनन माफियाओ की गिद्ध दृष्टि इस सरकारी भूमि पर बनी हुई है। ऐसे मे सरकारी भूमि पर कार्यवाही का अभाव होने से खनन माफिया की चांदी ही चांदी चल रही है। वही इस मामले में राजस्व विभाग और खनिज विभाग की कार्यवाही नही होने से खनन माफिया का बल्ले-बल्ले है।
अवैध विस्फोट से दहल जा रहा है गुड़ेली-टिमरलगा?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में अवैध खनन के लिये अवैध बारूद और अवैध विस्फोट का उपयोग व्यापक मात्रा में किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अवैध खदानो में ड्रिल/कम्प्रेशर मशीन के द्वारा खदानो के दिवालो मे छोटा छेद करके बारूद की जिलेटिन वाली छड़ को डाला जाता है तथा दूर से इसमे विस्फोट किया जाता है। लगभग हर खदान माफिया के पास जिलेटिन की छड़ और अवैध बारूद का भंड़ारण रहता है। किन्तु इस अवैध विस्फोट पर एक भी कार्यवाही नही होने से खनन माफिया का हौंसले बुलंद है। वही पूरे मामले में गांववासी भी रहस्यमय चुप्पी साध लिये है। अवैध कार्यो के खिलाफ गांववासी कभी आवाज नही उठा रहे है जिससे प्रतीत हो रहा है कि अवैध कार्यो के लिये माफिया गांववासियो पर किस प्रकार से हावी हो चुके है।
सरकारी भूमि का चिन्हांन जरूरी?
सारंगढ़ के खनिज क्षेत्र गुड़ेली और टिमरलगा मे अवैध उत्खनन मे उपयोग किया जाने वाला सरकारी भूमि को राजस्व विभाग और खनिज विभाग से सांठगांठ करके खनन किया जा रहा है। बिना सरकारी संरक्षण के शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार का खनन संभव नही है। किन्तु अब सारंगढ़ जिला बन चुका है तथा अब यहा पर विशेष रूप से सरकारी भूमि को संरक्षित करने की आवश्यकता महसूस हो रहा है। सरकारी भूमि तथा लातनाला के किनारे को चिन्हांकन करते हुए प्रशासन यदि खनन माफिया पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करें तो आने वाले दिनो मे अवैध खनन करने वाले माफिया को सांप सूंघ जायेगा और गुड़ेली-टिमरलगा से मिलने वाला राजस्व मे काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है।