एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया था डीपीआर बनाने का ठेका?
रायगढ़-सारंगढ़ के 60 गांवो मे होना था सर्वे,
सारंगढ़ के 25, रायगढ़ 23 और पुसौर के 7 गांव शामिल
फाईलो से बाहर नही निकल पा रही है भारतमाला परियोजना,
रायगढ़-सारंगढ़-बसना के लिये बनना है नई कारीड़ोर सड़क,
सारंगढ़,
रायगढ़ से सारंगढ़ और बसना के लिये ईस्ट कारीड़ोर रोड़ जो कि भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जाना था आज 4 साल बाद भी सिर्फ फाईलो में कैद है। इस 70 किलोमीटर लंबी ईस्ट कारीड़ोर रोड़ के लिये डीपीआर बनाने का ठेका एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया था उसके बाद से इस परियोजना को लेकर किसी भी प्रकार की प्रगति नही दिख रही है। जबकि इस परियोजना को लेकर 60 गांवो में धारा 3 का प्रकाशन होना था तथा जमीन की खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लगना था। वर्तमान परिदृश्य में इस परियोजना में संशय के बादल मंडरा रहे है।
केन्द्र सरकार ने ईस्ट कारीड़ोर भारतमाला परियोजना के तहत रायगढ़ से सारंगढ़ के लिये नई सड़क का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके अनुसार रायगढ़ से सारंगढ़ होकर यह सड़क बसना के पास एनएच 53 सराईपाली-रायपुर से जाकर जुड़ जायेगी। कुल 70 किलोमीटर लंबी इस सड़क में रायगढ़ के भगवानपुर के पास से सारंगढ़ तक की सड़क की कुल लंबाई 35 किलोमीटर तथा सारंगढ़ से बसना तक 35 किलोमीटर यानि कुल 70 किलोमीटर लंबी सड़क का निमार्ण होना था। इस सड़क में से रायगढ़ से सारंगढ़ तक की सड़क के लिये तैयारी शुरू हो गई थी। भारतमाला परियोजना के तहत रायगढ़-पुसौर और सारंगढ़ विकासखंड़ के 60 गांवो का नाम भी फायनल हो गया था जहा से भारतमाला गुजरनी है तथा इन गांवो में प्रारूप 3 का प्रकाशन भी होना था जिसके बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य संपन्न होना था। इस कार्य को मजबूती देने के लिये इस सड़क का डीपीआर बनाने के लिये एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ठेका दिया गया था। किन्तु इस प्रक्रिया के बीच कोराना काल का रूकावट भी आ गया और लगभग साल भर तक किसी भी प्रकार का कार्य नही हो पाया किन्तु अब जब रूके हुए समस्त कार्यो को गति मिल रही है ऐसे में रायगढ़-सारंगढ़ का भारतमाला परियोजना का अब भी सरकारी फाईलो में ही कैद रहना कई सवालो को जन्म दे रहा है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना के लिये रायगढ़ विकासखंड़, पुसौर विकासखंड़ और सारंगढ़ विकासखंड़ के 60 गांवो का चयन नेशनल हाईवे प्राधिकरण के द्वारा कर लिया गया है तथा इन गांवो में भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ होने वाला था किन्तु डीपीआर बनने के बाद निविदा की प्रक्रिया और रोड़ का कार्य प्रारंभ जैसे महत्वपूर्ण कार्य बीते 4 वर्ष से ठप्प पड़ा हुआ है।
इस संबंध में बताया जा रहा है कि रायगढ़ से सारंगढ़ जाने वाली सड़क साराड़ीह गांव से गुजरने वाली है। साराड़ीह गांव पहले जांजगीर चांपा जिला में आता था तथा वर्तमान में सक्ती जिला में आयेगा। साराड़ीह से जांजगीर तक के लिये नई कारीड़ोर सड़क का भी निमार्ण भविष्य में होना है किन्तु अभी साराड़ीह के पास से यह रोड़ सारंगढ़ विकासखंड़ में प्रवेश करने वाला है तथा छोटे घोटला और धूता होते हुए सारंगढ़ के पास से नया बाईपास रोड़ बनाते हुए बसना की ओर निकलने वाली थी। इस संबंध में सूत्र बताते है कि पहले चरण मे यह भारतमाला रोड़ रायगढ़ से सारंगढ़ का ही बनने वाला था तथा यह सडक ईस्ट कारीड़ोर के तहत 35 किलोमीटर लंबी बनने वाली है। इस ईस्ट कारीड़ोर सड़क के बनने से रायगढ़ से सारंगढ़ की दूरी महज 35 किलोमीटर हो जायेगी और हरदी के पास हवाई अड्डा से रायगढ़ की दूरी महज 30 किलोमीटर हो जायेगी। भविष्य मे रायगढ़ के लिये हरदी हवाई पट्टी भी कनेक्टेड़ रोड़ के रूप में उपलब्ध होगी।
वही बताया जा रहा है कि ईस्ट कारीड़ोर में रायगढ़ से सारंगढ़ और दूसरे चरण में सारंगढ़ से बसना तथा साराडीह से जांजगीर तक की सड़क का निमार्ण इस परियोजना के फाईल मे सम्मलित था किन्तु भारतमाला परियोजना को लेकर डीपीआर बनाये जाने के लिये एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ठेका दिये जाने से और आगे बात नही बढ़ रही है।
भू-अर्जन की कार्यवाही होने वाली थी शुरू?
केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना के तहत रायगढ़ से सारंगढ़ के बीच ईकोनॉमी कॉरीडोर के तहत एक और एनएच का निर्माण किया जा रहा है। यह सड़क रायगढ़ और सारंगढ़ के 60 गांवों से होकर गुजरेगी। इस सड़क निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भू-अर्जन की कार्रवाई जल्द ही शुरू होने वाली थी इसके लिये सड़क निर्माण करने वाली कंपनी ने शासन से प्रभावित गांवों में भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई करने के लिए भू अर्जन फसर नियुक्त करने की मांग भी की थी। वही कलेक्टर ने सारंगढ़ व रायगढ़ एसडीएम को भू अर्जन अधिकारी नियुक्त कर दिया था तथा धारा 3 ए का प्रकाशन करने की तैयारी किया जा रहा था। जिसमें किस गांव का कितना रकबा, खसरा प्रभावित होगा उसकी जानकारी होती। फिर धारा 3 डी का प्रकाशन किया जाना था। इसमें राशि, जमीन, रकबा, खसरा, मुआवजा समेत अन्य जानकारी रहती। केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ को इकोनॉमिक कॉरिडोर से जोड़ा जा रहा है। जिसमें सारंगढ़ से रायगढ़ तक इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाया जाएगा। इस एनएच के निर्माण में कितनी लागत आएगी इसका प्राकलन मे. एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कन्स. प्रा.लि. द्वारा तैयार किया जाने का ठेका भी दे दिया गया था। कंपनी को इसका डीपीआर सलाहकार नियुक्त किया गया था। ईकोनॉमी कारीडोर सड़क सारंगढ़ के परसापाली कलमी से होकर छोटे घोठला होते हुए जाएगा। इसमें पुसौर तहसील के अमलडीहा, पचेड़ा, गोर्रा, नावापारा, कौवाताल, ठाकुरपाली व टेका होते हुए रायगढ़ के खैरपुर, कोकड़ीतराई तक पहुंचेगी। इस एनएच में 60 गांव प्रभावित होंगे जिसमें सारंगढ़ के 25, रायगढ़ 23 और पुसौर के 7 गांव शामिल है।
भूमि खरीदी-बिक्री पर लगने वाला था प्रतिबंध
उस समय के राजस्व विभाग के अफसरों ने बताया था कि जल्द ही कलेक्टर द्वारा भारत माला परियोजना के तहत सारंगढ़ से रायगढ़ तक नए एनएच निर्माण करने 60 गांवों में जमीन की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जायेगा। प्रस्तावित एनएच के दोनों ओर की सौ-सौ मीटर की दूरी पर भी भूमि की खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लगेगा। प्रभावित खसरा नंबर के डायवर्सन, बटांकन पर भी प्रतिबंधित हो जाएगा। किन्तु कोरोना काल आने के बाद से ही भारतमाला परियोजना सरकारी फाईलो में ही कैद हो गया है। इस एनएच के लिए जितने गांव प्रभावित हो रहे थे इन गांवों का नक्शा कलेक्ट करने की कार्रवाई राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया था। बताया जा रहा है कि प्रभावित हो रहे गांवों में खंभा भी लगाया जा रहा था। नक्शा कलेक्ट होने के बाद भू अर्जन की कार्रवाई की शुरू होने वाली थी।