
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के नगदरा में डिलीवरी से पहले शिशु की मौत: नर्स पर गलत इलाज का आरोप,

पीड़ित परिवार ने कलेक्टर से की शिकायत
मामले की जांच के लिये प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र पहुंची टीम,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बिलाईगढ़ विकासखंड़ में आने वाला नगरदा प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में डिलीवरी से पहले शिशु की मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने नर्स पर गलत इलाज और सफाईकर्मी पर अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है। मामले की जांच के लिए एक टीम मौके पर पहुंची है। यह घटना 20 सितंबर की है, जब महिला को प्रसव पीड़ा होने पर नगरदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। परिजनों के अनुसार, नर्स नंदिनी पटेल ने प्रसव कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन अगले दिन 21 सितंबर को पीड़िता को एक निजी अस्पताल भेजा गया, जहां मृत शिशु का जन्म हुआ। पीड़िता का आरोप है कि प्रसव के दौरान नर्स और सफाईकर्मी ने उनके साथ गलत व्यवहार किया। उन्होंने बताया कि गलत तरीके से दबाव डालने और गलत चीरा लगाने से उन्हें गंभीर चोटें आईं। पीड़िता के बार-बार रिक्वेस्ट के बावजूद समय पर किसी अन्य अस्पताल नहीं भेजा गया, जिसके कारण गर्भस्थ शिशु की मृत्यु हो गई।
कलेक्टर को पत्र लिखकर की शिकायत
इस घटना के बाद पीड़िता ने जिला कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने मामले की जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गुरुवार को एक जांच टीम नगरदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची है और पूरे मामले की गहनता से पड़ताल कर रही है। बिलाईगढ़ के खंड चिकित्सा अधिकारी शशि जायसवाल ने बताया कि सीएमएचओ कार्यालय से शिकायत मिलने के बाद हमें एक पत्र मिला है, जिसमें नगरदा के स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप है। हमने ब्लॉक स्तर पर एक टीम गठित की है।
आज नगरदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कर रही है। सभी बिंदुओं पर बारीकी से पड़ताल की जा रही है और अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
क्या आरोप है कलेक्टर को लिखे पत्र में,
कलेक्टर को लिखे शिकायत पत्र में पिड़ित महिला ने बताया है कि प्रसव होने के लिए वह अपने मायका मुडपार आई थी तभी घर वाले प्रसव पीडा होने पर शाम 05 बजे के आस पास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरदा लाया गया जहा स्टाफ नर्स नंदनी पटेल द्वारा प्रसव कराने के दौरान झाडू पोछा लगाने वाली हॉस्पिटल के महिला से उसके पेट व अन्य अगों को दबाया गया तथा अभद्र भाषाओं का प्रयोग किया गया तथा सुबह होने पर बच्चे द्वारा कोई हलचल नहीं होने पर नर्स द्वारा बड़ा चीरा लगा दिया गया और कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए निजी हॉस्पिटल ले जाने को कहा गया चीरा लगने की वजह से वह खून से लथपथ कोकर निजी हॉस्पिटल पहुंची जहां ऑपरेशन के दौरान प्रसव कराया गया प्रसव होने पर बच्चा मृत पाया गया नर्स की लापरवाही से बच्चे के दाई आंख पूरी तरह से काला था और सिर बहुत लंबा हो गया था। कलेक्टर को घटना के बारे मे लिखते हुए पिड़ित महिला ने लिखा है कि वह इस घटना से पूरी तरह से शारीरिक-मानसिक रूप से टूट गई हूँ। निजी हॉस्पिटल का बिल उसके घर वाले अपनी जमीन गिरवी रख कर बहुत मुश्किल से भुगतान किए है। तथा अपने फुल जैसे बच्चे को जिसे उसने 9 महीने अपने खून से सींचा था उसको नर्स की लापरवाही से उसने खो दिया है। पिड़ित महिला ने नर्स नंदनी पटेल के ऊपर सख्त कार्यवाही करने की मांग किया है, ताकि किसी महिला को अपना बच्चा न गंवाना पड़े।
 
				 
					
 
						


