
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला : आज 3 बरस पूरा, लेकिन अभी भी पूर्ण जिला का स्वरूप नही
3 सितंबर 2022 को शुभारंभ हुआ था सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का
आज भी मातृजिला रायगढ़ और बलौदाबाजार पर निर्भर,
आधा दर्जन से अधिक जिला कार्यालय खुले ही नही,
राजनिति मे बिना वजूद का जिला कहलाता है सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला,
सड़के बदहाल, शिक्षा जगत कोई बड़ी उपलब्धी नही, बिजली व्यवस्था बदहाल, अधिकारी बेलगाम, नगरीय
क्षेत्र का हालत बद से बदत्तर
आरटीओ सहित कई कार्यालय अभी भी नही खुले,
कई सरकारी विभाग बिना सेटअप के प्रभारी अधिकारियो के भरोसे?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
बड़े जोर-शोर से 3 सिंतबर 2022 को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का शुभारंभ हुआ था किन्तु तीन बरस के सफर में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला आज भी अपने मातृजिला रायगढ़ और बलौदाबाजार पर निर्भर है। कहने को तो यहा पर 75 फीसदी से अधिक सरकारी कार्यालय खुल गये है किन्तु बिना सेटअप के नाम मात्र के प्रभारी अधिकारियो के सिर्फ नाम के सरकारी कार्यालय यहा पर संचालित है। 3 बरस के इस सफर में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला ने उस उम्मीदो का प्राप्त नही किया जिसकी अपेक्षा जिला बनने के पहले किया गया था। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला सिर्फ नाम मात्र का जिला बनकर रह गया है। 3 सितंबर 2022 को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का शुभारंभ तात्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। आज सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला ने तीन बरस का सफर पूरा कर चौथे बरस मे प्रवेश कर लिया किन्तु इस तीन बरस के कार्यकाल में क्या सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला जनता की कसौटी पर खरा उतरा है? क्या जिला के 7 लाख से अधिक निवासियो को जिला बनने का वह लाभ मिला है जिसके कारण से सारंगढ़-बिलाईगढ़ को जिला बनाया गया है?
ऐसे तमाम प्रश्न है जिसका जवाब फिलहाल नही में सामने आ रहा है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के मांग को पूर्ण कराने के लिये जिन लोगो ने आंदोलन किया, जिन लोगो ने प्रयास किया उसमे से अधिकांश इस बात को लेकर दुखी है कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला सिर्फ एक कागजी जिला बना है। यहा पर मूलभूत विकास और आम जनता से जुड़ी समस्याओ के
निराकरण और उनकी मांगो को पूर्ण करने के लिये कोई हैंड नही है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बनाये जाने का उद्देश्य प्रशासन का जनता के पास पहुंचना था किन्तु इन तीन बरस मे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अधूरा जिला के रूप मे ही जाना जा रहा है। आज भी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के सारंगढ़ और बरमकेला ब्लाक के अधिकांश फाईल अपने मातृजिला रायगढ़ के जिला कार्यालयो मे रखाया हुआ है तो बिलाईगढ ब्लाक के सरकारी फाईल बलौदाबाजार जिला मे रखा हुआ है। कई सरकारी कार्यालयो का सेटअप आज भी यहा पर स्वीकृत नही हुआ है। यहा पर बजट के नाम पर सरकार की ओर से कुछ विशेष पैकेज भी नही मिल रहा है। अनुविभागीय स्तर या अन्य विभाग के कामचलाऊ भवनो मे जिला स्तर के सरकारी कार्यालय चल रहे है। जिला स्तरीय विभागो मे आज भी पुराने जिले से ना तो बजट आबंटन हो पाया है और ना ही पूर्ण रूप सेटअप का बंटवारा किया गया है। स्थिति यह है कि ढ़ाई बरस के बाद यहा पर जिला चिकित्सालय खोला गया किन्तु वह भ 30 बिस्तर के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र को जिला चिकित्सालय का नाम देकर खोला गया। खुदे कलेक्टोरेट कार्यालय आज भी मंगल भवन मे अस्थाई रूप से संचालित है। जबकि एस.पी आफिस शिक्षा विभाग के छात्रावास मे संचालित है। जिला शिक्षा कार्यालय सहित कई जिला स्तरीय सरकारी कार्यालय ब्लाक स्तरीय या अनुविभाग स्तरीय सरकारी कार्यालयो मे सिर्फ नाम मात्र का संचालित है। जिला स्तरीय सरकारी विभागो के लिये ना तो सेटअप दिया गया है
और ना ही बजट का मजबूत आबंटन किया गया है जिसके कारण से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला सिर्फ चल रहा है इसे कोई चला नही रहा है।
लीड़रशिप कमजोर, अधिकारी हावी?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में सबसे बड़ी कमी लीडरशिप की कमी है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे विकास का रोड़मैप बनाने वाले बड़े स्तर के लीडर यहा पर नही है। भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दल सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला को रिर्जव जिला मे रखते है। वर्तमान में पदस्थ प्रशासनीक अधिकारियो की मनमानी से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के निवासियो को जिला से वह उपलब्धी नही मिला है जिसकी सोच जिला बनने के पहले थी। आज भी पुराने घाघ अधिकारियो और पुराने सरकारी कर्मचारियो से ही सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला चल रहा है। जो अधिकारी-कर्मचारी पहले अनुविभाग या ब्लाक स्तर के बड़े अधिकारी के रूप मे
जाने जाते थे वही अब जिला बनने के बाद जिला अधिकारी के रूप मे जाने जा रहे है। ऐसे मे नये अधिकारियो की पदस्थापना नही होने तथा बरसो पुराने अधिकारी-कर्मचारियो का अंगद के पांव की तरह सारंगढ़ में ही चिपके रहने से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का वह लाभ जिलेवासियो को नही मिला जिसकी सोच और कल्पना जिला बनने के पहले किया गया था।
सड़के बदहाल, बिजली व्यवस्था बदहाल? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बनने के तीन बरस पूरा होने के बाद भी जिले के अधिकांश सड़को की हालत बद से बदत्तर है।आवागमन का एक मात्र साधन सड़क मार्ग होने के बाद भी यहा पर आवागमन करना कठिन काम है। वही रेल परियोजना की मांग आज तक अधूरी है। रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली नेशनल हाईवे बद
से बदत्तर स्थिति में है। सरसींवा-भटगांव अंचल की सड़को की भी हालत किसी से छिपी नही है। बिजली व्यवस्था से लोग परेशान है। भ्रष्टाचार पर किसी भी प्रकार का अंकुश नही है। पहले रायगढ़ से अधिकारियो के फटकार से छोटे अधिकारी-कर्मचारी सहमे डरे रहते थे किन्तु जिला बनने के बाद चढ़ावा पद्धति मे और भी बढ़ोत्तरी हो गया है। बिजली व्यवस्था ठप्प है। सड़क बद से बदत्तर है। जल-जीवन मिशन ने पूरे जिले के सड़को को बदहाल करके रख दिया है। ओव्हरलोड़ वाहनो का सड़को पर हो रहा परिवहन से जिलावासी परेशान है।
अभी भी पूर्ण जिला का स्वरूप नही!
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला आज भी अधूरा जिला के रूप मे विराजमान है। आधा दर्जन से अधिक कार्यालय खुले ही नही है और जो कार्यालय खुले है वह आधा-अधूरा है। बिना सेटअप के सिर्फ कार्यालय खोल दिया गया है। रिकार्ड आज भी पुराने जिला मुख्यालय में है। सरकारी भवन की कमी बनी हुई है कलेक्टोरेट और जिला चिकित्सालय का भवन निमार्णाधीन है। शेष विभागो के भवन निमार्ण के लिये बजट का अभाव है। ऐसे मे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला अपने तीन बरस के सफर मे शैशवकाल से उबर नही पाया है। अभी भी उपेक्षा के शिकार है तथा विकास से कोसो दूर है।