प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से भटगांव जल प्रदाय योजना का किया शिलान्यास, 56.78 करोड़ की लागत से जल्द होगा काम शुरू
रायपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधी जयंती पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सूरजपुर जिले के भटगांव नगर पंचायत के लिए 56 करोड़ 78 लाख रुपए की लागत की जल प्रदाय योजना का शिलान्यास किया. अमृत मिशन 2.0 के तहत स्वीकृत इस जल प्रदाय योजना का काम अगले दो वर्षों में पूर्ण होगा. उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री अरुण साव बिलासपुर से नई दिल्ली और भटगांव में आयोजित कार्यक्रमों में वर्चुअली शामिल हुए. उनके साथ बिलासपुर से विधायक धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, सुशांत शुक्ला और जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान भी दोनों जगहों में आयोजित कार्यक्रमों से ऑनलाइन जुड़े.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्चुअल उद्बोधन के बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी भटगांव में मौजूद लोगों को वर्चुअली सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि इस नई जल प्रदाय योजना के प्रारंभ होने के बाद भटगांववासियों की पेयजल की समस्या दूर होगी. महान नदी के पानी को साफ कर घरों तक पहुंचाया जाएगा. योजना के पूर्ण होने के बाद भटगांव के लोगों को राष्ट्रीय मानक के अनुरूप 135 लीटर जल प्रति व्यक्ति प्रतिदिन उपलब्ध हो सकेगा. साव ने कहा कि हमने ही छत्तीसगढ़ राज्य को बनाया है और इसके विकास की जिम्मेदारी भी हमारी है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में योजना से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए.
दो एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र बनेगा, 64 किलोमीटर वितरण पाइपलाइन से 3586 नल कनेक्शन दिए जाएंगे
मिशन अमृत 2.0 के तहत स्वीकृत 56 करोड़ 78 लाख रुपए लागत की इस जल प्रदाय योजना में महान नदी के गोंडा एनीकट में इंटेकवेल का निर्माण कर पेयजल भटगांव पहुंचाया जाएगा. एनीकट से रॉ-वॉटर पाइपलाइन के माध्यम से सतही जल को योजना के अंतर्गत प्रस्तावित जल शोधन संयंत्र में शुद्ध कर स्वच्छ पेयजल भटगांव शहर को उपलब्ध कराया जाएगा. वर्तमान में भटगांव शहर में प्रति व्यक्ति 49 लीटर जल प्रतिदिन उपलब्ध हो रहा है. भटगांव की इस नई जल प्रदाय योजना के शुरू होने के बाद वहां प्रति व्यक्ति 135 लीटर प्रतिदिन पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा.
भटगांव जल प्रदाय योजना के अंतर्गत दो एमएलडी क्षमता के जल शोधन संयंत्र, कुल 750 किलो लीटर क्षमता के तीन उच्च स्तरीय जलागार, 64 किलोमीटर की वितरण पाइपलाइन और कुल 3586 निनल कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे. विगत अगस्त माह में इसके लिए कार्यादेश जारी किया जा चुका है. योजना का काम आगामी 24 महीनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.