जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

बरमकेला कांग्रेस में अंदरूनी घमासान जारी, वरिष्ठ कार्यकर्ता बोले – "भ्रष्टाचार का ठप्पा हमारी निष्ठा पर सवाल!"

बरमकेला कांग्रेस में अंदरूनी घमासान जारी, वरिष्ठ कार्यकर्ता बोले – "भ्रष्टाचार का ठप्पा हमारी निष्ठा पर सवाल!"

बरमकेला कांग्रेस में अंदरूनी घमासान जारी, वरिष्ठ कार्यकर्ता बोले – "भ्रष्टाचार का ठप्पा हमारी निष्ठा पर
सवाल!"

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/बरमकेला,
बरमकेला ब्लॉक कांग्रेस में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। ब्लॉक अध्यक्ष की कार्यशैली से नाराज़ होकर कांग्रेस के कई वरिष्ठ और जमीनी कार्यकर्ता एक-एक कर पार्टी को अलविदा कह रहे हैं और भाजपा का दामन थाम रहे हैं। यह राजनीतिक घटनाक्रम न केवल कांग्रेस की अंदरूनी हालत को उजागर कर रहा है, बल्कि नेतृत्व पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। आरोप है कि ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अपनी विफलताओं और संगठन में गिरते प्रभाव को छुपाने के लिए अब पार्टी छोड़ने वाले निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भ्रष्टाचार जैसे संगीन आरोप थोप रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर वास्तव में ये कार्यकर्ता भ्रष्ट थे, तो कांग्रेस में रहते हुए उन्हें क्यों नहीं रोका गया? क्या यह मान लिया जाए कि कांग्रेस संगठन के पास न तो अनुशासन का बल था और न ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की ताकत?

एक स्थानीय नेता ने तंज कसते हुए कहा- "जब हम कांग्रेस के लिए दिन-रात एक करते रहे, तब सब कुछ ठीक था। अब जब हमने अन्याय और अनदेखी से तंग आकर रास्ता बदला, तो हमें भ्रष्टाचारी बताया जा रहा है। अगर हम सचमुच दोषी थे, तो कार्यवाही कांग्रेस में रहते क्यों नहीं हुई?" राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि ब्लॉक अध्यक्ष स्वयं भाजपा की ताकत और कांग्रेस की कमजोरी को भीतर से समझ चुके हैं। शायद यही कारण है कि वह भी भाजपा को ‘बड़ी पार्टी मानते हैं, और इसलिए असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को रोक पाने में विफल हो रहे हैं। यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए आने वाले समय में और संकट का कारण बन सकता है, क्योंकि जब नेतृत्व ही अपनी कार्यशैली पर सवालों के घेरे में हो और ज़मीनी कार्यकर्ताओं को बदनाम कर पार्टी से बाहर करे, तो संगठन की जड़ें कमजोर होना तय है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व इस ब्लॉक स्तरीय संकट को कैसे संभालता है – *क्या जवाबदेही तय होगी, या ये पलायन यूं ही जारी रहेगा? पिछले कुछ महीनों में जिन प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस छोड़ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, उनमें सबसे पहले नाम आता है कैलाश नायक, विलास सारथी और उज्ज्वल मिरी का — ये सभी वर्षों से कांग्रेस की रीढ़ माने जाते रहे हैं। इसके बाद घनश्याम इजारदार, रोहित वर्मा, अभिमन्यु पटेल जैसे उभरते हुए युवानेता भी संगठन से मोहभंग होकर भाजपा की ओर रुख कर चुके हैं। सबसे बड़ा झटका तब लगा जब बरमकेला जनपद पंचायत अध्यक्ष डॉ. विद्या किशोर चौहान ने कांग्रेस से नाता तोड़ते हुए भाजपा में प्रवेश कर लिया। और अब ख़बर यह भी है कि कई अन्य जनपद सदस्य भी इसी राह पर हैं।

लेकिन सवाल है – ये सब हुआ क्यों?

सिर्फ इसलिए क्योंकि बरमकेला ब्लॉक कांग्रेस के प्रमुख नेतृत्वकर्ता, अर्थात ब्लॉक अध्यक्ष ने निष्ठावान कार्यकर्ताओं की न तो कद्र की, न ही उनकी बातों को महत्व दिया। आलोचना को अपमान समझकर उसे कुचलने का प्रयास किया गया। संगठन के भीतर संवाद की जगह आदेश चला, सलाह की जगह तिरस्कार और कार्यकर्ताओं के समर्पण की जगह उन्हें 'भ्रष्ट' करार दे दिया गया।

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