
देवी गुड़ी (डेली मार्केट), चंद्रपुर में हाईमास्ट लाइट की स्थापना पर नगर पंचायत को बधाई – लेकिन सारंगढ़ नगर पालिका पर उठे सवाल
सारंगढ़, 2 जून 2025 – चंद्रपुर क्षेत्र की देवी गुड़ी (डेली मार्केट) में हाल ही में नगर पंचायत द्वारा हाईमास्ट लाइट लगाई गई, जिससे स्थानीय नागरिकों में काफी उत्साह और संतोष का माहौल है। क्षेत्र की सुरक्षा और रात के समय बाजार की रौनक को ध्यान में रखते हुए की गई इस पहल की सभी ओर से सराहना हो रही है। नागरिकों ने नगर पंचायत चंद्रपुर को इस कार्य के लिए बधाई एवं धन्यवाद दिया है।
लेकिन सवाल उठ रहे हैं सारंगढ़ नगर पालिका की निष्क्रियता पर जहाँ एक ओर चंद्रपुर जैसे छोटे क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान दिया जा रहा है, वहीं जिला मुख्यालय सारंगढ़ में जनता सवाल उठा रही है कि “क्या यहाँ के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि हाईमास्ट लाइट जैसी ज़रूरी सुविधाओं से अनजान हैं?” सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पोस्ट में स्थानीय नागरिकों ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि:
> “सफाई, बिजली, पानी, सड़क—हर सुविधा पूरी तरह से बदहाल है। क्या ये नगर पालिका अधिकारियों को नहीं दिखता? सिर्फ शासन-प्रशासन का प्रचार-प्रसार कर काम पूरा हो गया क्या?”
सारंगढ़ की स्थिति चिंताजनक
स्थानीय लोगों का कहना है कि सारंगढ़ में मूलभूत सुविधाएँ दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही हैं। कई इलाकों में कूड़े का ढेर लगा रहता है, स्ट्रीट लाइटें खराब हैं या अनुपलब्ध हैं, और जल आपूर्ति भी असमय व अव्यवस्थित हो गई है। रात के समय अंधेरे में लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है, जिससे दुर्घटनाओं और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों का खतरा बना रहता है।
प्रशासन की प्राथमिकताओं पर उठे सवाल
स्थानीय नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि नगर पालिका व जिला प्रशासन केवल औपचारिक योजनाओं और सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित होकर रह गया है। ज़मीनी स्तर पर काम की गुणवत्ता और निरंतरता का अभाव है।
क्या होगा सारंगढ़ की जनता को जवाब?
अब सवाल यह है कि जब एक छोटा नगर पंचायत अपने संसाधनों से अपने क्षेत्र को आधुनिक बना सकता है, तो फिर जिला मुख्यालय होने के बावजूद सारंगढ़ क्यों पिछड़ता जा रहा है? क्या यहाँ की जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने की आदत डाल दी गई है?
सवाल लगातार
हाईमास्ट लाइट जैसी पहलें न केवल प्रकाश देती हैं, बल्कि प्रशासनिक सोच और जनता के प्रति संवेदनशीलता की भी पहचान होती हैं। अब देखना यह है कि क्या सारंगढ़ नगर पालिका इस आलोचना को आत्मचिंतन का विषय बनाकर कार्यशीलता दिखाएगी, या फिर जनता को यूँ ही सवाल उठाते रहना पड़ेगा।