
सारंगढ़ में कलेक्टोरेट के सामने 75 वर्ष के बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ आमरण अनशन पर बैठा!
7 साल बाद भी नहीं मिला जमीन का मुआवजा,
75 वर्ष के बुजुर्ग का साथ बैठी उसकी 65 वर्ष की पत्नी,
बरमकेला के ग्राम संड़ा के निवासी है आमरण अनशन पर बैठे पति-पत्नी,
कलेक्टर ने सप्ताह भर मे निराकरण करने का दिया आश्वासन,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ के बरमकेला विकासखंड़ के ग्राम संड़ा में करीब 7 साल से बुजुर्ग परिवार मुआवजा पाने दर-दर भटक रहा है। तहसीलदार, एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक से परिवार गुहार लगा चुका है। लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। अब बुजुर्ग चिलचिलाती धूप में लकवाग्रस्त पत्नी और पोते को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। 75 वर्ष के शौकीलाल सिदार का साथ उसकी 65 वर्ष की पत्नी दे रही है।
दरअसल, मामला 2018 का है। ग्राम संडा निवासी शौकी लाल सिदार की 18 डिसमिल जमीन PWD विभाग ने सड़क चौड़ीकरण के लिए ली थी। सड़क बना दी गई, लेकिन
मुआवजा अब तक नहीं मिला। परिवार मुआवजा पाने 2018 से प्रयासरत है। बुजुर्ग ने अब
मजबूर होकर कहा- मर जाऊंगा लेकिन अब नहीं उठूंगा। साथ में गांधी जी की तस्वीर और
भगवत गीता रखकर कलेक्टर दफ्तर आने वाली सड़क पर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
पत्नी और पोते के साथ अनशन पर बैठे
बुजुर्ग शौकी लाल सिदार ने रोते हुए कहा कि उनकी उम्र 75 साल है। पत्नी की उम्र 65 साल
है। पत्नी को घर में छोड़ नहीं सकता क्योंकि हमारा कोई नहीं है। पोता है जो अभी छोटा है।
इसलिए दोनों आकार बैठे हैं।
महात्मा गांधी का फोटो और गीता को रखा साथ,
बताया जा रहा है कि बरमकेला विकासखंड़ के ग्रामीण दंपत्ति ने आमरण अनशन में अपने साथ दो कुर्सी के बीच में एक कुर्सी भी रखा है जिसमे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो और उनके सामने गीता को रखकर प्रशासन के समक्ष अपना मांग को प्रबलता के साथ रखा है। 75 वर्ष के बुजुर्ग ने जिस अंदाज मे आमरण अनशन प्रारंभ किया तथा मजबूत इरादो के साथ अपनी मांग को लेकर कलेक्टोरेट के सामने बैठा उससे जिला प्रशासन मे हड़कंप मच गया है। कलेक्टर ने दिया सप्ताह भर में निराकरण का आश्वासन सारंगढ़ कलेक्टोरेट के रास्ते पर आमरण अनशन पर बैठे शौकीलाल सिदार के पत्नी के साथ आमरण अनशन पर बैठने की सूचना कलेक्टर डां.संजय कन्नौजे को मिली तो उन्होने तत्काल उनके पास पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी लिया तथा उनकी बातो को धैर्य के साथ सुनकर
एक सप्ताह के अंदर मुआवजा मामले का निराकरण करने का आश्वासन दिया। जिससे उम्मीद दिख रही है कि बुजुर्ग दंपत्ति का मुआवजा मामला का निराकरण हो जायेगा।
सुशासन तिहार के बीच में आमरण अनशन?
बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में अभी सुशासन तिहार चल रहा है तथा समस्याओ पंजीयन के बाद अब निराकरण करने के लिये समाधान शिविर लगाया जा रहा है किन्तु ग्रामीणो के मन की बात सुने तो यह सुशासन तिहार सिवाये कागजी घोडे के और कुछ नही है। इस कारण सें ग्रामीणो का इस सुशासन तिहार और समाधान शिविर पर भरोसा हट रहा है। सारंगढ़ जिला मे समाधान शिविर में ग्रामीणो की कम उपस्थिति और उत्साह का अभाव सें साफ नजर आ रहा है
कि सुशासन तिहार और समाधान शिविर सिर्फ दिखावा है और यहा पर दिया जाने वाला आवेदन-निवेदन का कागज सिर्फ आफिस-आफिस मे घूमेंगा। यही कारण है कि समाधान शिविर में हितग्राहियो और सरकारी भीड़ के अलावा आम जनता नदारद दिख रही है। कलेक्टोरेट के सामने आमरण अनशन पर बैठे बुजुर्ग दंपत्ति कई बार कई स्तर पर अपना आवेदन-निवेदन कर चुके है फिर भी उनकी समस्या का निराकरण नही हुआ तो थक-हारकर आमरण अनशन पर बैठकर अपनी मांग पर प्रशासन का ध्यान आकृष्ठ कराया।