
सारंगढ़ का बस स्टैंड : अपनी बदहाली पर बहा रहा है आंसू, नगर पालिका कर रही है उपेक्षित व्यवहार,
धूप में खड़े होने को मजबूर है यात्रीगण,
पीने की पानी तक की सुविधा नही,
गंदगी और बदबू से परेशान है राहगीर,
बस स्टैंड का कर दिया गया विस्तार लेकिन नही है यात्रियो के लिये कोई सुविधा,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ का बस स्टैंड अपनी बदहाली पर आंसू बहाने के लिये मजबूर है। यहा पर प्रतिदिन सौ से अधिक बसो का संचालन होता है तथा सार्वजनिक यातायात के यह एक मात्र परिवहन का साधन है। किन्तु जिस प्रकार से नगर पालिका सारंगढ़ ने बस स्टैंड को उपेक्षित करके रखा हुआ है उससे यहा पर आने वाले यात्रियो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्री प्रतिक्षालय नही होने तथा पीने का पानी की सुविधा नही होने के कारण से यहा पर गतंव्य स्थलो के लिये बस पकड़ने के लिये बस स्टैंड आने वाले यात्री परेशान हो जा रहे है। जिला बनने के बाद उल्टा सारंगढ़ बस स्टैंड को उपेक्षित रखा जा रहा है।
एक समय मे सारंगढ़ के बस स्टैंड की गिनती क्षेत्र के श्रेष्ठ बस स्टैंड के रूप मे होती थी। यात्री प्रतिक्षालय, साफ-सफाई, पीने की पानी की सुविधा और व्यवस्थित बसो का रख-रखाव से क्षेत्र मे सारंगढ़ बस स्टैंड का अपना अलग महत्व था किन्तु अब सारंगढ़ बस स्टैंड बदहाली का शिकार हो गया है। यहा पर नाली का पानी बस स्टैंड के बीच मे भरा पड़ा है वही गंदगी से पूरा बस स्टैंड सराबोर है। यहा पर साफ-सफाई का अभाव साफ तौर पर दिख रहा है। गाय का गोबर हो या कीचड़ का पानी हो बस स्टैंड को गंदगी से भरा बना दिया गया है। साथ ही इस बस स्टैंड में यात्री प्रतिक्षालय नही होने से यात्रियो को गंतव्य स्थल की ओर जाने के लिये बसो का इंतजार करने के लिये किसी दुकानदार के दुकान के सामन फुटपाथ पर बैठकर समय काटना पड़ता है।
नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा यहा पर स्थापित यात्री प्रतिक्षालय को डिस्टमेंटल करके यहा आश्रय स्थल बना दिया गया है किन्तु आश्रय स्थल यात्री प्रतिक्षालय का स्थान नही ले पा रहा है जिसके कारण से यात्रियो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहा पर पीने का पानी तक का कोई व्यवस्था नही है तथा एक मात्र बोरिंग यहा पर बिगड़ गया है जिसके कारण से यहा पर खरीदकर पीने का पानी पीना पड़ता है। वही सुलभ शौचालय यहा पर नि:शुल्क नही है बल्कि सशुल्क है। वाटर कूलर का भी व्यवस्था यहा पर नही है जिससे यात्रियो
को पीने का पानी के लिये परेशानी का सामना करना पड़ता है। छांव की व्यवस्था नही होने से यात्रियो को धूप मे ही अपने बसो का इंतजार करना पड़ता है। साफ-सफाई का अभाव से बदहाल हुआ सारंगढ़ का बस स्टैंड़ सारंगढ़ बस स्टैंड में पहले नियमित रूप से साफ-सफाई होती थी किन्तु अब साफ-सफाई का अभाव साफ नगर आ रहा है। जिला मुख्यालय बनने के बाद उल्टा यहा पर साफ-सफाई बंद हो गया है। नियमित रूप से यहा पर लगने वाला झाडू भी अब नही लग रहा है। यहा पर कचड़ा का ढेंर लगा हुआ रहता है। अन्य शहरो/गांवो से लोगो का आवागमन सारंगढ़ बस स्टैंड में होता है। जिला मुख्यालय बनने के बाद बसो की आवाजाही बढी है किन्तु यात्री सुविधा के नाम पर सारंगढ़ में शून्यता हावी है। नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारियो के पास बस स्टैंड की सुध लेने का समय नही है वही यहा पर प्रतिदिन आने वाले हजारो राहगीरो के लिये कोई भी ऐसा व्यवस्थित कार्य नगर पालिका सारंगढ़ नही कर रही है जिससे उसे वाहवाही मिले। नाली का पानी खुले मे यहा पर जमा पड़ा है जिससे गंदगी से बस स्टैंड सराबोर दिख रहा है।
पीने तक का पानी की सुविधा नही?
सारंगढ़ बस स्टैंड में सबसे बड़ी किल्लत पीने का पानी तक का सुविधा नही होना है। यहा पर यात्री प्रतिक्षालय को बंद करके आश्रय स्थल का निमार्ण करा दिया गया है किन्तु दैनिक यात्री प्रतिक्षालय के यात्री कहा पर रहेगें? इसका कोई जवाब किसी के पास नही है? पीने का पानी की कोई व्यवस्था पूरे बस स्टैंड में नही है। समाजसेवी संस्थान भी प्याऊ नही खोल पाये है। एक मात्र हैड़पंप भी बंद पड़ा है। पीने के पानी तक के लिये यात्रीगण तरस जा रहे है। यात्री प्रतिक्षालय और पीने का पानी के बिना बस स्टैंड की कल्पना बेकार है किन्तु सारंगढ़ के जिला मुख्यालय बस स्टैंड मे ना तो यात्री प्रतिक्षालय है और ना ही पीने का पानी की सुविधा है। नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी सारंगढ़ बस स्टैंड को लेकर उपेक्षित रवैया अपनाये हुए है।
बस स्टैंड का विस्तार के बाद भी सुविधा नही?
सारंगढ बस स्टैंड में प्रतिदिन 100 से अधिक बसो का आवागमन हो रहा है जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने नगर पालिका की रिक्त भूमि पर बस स्टैंड का विस्तार कर दिया किन्तु वहा पर ना तो यात्री प्रतिक्षालय के लिये कोई शेड़ आदि का निमार्ण किया है और ना ही यात्री सुविधाओ के लिये पीने का पानी या अन्य कोई व्यवस्था किया है जिसके कारण से नया विस्तारित क्षेत्र में भी यात्रीयो को मूलभूत सुविधाओ के लिये तरसना पड़ रहा है।