राज्य

दुष्कर्म पीड़िता को हाई कोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति, लेकिन गर्भस्थ शिशु का पहले होगा डीएनए टेस्ट, ताकि… जिससे दुष्कर्म के आरोपी को सजा दिलाई जा सके. 

दुष्कर्म पीड़िता को हाई कोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति, लेकिन गर्भस्थ शिशु का पहले होगा डीएनए टेस्ट, ताकि… जिससे दुष्कर्म के आरोपी को सजा दिलाई जा सके. 

दुष्कर्म पीड़िता को हाई कोर्ट ने दी गर्भपात की अनुमति, लेकिन गर्भस्थ शिशु का पहले होगा डीएनए टेस्ट, ताकि… जिससे दुष्कर्म के आरोपी को सजा दिलाई जा सके. 

 बिलासपुर। हाई कोर्ट ने बिलासपुर की दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती युवती को गर्भपात की मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने यह आदेश मेडिकल बोर्ड की विस्तृत रिपोर्ट के बाद जारी किया है. गर्भपात से पहले उसका DNA परीक्षण भी कराया जाएगा, जिससे दुष्कर्म के आरोपी को सजा दिलाई जा सके.

गुरुवार को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई, तो कलेक्टर की तरफ से मेडिकल बोर्ड ने केवल एक पन्ने की ओपीडी पर्ची में रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि युवती का गर्भपात किया जा सकता है. एक पन्ने की रिपोर्ट पर जस्टिस रविंद्र अग्रवाल ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मेडिकल बोर्ड को तलब कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए

कोर्ट का कहना था कि शासन के गाइडलाइन के अनुसार युवती का मेडिकल परीक्षण होना था, जैसे ब्लड टेस्ट, एचआईवी टेस्ट और सोनोग्राफी जांच वगैरह भी किया जाना था. तब मेडिकल बोर्ड ने क्षमा मांगते हुए दोबारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा, और सेकेंड हॉफ में मामले की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसके बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार की सुबह 11 बजे युवती को जिला अस्पताल में उपस्थित होकर गर्भपात कराने का निर्देश दिया है.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट आशीष तिवारी ने आग्रह किया कि युवती दुष्कर्म पीड़िता है. लिहाजा, गर्भपात से पहले उसका DNA परीक्षण भी कराया जाए, ताकि रेप के आरोपी को सजा दिलाई जा सके. इस पर हाईकोर्ट ने तारबाहर थाना प्रभारी को एसपी के माध्यम से DNA जांच कराने की प्रक्रिया पूरी कराने कहा है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button