जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल में चक्रवाती तूफान के चलते हुई बूंदाबांदी, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/साल्हेओना,

सारंगढ़ अंचल में चक्रवाती तूफान के चलते हुई बूंदाबांदी, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/साल्हेओना,

सारंगढ़ अंचल में चक्रवाती तूफान के चलते हुई बूंदाबांदी, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/साल्हेओना,

चक्रवाती तूफान फेंजल का असर क्षेत्र में शनिवार को साफ साफ दिखाई। इसके चलते बूंदाबांदी हो रही है और वातावरण में नमी आ गया है। बेमौसम बारिश शुरु होते ही किसानों व ग्रामीणों का काम काज प्रभावित रहा। किसानों की धान फसल कटाई को रोकना पडा है और जिसने कटाई कर खलिहान तक ले आए थे उन्हें तिरपाल आदि ढंककर बचाने की मशक्कत में लगे रहे। दक्षिण – पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थित चक्रवाती तूफान फेंजल आगे बढते ही प्रदेश के सभी जगहों पर शनिवार सुबह को घने बादल छा गए और प्रतिघंटा 10 किलोमीटर की रफ़्तार में हवा चलने लगा। दोपहर 12 बजे से बूंदाबांदी तेज हो गई। जो देर शाम तक जारी रहा। ऐसे में धान फसल की कटाई कर रहे किसानों व ग्रामीणों को कटाई रोक देना पडा है। साल्हेओना के किसान संतोष गंजहा पटेल, बिलाईगढ के किसान सुभाष पटेल, ने बताया कि तहसील सरिया क्षेत्र में धान फसल की कटाई की शुरुआत बमुश्किल से एक सप्ताह से हुआ था कि बेमौसम बारिश ने कहर बनकर टूटने लगा है। किसानों के खेतों में 55 प्रतिशत कटाई हो पाया है और गांवों के बहरा भीतर के खेतों में धान फसल खड़े है। जो चक्रवाती तूफान की हवा व बारिश की बूंदों से खड़े फसल जमीन पर गिरने लगा है और अगले दो दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आए हैं। जिन किसानों ने धान की कटाई हंसिया से करके करपा को खेत में छोड़ दिए थे उनको धान करपा को सुखाने में जद्दोजहद करना पडेगा।किसानों का कहना है कि यदि मौसम का ऐसा ही बर्ताव रहा तो फसल को नुकसान होना निश्चित है। गिरे हुए धान की कटाई करने में दिक्कत होगी और कटाई खर्च बढ़ जाएगा।

साल्हेओना सेक्टर पिछड़ा हुआ है

तहसील क्षेत्र सरिया व बरमकेला में कटाई 75 फीसदी हो चुका है। वही सबसे पिछड़ा हुआ साल्हेओना सेक्टर के तहत साल्हेओना, दादरपाली, बांजीपाली, केनाभांठा, कारीगांठी, धोबनीपाली, बिलाईगढ अ, छुहीपाली,बरगांव, मानिकपुर बडे, विश्वासपुर है। इन जगहों पर किसान 10 – 15 फीसदी कटाई कर पाए हैं। अब बेमौसम बारिश के चलते धान की कटाई एक सप्ताह आगे खिसक गया है। क्योंकि खेत व धान की बालियां सूखने के बाद ही दोबारा कटाई प्रारंभ कर पाएंगे।

केप कव्हर से ढंके खरीदी केंद्रों

धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी के शुरुआत करने के साथ ही केप कव्हर की व्यवस्था कर लिया गया था। इस वजह से धान की बोरियों को बचा लिया गया है। खरीदी केंद्रों में 500 से 1000 क्विंटल की खरीदी हो पाई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button