रायगढ़

बेमेतरा की बारूद कंपनी का एक यूनिट रायगढ़ में भी

बेमेतरा की बारूद कंपनी का एक यूनिट रायगढ़ में भी

बेमेतरा की बारूद कंपनी का एक यूनिट रायगढ़ में भी 

रायगढ़, इंडस्ट्रियल विस्फोटकों का कारोबार बेहद खतरनाक होता है। हादसे की आशंका भी होती है और काम करने वाले श्रमिकों की सेहत का भी विषय गंभीर होता है। रायगढ़ जिले में तीन कंपनियों बारूद सप्लाई करती हैं। इसमें एक कंपनी वही है जिसकर बेमेतरा यूनिट में हुए ब्लास्ट में कई मजदूरों की मौत हो गई थी। रायगढ़ में इस कंपनी के यूनिट के बारे में किसी का ध्यान ही नहीं गया। कोयला, डोलोमाइट, लाइमस्टोन, क्वाट्र्जाइट जैसे खनिजों की खदानें रायगढ़ जिले में हैं। इनमें भारी मात्रा में विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है।

यहां ज्यादातर डेटोनेटर के जरिए विस्फोट किए जाते हैं, लेकिन क्या किसी को मालूम है कि विस्फोटक सामग्री कहां से आती है? क्या रायगढ़ में भी कोई कंपनी इसका भंडारण करती है? इसकी जानकारी कोई रखना नहीं चाहता। अफसरों को इससे कोई मतलब ही नहीं है कि विस्फोटकों का कारोबार करने वाले शर्तों का पालन कर रहे हैं या नहीं? जिस कैटेगरी के विस्फोटकों को रखने और सप्लाई करने की अनुमति है, क्या वही भंडारित किए जाते हैं? इसकी जानकारी खंगाली गई तो पता चला कि रायगढ़ जिले में तीन ऐसी कंपनियां हैं जिनको बारूद रखने और बेचने की अनुमति है।

चौंकाने वाली बात यह है कि बेमेतरा में जिस कंपनी की बारूद फैक्ट्री में ब्लास्ट हुए थे, उसकी एक यूनिट रायगढ़ में भी है। पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन से जिस फर्म को अनुमति मिलती है वही बारूद का कारोबार कर सकता है। मई में बेमेतरा के स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड की फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें कई मजदूरों की लाशें टुकड़ों में मिली थी। स्पेशल ब्लास्ट की एक यूनिट रायगढ़ के सराईपाली में है। जाहिर सी बात है कि कंपनी यहां से उद्योगों को विस्फोटक सप्लाई करती है। जब हमने पता किया कि क्या कभी किसी टीम ने इस कंपनी के परिसर की गहन जांच की तो इस संबंध में कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। मतलब जब कोई हादसा होगा तभी हम जागेंगे।

दो और कंपनियां भी करती हैं कारोबार
रायगढ़ जिले में औद्योगिक विस्फोटकों की खपत भारी मात्रा में होती है। कोयला खदानों के अलावा रायगढ़, सारंगढ़, जांजगीर चांपा, सक्ती में भी सप्लाई होती है। रायगढ़ में स्पेशल ब्लास्ट्स के अलावा एमल्टेक कंपनी और रेजेन्सिस इंडस्ट्रीज प्रालि भी रायगढ़ में कारोबार करती हैं। किन परिस्थितियों में ये कंपनियां चल रही हैं। इसका कुछ भी पता नहीं है।

आज होगी समीक्षा
यह ऐसा विषय है जिस पर आम जनता को अधिक जानकारी नहीं होती है। इस वजह से हादसे होने के बाद सबकी नींद टूटती है। रायगढ़ में कलेक्टर के आदेश से आज सभी एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार, जीएम उद्योग विभाग, खनिज विभाग, पर्यावरण विभाग, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग, डीजीएमएस, श्रम विभाग, विद्युत निरीक्षक की बैठक बुलाई गई है। इसमें पेसो की शर्तों के आधार पर की गई कार्रवाई और जानकारी के साथ उपस्थित होने को कहा गया है।

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