छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में व्यापक बदलाव के संकेत। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिए स्पष्ट संकेत। कई दिग्गजों पर मंडराया खतरा।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे बोले- उन राज्यों जहां संभावनाओं
और अपेक्षा के विपरीत परिणाम आए, उन पर चर्चा होगी,
तात्कालिक कदम उठाए जाएँगे।
New Delhi| कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है -“ जहां कांग्रेस की अपेक्षाओं के विपरीत परिणाम आए हैं, उन राज्यों में जो कदम उठाना होगा, वो उठाए जाएँगे ।” कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष
खड़गे की इस बात के दायरे में छत्तीसगढ़ सीधे तौर पर शामिल
माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस दो सीटों पर क़ाबिज़ थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह केवल एक सीट ही बचा पाई है।
क्या कहा है खड़गे ने
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए हालिया नतीजों पर ख़ुशी और संतोष ज़ाहिर किया। लेकिन उसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा -“जहाँ हम कुछ राज्यों में कांग्रेस पार्टी के अच्छे प्रदर्शन पर खुश हैं, तो वहीं उन राज्यों पर भी खास तौर से गौर करना होगा, जहां कांग्रेस पार्टी की संभावनाओं और अपेक्षाओं के विपरीत परिणाम आए। जहाँ हमने विधान सभा में अच्छा प्रदर्शन कर सरकार बनाई, लेकिन लोक सभा में उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए।” कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ठीक इसके बाद कहा -“इन सभी बातों पर हम जल्दी ही अलग से चर्चा करेंगे। जो तत्कालिक कदम उठाना होगा, वो भी हम उठाएंगे।”
क्या होगा दिग्गजों का
लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के प्रदर्शन नतीजों के लिहाज़ से
कांग्रेस के लिए क़तई बेहतर नहीं हैं। यह भी सही है कि, कांकेर
समेत चार सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस ने ज़बर्दस्त टक्कर दी। लेकिन खबरें हैं कि, भूपेश बघेल के नेतृत्व में पाँच वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस, विधानसभा में ‘अबकि बार पचहत्तर पार’ के नारे के साथ उतरी और पैंतीस सीटों पर सिमट गई। लोकसभा में कांग्रेस ने भूपेश और उनके तीन क़रीबियों को टिकट दिया और चारों सीटों पर कांग्रेस चारों खाने चित्त हो गई। कांग्रेस के भीतरखाने क़यासों का दौर जारी है कि, अब आमूलचूल परिवर्तन होना तय है। दावा यहाँ तक है कि, वरिष्ठों की भुमिका गंभीर रुप से बदली जा सकती है। कांग्रेस की ओर से संकेत दिए जा रहे हैं कि संगठन में ‘गाइडेंस बोर्ड’ जैसी कोई जगह नहीं होती लेकिन राजनीति में कोई भी चीज स्थाई नहीं होती। वक्त परिस्थितियों के आधार पर निर्णय होते रहते हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने बात कही थी या संकेत दिया था
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे की बात आठ जून की है। लेकिन
सात जून को डॉ चरणदास महंत ने जो कहा था उसे देखें तो सवाल उपजता है कि, डॉ चरणदास महंत ने बात कही थी या भविष्य का संकेत दिया था। डॉ चरणदास महंत कोरबा की लोकसभा सीट ना केवल दूबारा जीत गए बल्कि उन्होंने 2019 के मुक़ाबले बेहतर लीड से सीट पर जीत दर्ज की। कोरबा से डॉ महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत दूबारा प्रत्याशी थीं। डॉ चरणदास महंत से यह सवाल हुआ था कि, दस सीटें हारे आप जीते, इस पर क्या कहेंगे। जवाब में डॉ चरणदास महंत ने कहा -“मैं ऐसा मानता हूँ कि जब भी पूरे दिल से, दिमाग़ से और पूरी इमानदारी से अपने लिए संघर्ष किया जाए, खुद को विजयी मानकर आप चुनाव लड़ें तो आप जीतते हैं। आपके मन में कहीं कोई कसक है या कोई गलत चीज का एहसास है, तब आपको चुनाव लड़ने में कठिनाई होती है।” डॉ चरणदास महंत से सवाल हुआ कि क्या छत्तीसगढ़ के नतीजों की समीक्षा होगी तो डॉक्टर महंत ने कहा -“बिलकुल विश्लेषण करेंगे। बैठक है सीडब्लूसी में, वहाँ का जो निर्देश होगा, उस हिसाब से परीक्षण भी होगा, खोजबीन भी जारी होगी।” डॉ महंत ने जवाबदेही के सवाल पर कहा -“ज़िम्मेदार हम लोग हैं यह समझ लीजिए। इसकी समीक्षा करेंगे कि, किसका कितना दोष है।”