


खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 2183 मेट्रिक टन चावल जमा नही किया मिलर्स नें,
लगभग 7 करोड़ रूपये का चावल का गबन?
खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम कार्यवाही में जुटा,
सारंगढ़ और बरमकेला के राईस मिलर्स शामिल,
सारंगढ़,
नवीन जिला बने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में पांच राईस मिलर्स के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के धान उठाने के बाद भी चावल नही जमा नही किया गया है। लगभग 7 करोड़ रूपये की राशी के चावल को जमा नही करने के कारण से प्रशासन इन पांच राईस मिल के संचालको के खिलाफ गबन के मामले में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दिया है। वही इन कार्यवाही की भनक से राईस मिलर्स के हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के पांच राईस मिल के द्वारा 30 नवंबर 2022 तक अनिवार्य रूप से बचत चावल को जमा करने के लिये कलेक्टर खाद्ध शाखा तथा नान के द्वारा अंतिम नोटिस जारी किया गया था। किन्तु इन सभी राईस मिलर्स के द्वारा इस नोटिस को गंभीरता से नही लिया गया जिसके कारण से लगभग 7 करोड़ रूपये के चावल को गबन किये जाने के आरोप में सभी राईस मिलर्स पर एफआईआर दर्ज कराये जाने की तैयारी हो रही है। इस संबंध में सूत्रो ने बताया कि इस सूची मे सारंगढ़ अंचल के 5 राईस मिलो के द्वारा वर्ष 2021-22 में धान खरीदी के पश्चात धान का उठाव किया गया था किन्तु उसके एवज में चावल जमा नही किया गया था। इस कारण से इन सभी राईस मिलर्स को बार-बार नोटिस भेजा गया था किन्तु 30 नवंबर 2022 के अंतिम डेडलाईन के नोटिस के बाद भी उक्त राईस मिलर्स के द्वारा 2183 मेट्रिक टन चावल को जमा नही किया गया। बताया जा रहा है कि उक्त चावल का बाजार मूल्य लगभग 7 करोड़ 4 लाख रूपये है तथा उक्त चावल को खाद्य शाखा और नान कार्यालय मे जमा करने के स्थान पर आनाकानी किया जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी उक्त राईस मिलर्स के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का मूड़ बनाया तथा अब 7 करोड़ रूपये के चावल का गबन करने के मामले मे पांच राईस मिलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराये जाने की तैयारी चल रही है। वही इस मामले में 29 नवंबर को जिला राईस मिल एसोशियेसन जिला-सारंगढ़-बिलाईगढ़ के द्वारा राईस मिलर्स के द्वारा अभी तक जमा नही किया गया चावल को जमा करने के लिये 1 माह का मोहलत मांगे जाने संबंधी ज्ञापन भी सौपा गया था किन्तु प्रशासन 7 करोड़ रूपये के इस चावल को जमा नही करने वाले राईस मिलर्स पर कार्यवाही करने के लिये कमर कस चुकी है। मामले की जानकारी देते हुए खाद्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 30 नवंबर 2022 तक इन्हें पिछले वर्ष का चावल जमा करना था। 5 राइस मिलर ऐसे थे, जो समय से जमा नहीं कर पाए। उनका एग्रीमेंट होता है और वह एक बैंक गारंटी जमा करते हैं। बैंक गारंटी के माध्यम से पूरी कीमत वसूली जाएगी। वही पेनाल्टी लगेगा, जो आवश्यक कार्यवाही है, वह हो रही है। साथ में आगे के लिए ब्लैक लिस्टेड की प्रक्रिया भी की जाएगी। एवं इसके लिये एफआईआर भी दर्ज किया जायेगा।
कौन-कौन राईस मिलर्स पर किया जा रहा कार्यवाही?
इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ अनुविभाग के बरमकेला के छेवारीपाली में स्थित दीदी पिलासन राईस मिल पर सर्वाधिक चावल जमा करना बाकि है। इस राईस मिलर्स ने लगभग 10 हजार क्विंटल चावल को जमा नही किया है। वही शर्मा राईस मिल लोधिया बरमकेला के द्वारा लगभग 6 हजार क्विंटल चावल जमा नही किया गया है। इसी प्रकार से गोमती फूड़ बरपाली के द्वारा लगभग 900 क्विंटल चावल को जमा नही किया गया है। जबकि सारंगढ़ के गणपति इंडस्ट्री रानीसागर के द्वारा लगभग 5 हजार क्विंटल चावल तथा जे.के.राईस मिल टेंगनापाली के द्वारा लगभग ढ़ाई हजार क्विंटल चावल जमा नही किया गया है। यह सभी चावल का बाजार मूल्य लगभग 7 करोड़ रूपये का हो रहा है।
कौन-कौन राईस मिलर्स का नाम है शामिल
दीदी पिलासन राईस मिल छेवारीपाली बरमकेला
शर्मा राईस मिल, लोधिया, बरमकेला
गोमती फूड़ बरपाली, बरमकेला
गणपति इंडस्ट्री, रानीसागर, सारंगढ़
जे.के.राईस मिल टेंगनापाली, सारंगढ़