जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

वेयरहाउस से भिनोदा सोसायटी तक पहुंचने में 140 किलोग्राम चावल गायब?

वेयरहाउस से भिनोदा सोसायटी तक पहुंचने में 140 किलोग्राम चावल गायब?

वेयरहाउस से भिनोदा सोसायटी तक पहुंचने में 140 किलोग्राम चावल गायब?

जनम ट्रांसपोर्ट एवं कांट्रेक्टर कंपनी को मिला है सप्लाई का ठेका!
क्या यह चोरी है या संगठित चोरी है ?
क्या इसमें अधिकारियो की भी मिलीभगत हो सकती है?

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सरसीवां तहसील अर्न्तगत आने वाला भिनोदा ग्राम पंचायत में पीडीएस चावल चोरी का मामला एक बार फिर उजागर हुआ है, जिसने खाद्य सुरक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जोकि ग्रामीणों ने इस कमी को चावल चोरी का संका जताया है। वियरहाउस बंदारी से ट्रक क्रमांक CG 04 JD 1016 (ओनर– जनम ट्रांसपोर्ट एंड कॉन्ट्रेक्टर) द्वारा भेजे गए चावल में लोडिंग से लेकर अनलोडिंग तक कई स्तर पर संदिग्ध गड़बड़ी सामने आई है। वेयरहाउस में जहाँ 30,100 किलोग्राम चावल तौल किया गया था, वहीं  ट्रक के मौके पर पहुँचने पर वजन घटकर 29,960 किलोग्राम पाया गया। यह 140 किलोग्राम का अंतर अपने आप में ही चोरी और मिलीभगत की ओर स्पष्ट संकेत करता है। इसके बाद जब भिनोदा सोसायटी में 386 बोरी चावल खाली कराया गया तो वजन के हिसाब से 19,300 किलोग्राम चावल मिलना चाहिए था,

लेकिन खाली ट्रक का वजन दोबारा कराने पर यह आँकड़ा मात्र 19,160 किलोग्राम निकला। इस प्रकार लोडिंग से वितरण तक कुल 140 किलोग्राम चावल गायब मिला, जो कि पीडीएस चावल चोरी के संगठित नेटवर्क की ओर इशारा करता है।सरपंच एवं ग्रामीणों का कहना है कि यह चोरी कोई नई नहीं है—जून माह में भी इसी तरह चावल चोरी कर बेचते हुए ट्रक चालक पकड़ा गया था, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग ग्रामीणों ने स्वयं की थी। कलेक्टर द्वारा तत्काल जाँच के आदेश के बावजूद आज तक न तो किसी कार्रवाई की जानकारी सामने आई और न ही रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, जिससे संदेह और गहरा गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वर्षों से बिना वजन के ट्रक खाली कराए जाते रहे हैं, जिसके कारण पंचायतों की सोसायटीयाँ सैकड़ों क्विंटल के नुकसान में पहुँच चुकी हैं, और अब प्रशासन यह घाटा संचालकों से वसूल रहा है जबकि असल गड़बड़ी परिवहन और वियरहाउस स्तर पर हो रही है।

यह पूरा मामला बताता है कि पीडीएस चावल की चोरी महज छोटी-मोटी नहीं बल्कि एक सुनियोजित और व्यवस्थित लूट है, जिसमें लोडिंग कर्मचारी, ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालक तक की मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। सरपंच एवं ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कठोर जांच की मांग की है, साथ ही वियरहाउस से सोसायटी तक डिजिटल वेटिंग सिस्टम, ट्रकों में GPS ट्रैकिंग, और पुराने सभी मामलों की जाँच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि जब तक जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब
तक गरीबों का हक यूँ ही चोरी होकर बाजारों में बिकता रहेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button