जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

बरमकेला में 16 करोड़ की लागत से बन रही जलआवर्धन योजना को पूरा करने सीएम श्री साय का कलेक्टर को विशेष निर्देश कलेक्टर कान्फ्रेंस में सारंगढ़ कलेक्टर से पूछा प्रोग्रेस रिर्पोर्ट,

बरमकेला में 16 करोड़ की लागत से बन रही जलआवर्धन योजना को पूरा करने सीएम श्री साय का कलेक्टर को विशेष निर्देश कलेक्टर कान्फ्रेंस में सारंगढ़ कलेक्टर से पूछा प्रोग्रेस रिर्पोर्ट,

बरमकेला में 16 करोड़ की लागत से बन रही जलआवर्धन योजना को पूरा करने सीएम श्री साय का कलेक्टर को विशेष निर्देश कलेक्टर कान्फ्रेंस में सारंगढ़ कलेक्टर से पूछा प्रोग्रेस रिर्पोर्ट,

अपने संसदीय क्षेत्र रहे बरमकेला के प्रति सीएम विष्णुदेव साय का अपनापन दिखा,
7 साल बाद भी अधूरा है बरमकेला नगर का जलआर्वधन योजना,
13.33 करोड़ की योजना मे अतिरिक्त व्यय 3.51 करोड़ की मंजूरी के बाद भी कार्य पूर्ण नही?

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
गर्मीकाल के दौरान पीने की पानी तक के लिये तरसने वाले बरमकेला नगर पंचायत में 16 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से बनने वाली जलआवर्धन योजना को लेकर सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर से मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रोग्रेस रिपोर्ट पूछा। अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र का ध्यान रखने वाले मुख्यमंत्री श्री साय ने गर्मी माह के पहले ही बरमकेला नगर पंचायत सहित बरमकेला ब्लाक के जलआवर्धन योजना को पूरा करने के निर्देश दिये है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 2016 मे बरमकेला नगर पंचायत के लिये जलआवर्धन योजना को मंजूरी मिली थी। लगभग 13.33 करोड़ रूपये लागत से बनने वाला यह जलआर्वधन योजना मे कलमा बैराज से पानी लाया जाना था तथा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्ध पानी को नगरवासियो को पाईप लाईन के सहारे वितरित करना था किन्तु आज वर्कआर्डर होने के 7 साल होने के बाद भी यह जलआवर्धन योजना अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि सालभर पहले वित्तमंत्री ओ.पी.चौधरी ने इस योजना के लिये 3.51 करोड़ रूपये की अतिरिक्त स्वीकृति भी दिलाई है।

इसके बाद भी आज तक बरमकेला का जलआर्वधन योजना का पूरा नही होने हो पाने से मुख्यमंत्री श्री साय थोड़े चितिंत दिखे। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर कान्फ्रेंस के दौरान ही सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के कलेक्टर डां.संजय कन्नौजे से मुख्यमंत्री श्री साय ने बरमकेला के जलआवर्धन योजना की स्थिति को लेकर सवाल पूछ दिया। जहा उन्होने योजना के पूरा नही होने पर कलेक्टर को कुछ बिन्दु पर निर्देश देकर तत्काल इस कार्य को पूर्ण कराने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर्स कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनता से जुड़ी योजनाओं की बारीकी से जानकारी ली और समीक्षा कर कलेक्टरों को दिशा निर्देश दिए हैं। श्री साय अपने पुराने राजनीतिक दायित्वों की वजह से रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भी व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए हैं और रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र को अपना घर मानते हैं। वहां के हर सार्वजनिक कार्यक्रमों में वे जाने का प्रयास भी करते हैं। गर्मी में होने वाले जलसंकट को लेकर सीएम श्री साय को बरमकेला की चिंता है। बताया जा रहा है

कि बरमकेला में करीब सात साल से जल आवर्धन योजना चल रही हैं नगर पंचायत होने के कारण इसका इलाका भी काफी बड़ा है। बरमकेला अंचल के कई गांव जल संकट से जूझते हैं और आने वाले वर्ष में यहां भूमिगत स्रोत बहुत नीचे जाने के संकेत हैं। यही कारण है कि सरकार यहां के जल संकट प्रभावित करीब 35 गांवों पर विशेष ध्यान दे रही है। बरमकेला ब्लॉक को पहले 13 करोड़ 33 लाख रुपये दिए गए थे। भाजपा की सरकार आने के बाद वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तीन करोड़ 51 लाख की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की है। राशि पर्याप्त मिलने से बरमकेला में जल आवर्धन का काम तेजी पकडा हुआ है और अमृत मिशन योजना के तहत हर घर तक नल पहुंचाने का काम भी चल रहा है। सरकार की चिंता यहां का भूमिगत जल स्रोत का कमजोर होना है। इसे ध्यान में रख कर वहां पर सोखता बनवा कर और अन्य तरीके से जल स्रोत को बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। इलाके में वाटर शेड परियोजना और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर ज्यादा काम नहीं हुआ है, इस कारण जल संकट गंभीर होता जा रहा है। पीएचई विभाग के अफसर भी मानते हैं कि जल संरक्षण की दिशा में इलाके में गंभीरता से पर्याप्त प्रयास करने की जरुरत है। 3.51 करोड़ की अतिरिक्त बजट की स्वीकृति बरमकेला ब्लॉक को पूर्व में 13 करोड़ 33 लाख रुपए की राशि दी गई थी अब इसमें 3 करोड़ 51 लाख रुपए की अतिरिक्त स्वीकृति मिलने के बाद योजना पर कुल 16 करोड़ 84 लाख रुपए खर्च होंगे। बरमकेला के जलआर्वधन योजना पर कुल 16 करोड़ 84 लाख रुपए खर्च होंगे। इस राशि का उपयोग पाइप लाइनों के विस्तार सहित अन्य विकास कार्यों के लिए किया जाएगा। वित्त मंत्री ओपी चौधरी की पहल से बरमकेला में आवर्धन जल योजना के लिए 3.51 करोड़ का अतिरिक्त बजट स्वीकृत किया गया है।

प्रदेश में सबसे संकटग्रस्त विकासखंड़ मे बरमकेला दूसरा नंबर पर बरमकेला इलाके में भूजल स्रोत को लेकर रिपोर्ट ठीक नहीं है। यदि अभी ध्यान नहीं दिया गया तो भूजल स्रोत पूरी तरह सूख जाएंगे। अभी हाल यह है कि कुछ इलाके में बोर करने पर पानी का स्रोत नहीं मिलता। केंद्रीय भूजल संरक्षण की रिपोर्ट में भी कहा जा चुका है कि प्रदेश में बालोद जिले के गुरुर इलाके ही हालत सबसे ज्यादा खराब है और इसके बाद प्रदेश में बरमकेला का नंबर आता है। सबसे खतरनाक बात यह है कि यहां के 98.73 प्रतिशत भूजल स्रोत सूख जाने की बात रिपोर्ट में कही
गई है। इस तरह केवल 1.27 प्रतिशत पानी ही जीवनयापन के लिए बच रहा है। यही कारण है कि सरकार चाहती है कि बरमकेला में समय पर जल आवर्धन योजना का विस्तार हो और पाइप लाइन के जरिए घरों तक पानी पहुंच जाए। बरमकेला के दूरस्थ इलाकों के गांवों की हालत गर्मी के मौसम में बहुत खराब हो जाती है, लोग पानी के लिए तरसते हैं।


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