
“उड़ता सारंगढ़” : अवैध शराब और नशे के गिरफ्त में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला!
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में नशे के खिलाफ अभियान सुस्त,
जिला में अपराध मे लगातार हो रहा है बढ़ोत्तरी,
गांजा, महुआ शराब और नशे के टेबलेट गांव-गांव में उपलब्ध,
हर गांव में अवैध महुआ शराब का काऊंटर,
ढ़ाबो मे बिक रही है धड़ल्ले से शराब, गांजा की पुड़िया आसानी से उपलब्ध,
सरकारी शराब दुकान से भी तस्करी का सामने आ रहा है मामला?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
जिला बनने के बाद सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में नशे का कारोबार दिन-दुनी और रात-चौगुनी तरक्की कर रहा है। जिले के अधिकांश ढ़ाबा में खुले आम शराब परोसी जा रही है। आसानी से नशे का सामान उपलब्ध होने के कारण से सारंगढ़ “उड़ता सारंगढ़” बनते जा रहा है। नशे मे मदहोश होने के कारण से जिले में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। युवाओ के बीच शराब के साथ-साथ नशे के टेबलेट काफी लोकप्रिय होते जा रहे है। इस पर अंकुश नही लगा तो सारंगढ़ में नशा एक बड़ा सामाजिक समस्या के रूप मे सामने आयेगा।
सारंगढ में नशे का कारोबार में सर्वाधिक मांग देशी शराब और अवैध महुआ शराब की है
वही उसके बाद गांजा भी बड़ी भूमिका में डिमांड़ है इसके साथ नशे का टबलेट का भी सारंगढ़ बड़ा बाजार बनता जा रहा है। नशे के सामानो के आसानी से मिलन के कारण से पूरा अंचल नशे मे मदहोश दिख रहा है। छोटे उम्र के बच्चे नशे मे मदहोश दिख रहे है। कोटपा एक्ट और नशे के खिलाफ अभियान सिर्फ कागजो पर संचालित है। सिगरेट से शुरू होने वाला नशे का कारोबार गांजा और महुआ शराब में कब तब्दील हो जा रहा है पता नही चल पा रहा है। सिगरेट के धुंआ उड़ाते हुए बेहद कम उम्र के युवा कब नशे के परमानेंट ग्राहक बन जा रहे है इसका अंदाजा किसी को नही है। स्थिति इतनी खराब है कि
सारंगढ़-बिलाईगढ़ के युवा अपने भविष्य को नशे में बिगाड़ने मे तुले है। अवैध महुआ शराब और गांजा की बड़ी खेप का सारंगढ़ में खपत होते आ रहा है वही अब नशीला टेबलेट भी आसानी से परचून की दुकान पर उपलब्ध है। काबाजो पर नशे के खिलाफ चल रहे अभियान के कारण से मैदानी स्तर पर नशे के खिलाफ कोई एक्शन नही दिख रहा है। युवाओ के नशे में मदहोश रहने के कारण में ढ़ाबा और पार्टी का बड़ा योगदान रहा है। सारंगढ़ के अधिकांश ढ़ाबा में बड़ी आसानी से देशी शराब और गांजा उपलब्ध
है। ढ़ाबो मे नशे का सामान बड़ी आसानी से मिल रहा है किन्तु कार्यवाही के नाम पर ढ़ाबो मे कोई छापामार कार्यवाही नही होती हे। वही गांव-गांव में बड़ी आसानी से गांजा की पुड़िया मिल रही है। सारंगढ़ शहर मे भी बड़ी आसानी से गांजा की पुड़िया उपलब्ध है। नशा के खिलाफ सख्ती नही दिखाने के कारण से सारंगढ़ का युवा अपने भविष्य को नशे मे लगा दे रहा है और अपराध को अंजाम दे रहा है।
गांव-गांव में महुआ शराब बना बड़ा व्यवसाय?
सारंगढ़ के सरकारी शराब दुकानो मे होने वाली बिक्री से दुगुना ज्यादा खपत अवैध महुआ शराब की है। गांव-गांव में अवैध महुआ शराब का उत्पादन का काम शुरू हो गया है। जिसको वितरण करने के लिये बकायदा चैनल काम कर रहा है। देशी अवैध महुआ शराब के काला कारोबार लगभग प्रतिदिन 5 से 10 लाख रूपये के आंकड़ा को पार कर रहा है। कोतरी जैसे गांव में प्रतिदिन एक हजार लीटर से अधिक महुआ शराब का उत्पादन और विक्रय होते आ रहा है। वही इसका खपत भी बड़े स्तर पर हो रहा है। अवैध महुआ शराब के कारण से गांव-गांव में युवा नशे के गिरफ्त मे दिख रहे है। आबकारी विभाग की नाकामी के कारण से गांव-गांव महुआ शराब से मदहोश नजर आ रहे है। सरकारी शराब दुकान से हो रहा है
कोचियो के पास आपूर्ति? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में सरकारी शराब दुकानो पर कुछ दिनो से कोचियो की नजर पड़ी हुई है और अब महुआ शराब को छोड़कर सरकारी देशी शराब को बेचने के काम में सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में 500 से अधिक गुमटी-ठेले लगे हुए है। इनके पास देशी शराब दुकान से ही शराब की आपूर्ति धड़ल्ले से हो रही है। ऐसे मे सारंगढ़ शहर के हर वार्ड में बड़ी आसानी से मिलने वाला शराब के कारण से युवा वर्ग “उड़ता सारंगढ़” अर्थात नशे मे सारंगढ़ के रूप में अपना भविष्य तबाह करने पर उतारू हो गये है। गत दिनो सरकारी शराब दुकान से 200 पाव शराब की तस्करी का भांड़ाफोड़ सारंगढ़ सिटी कोतवाली पुलिस ने किया था जिससे इनका सिडीकेंट का पता चला। पानी की तरह उपलब्ध है ढ़ाबो मे शराब? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के अधिकांश ढ़ाबो और गुमटियो मे पानी की तरह अवैध देशी और सरकारी शराब उपलब्ध है। सरकारी दुकानो मे मिलने वाले शराब के दर से 25 फीसदी अधिक दर से मिलने वाला शराब बडी आसानी से शराबियो को मिल रहा है। सारंगढ़ के ढ़ाबो मे मिलने वाला शराब जिले के ही सरकारी शराब दुकानो से निकला हुआ है। इन ढ़ाबो में मिलने वाले शराब के बैच को मिलाने पर सरकारी शराब दुकान का पता चल जायेगा। किन्तु अभी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में शराब और अपराध का गहरा संबंध है।
युवाओ मे लोकप्रिय हो रहा है नशे के सामान की तस्करी? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे बेरोजगार युवाओ के बीच अवैध महुआ शराब का तस्करी और सरकारी दुकानो से शराब की तस्करी खासा लोकप्रिय होते जा रहा है। बताया जा रहा है इस काम में तत्काल नगद भुगतान होने से युवाओ के बीच स्कूल बैग से शराब तस्करी करना बड़ा आसान और तत्काल मुनाफा का काम हो गया है। नशे के खिलाफ पुलिस का अभियान नही होना और तस्करी पर कार्यवाही नही होने से सारंगढ़ में नशे का कारोबार दिन-दुनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है।