
अजब-गजब “सारंगढ़” : जिले के दो बीएमओ का 26 जून को हुआ ट्रांसफर्र, 30 जून को हो गया निरस्त?
सारंगढ़ बीएमओ डां.आर.एल.सिदार को स्थानान्तरण किया गया था पत्थलगांव,
बिलाईगढ़ बीएमओ डां.सुरेश खूंटे को स्थानान्तरण कोण्डागांव हुआ था,
महज 4 दिन में ही स्थानान्तरण आदेश निरस्त?
स्वास्थ विभाग की जमकर हो रही है जगहंसाई?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
छत्तीसगढ़ शासन की स्थानान्तरण नीति सारंगढ़ के मामलें फिसड्डी साबित हो गई। 26 जून को सारंगढ़ के दो विकासखंड़ के स्वास्थ विभाग के बीएमओ सारंगढ़ के बीएमओ
डां.आर.एल.सिदार और बिलाईगढ़ के बीएमओ डा.सुरेश खूंटे का स्थानान्तरण किया गया और मात्र 4 दिन में ही उनका स्थानान्तरण आदेश निरस्त कर उन्हे यथावत पदस्थ कर दिया गया। इस स्थानान्तरण आदेश के जारी होने और निरस्त होने को लेकर नवीन जिला सारंगढ़ फिर एक बार प्रदेश मे सुर्खियो में है। सारंगढ़ मे लंबे समय से बीएमओ के रूप में पदस्थ डां.आर.एल.सिदार सर्जरी विशेषज्ञ को राज्य शासन के द्वारा 26 जून को प्रशासनीक कारणो से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पत्थलगांव जिला जशपुर में स्थानान्तरण किया था।
वही बीएमओ बिलाईगढ़ के रूप में कार्यरत डां.सुरेश खूंटे मेंडिसीन विशेषज्ञ को भी उसी दिन सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र फरसगांव जिला कोण्डागांव में पदस्थ किया था। किन्तु स्थानान्तरण के महज 4 दिन बाद ही दोनो डाक्टर को स्थानान्तरण आदेश को संशोधित करते हुए वापस सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र सारंगढ़ में पदस्थ कर दिया गया है। 30 जून को लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग छ.ग.शासन के अवर सचिव दिव्या वैष्णव के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में दोनो डाक्टर का स्थानान्तरण निरस्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मात्र 4 दिन में ही स्थानान्तरण आदेश को निरस्त करते हुए वापस पूर्व स्थान पर ही पदस्थापना से छत्तीसगढ़ शासन के स्थानान्तरण निति मे किया जा रहा मनमानी का जीता-जागता उदाहरण मिल गया। सारंगढ़ में बतौर बीएमओ डां.आर.एल.सिदार लगभग 8 वर्षो से कार्यरत है तथा लगभग 20 बरस से सारंगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में बतौर सर्जरी विशेषज्ञ पदस्थ है वही डां.सुरेश खूंटे भी गत 5 वर्षो से सारंगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में पदस्थ है।
बताया जा रहा है कि दोनो ही प्रमुख डाक्टर सारंगढ़ विकासखंड़ के बीएमओ और बिलाईगढ़ विकासखंड़ के बीएमओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ है तथा एक साथ दोनो बीएमओ का सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला से स्थाथान्तरण चौकाने वाला था। कुछ लोगो को अर्से से जमे डाक्टरो का तबादला को स्वास्थ विभाग में कसावट और सुधार के तौर पर दिख रहा था तो कुछ को दोनो बीएमओ का स्थानान्तरण शिकवा-शिकायत दिख रहा था। किन्तु 4 दिन बाद ही दोनो डाक्टर का वापस सारंगढ़ में पदस्थ होना बड़ी बात हो गई है। बताया जा रहा है कि महज 4 दिन में ही संशोधन आदेश जारी होने से तथा दोनो बीएमओ के
वापस अपने-अपने मूल स्थान पर आने से कई सवाल खड़े हो रहे है। सरकारी ड्यूटी या प्राईवेट नर्सिग हास्पिटल का मोह? सारंगढ़ बीएमओ डां.आर.एल.सिदार का सारंगढ़ में अपनी रिश्तेदार के नाम पर हस्पताल है वही बिलाईगढ़ बीएमओ डां.सुरेश खूंटे का सरसीवां के पेण्ड्रावन मे खुद का हस्पताल है। ऐसे में उनका नये स्थान पर कार्यभार सम्हालने के स्थान पर 4 दिन के अंदर आदेश निरस्त होना कई सवालो को जन्म दे रहा है। क्या अपने प्रभार वाले निजी अस्पताल को समय देने के लिये दोनो बीएमओ ने ताकत लगाकर अपना स्थानान्तरण को निरस्त कराया है? या निजी क्लिनिक में ड्यूटी देने के लिये ही वापस सारंगढ़ में पदस्थ हुए है? सवाल तो सोशल मिडिया मे खूब तैर रहे है और लोग इस स्थानान्तरण निति पर सवाल भी खड़े कर रहे है किन्तु बड़ा सवाल यह है कि दोनो ही डाक्टर निजी क्लिनिक में ज्यादा समय देगें ? या ओपीडी में मरीजो को समय देगें?
क्योकि सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में दर्जन भर से अधिक डाक्टर होने के बाद भी
ओ.पी.डी. में महज दो से तीन डाक्टर ही सेवा देते है।
प्रशासनीक कसावट से दूर सारंगढ़?
सारंगढ़ भले ही जिला मुख्यालय बन गया है किन्तु सरकारी अधिकारी यहा पर बेलगाम हो चुके है। विशेषकर स्वास्थ विभाग मे हाल-बेहाल है। यहा पर सरकारी डाक्टर मोटी सैलरी के लिये पदस्थ जरूर है किन्तु ओ.पी.डी. में ड्यूटी देने के नाम पर उनको चिढ़ लगती है। खास बात यह है कि सारंगढ़ के कई निजी क्लीनिक में सारंगढ़ के सरकारी डाक्टर ड्यूटी करते हुए नजर आ जाते है। ऐेसे मे सारंगढ़ ऐसे लोगो के लिये पसंद है जो मनमानी करते है। बताया जा रहा है कि सारंगढ़ बीएमओ डा.आर.एल.सिदार का रिश्तेदार के नाम पर निजी हास्पीटल है और बिलाईगढ़ बीएमओ डां.सुरेश खूंटे का भी सरसीवां मे निजी क्लीनिक है। कलेक्टर साहब चाहे तो ओपीडी के समय में दोनो बीएमओ की उपस्थिति इन निजी क्लीनिको मे स्वयं देख सकते है। किन्तु ऐसा कौन सा समस्या सारंगढ़ के लिये खड़ी हो गई कि महज 4 दिन में ही ट्रांसफर्र आदेश को स्वास्थ विभाग निरस्त कर रहा है? यह सवाल भी बड़ा सवाल के रूप मे अभी चर्चा में है।