
सारंगढ़ अंचल में अर्जुन पेड़ो की अवैध कटाई करके किया जा रहा है तस्करी?
वन विभाग के कर्मचारियो की भूमिका संदिग्ध?
अवैध कटाई के बाद परिवहन करने वालो के पकड़ने के स्थान पर उनको दिया गया
संरक्षण?
स्थानीय कर्मचारियो की लंबे समय से पदस्थापना होने से सारंगढ़ वन महकमा का
मनमानी भारी?
आड़ियो क्लीप भी हो रहा है वायरल,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
वन्य जीव और वन वृक्षों की सुरक्षा करने के लिए सरकार वन विभाग में कर्मचारी,अधिकारी की नियुक्ति कर चौक चौकन्ना रहने के लिए सरकार इनको जिम्मेदारी दिए है लेकिन वहीं वन विभाग के कुछ तथाकथित कर्मचारी इमारती,औषधि पेड़ो की कटाई करवाकर अन्यत्र जिला में सप्लाई करवा रहे है। सारंगढ़ के एक कर्मचारी जिसका वाहन क्रमांक सीजी 02 एयू 2096 छत्तीसगढ़ शासन लिखा हुआ वाहन जो वन विभाग के सामान्य विभाग की है आखिर सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले और सक्ति जिले के बॉर्डर में क्या करने गया था? जहां औषधि लकड़ी अर्जुन पेड़ की ट्रैक्टर से लोडिंग होकर वन विभाग की सामने से निकल रहा था और वन विभाग मुखबधिर बना था या संरक्षण दे रहे थे ये समझने की आवश्यकता है? आरोप है कि कथित वनपाल ही औषधी पेड़ो को तस्करी करवा रहा है।
सोशल मिडिया में वायरल एक फोटो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि दो जिलों के बॉर्डर में सारंगढ़ सामान्य वन विभाग का सरकारी वाहन खड़ी है वही जिस बॉर्डर में सरकारी वन विभाग की वाहन खड़ी है उसी जगह से ट्रेक्टर पर इमारती लकड़ी लदी हुई पार कराने में सारंगढ़ वन विभाग के कर्मचारी सहयोग कर रह है। अवैध कटाई पर कार्यवाही करने के बजाय वन विभाग के अमला यहा पर उल्टा सहयोग कर रहे है। ग्रामीणो का आरोप है कि सारंगढ़ सामान्य वन विभाग की सरकारी वाहन वही पर अवैध कटाई वाली वाहन के परिवहन का इंतजार कर रही है और इमरती लकड़ी से भरा ट्रैक्टर तस्करी कर रहे है लेकिन वन विभाग ने कुछ भी नही किया? क्या जिम्मेदारी नहीं बनती कि पूछताछ करे? या संबंधित जिले को सूचना दे तो ऐसे नहीं किया गया बल्कि उनका सहयोग किया गया।
सारंगढ़ में वन विभाग की क्या जिम्मेदारी है?
वन विभाग के सामने इमरती,औषधि लकड़ियों का तस्करी हो रहा है? और तस्करी करने वाले तस्कर वन विभाग का संरक्षण मिल रहा है? किसका है ये गाड़ी नंबर और उस सरकारी वाहन में कौन था? क्या कार्यवाही होता है? या संरक्षण दे कर अधिकारी खाना पूर्ति करता है।
मामले मे लीपापोती का चल रहा है प्रयास?
बताया जा रहा है कि गोमर्डा अभ्यारण्य से औषधी पेड़ो को अवैध रूप से कटाई करके तस्करी किया गया और वन विभाग के कर्मचारियो को इस बात की जानकारी होने के बाद भी उसको रोकने का प्रयास नही किया बल्कि संरक्षित रूप से उस वाहन को
जिले के बार्डर से भेजने मे संरक्षक की भूमिका निभाई। ऐसे में सारंगढ़ वन विभाग के कार्यशैली की जांच होना अनिवार्य है तथा दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर कार्यवाही भी होनी चाहिये।