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अगले तीन घंटे के लिए 8 जिलों में येलो और 14 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी की है. आंधी और वज्रपात की चेतावनी….

अगले तीन घंटे के लिए 8 जिलों में येलो और 14 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी की है. आंधी और वज्रपात की चेतावनी....

अगले तीन घंटे के लिए 8 जिलों में येलो और 14 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी की है. आंधी और वज्रपात की चेतावनी….

 

 रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम फिर करवट ले रहा है. प्रदेश के कई जिलों में आंधी, तेज हवाएं, मेघगर्जन और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने इन स्थितियों को लेकर अगले तीन घंटे के लिए 8 जिलों में येलो और 14 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी की है.

इन जिलों में येलो अलर्ट

रायगढ़, कोरबा, जशपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर, में मेघगर्जन / आकाशीय बिजली / अचानक तेज हवा / आंधी (40-60KMPH) की संभावना है.

इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट

सुकमा, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा मरवाही, मुंगेली, कोरिया, बलरामपुर, में मेघगर्जन / आकाशीय बिजली /अचानक तेज हवा (30-40 KMPH) की संभावना है.

अगले 3 दिनों में तापमान में होगी वृद्धि

मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में आज एक दो स्थानों पर हलकी वर्षा, गरज चमक के साथ छीटें पड़ने की संभावना है. साथ ही कुछ इलाकों में गरज-चमका के साथ अंधड़ चलने और वज्रपात होने की संभावना है. इसके अलावा दिन के तापमान में वृद्धि का दौर जारी रहने की संभावना. अगले 3 दिनों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक वृद्धि होने, तत्पश्चात कोई विशेष परिवर्तन नहीं होने की संभावना है.

पश्चिमी विक्षोभ वर्तमान में एक चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के रूप में ईरान के ऊपर लगभग 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर सक्रिय है. इसका अक्ष मध्य और उपरी क्षोभमंडल में 56 डिग्री पूर्व और 27 डिग्री उत्तर अक्षांश पर स्थित है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता उत्पन्न हो रही है. इसके अतिरिक्त, एक पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली द्रोणिका उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश से उत्तर छत्तीसगढ़ तक लगभग 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है, जिसके चलते नमी बनी हुई है. साथ ही, एक उत्तर-दक्षिण दिशा की द्रोणिका दक्षिण तेलंगाना से मन्नार की खाड़ी तक फैली हुई है, जो भी लगभग 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक सक्रिय है. इन सभी प्रणालियों के कारण वातावरण में नमी और अस्थिरता बढ़ रही है, जिससे बादल गरजन, बारिश और तापमान में उतार-चढ़ाव बना हुआ है.

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