भूमि आबंटन में अनियमितता का मामला : सारंगढ़ नगर
पालिका अध्यक्ष को नोटिस जारी !

4 लोगो को किया गया है भूमि आबंटन,
शासन से सक्षम स्वीकृति नहीं लेने का किया नगरीय प्रशासन विभाग ने किया
जिक्र,
नगरीय प्रशासन विभाग नें कारण बताओ नोटिस किया जारी,
नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत कार्यवाही
का किया उल्लेख,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष श्रीमती सोनी अजय बंजारे नई मुसीबत में घिरते दिख रही है। नगर पालिका क्षेत्रार्न्तगत 4 लोगो को रिक्त भूमि का आबंटन करने के मामले में शासन से सक्षम स्वीकृति प्राप्त नही करने का आरोप लगाते हुए उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में जिक्र किया गया है कि प्रथम द्ष्टया दोषी मानते हुए छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत कार्यवाही का उल्लेख है। इस धारा में 5 साल तक आगामी पांच वर्ष तक के लिए आगे निर्वाचित किये जाने हेतु निरहित घोषित करने का प्रावधान है। वही इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा अपना जवाब सक्षम अधिकारी के पास प्रस्तुत करने की जानकारी सामने आ रही है।
दरअसल पूरा मामला सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्रार्न्गत दुकान के आबंटन का है।
बताया जा रहा है कि नंद बरेठा गंगाराम बरेठा, निवासी-सारंगढ़ ने बस स्टैण्ड परिसर दक्षिण स्थित दुकान क्रमांक 01 के बगल में रिक्त भूमि, मो. इजराईल अंसारी निवासी सारंगढ़ ने बस स्टैण्ड परिसर दक्षिण स्थित दुकान क्रमांक 10 के बगल में रिक्त भूमि, श्रीमती शारदा देवी जायसवाल, निवासी-सारंगढ़ ने सिनेमा हॉल स्थित दुकान क्रमांक 01 बगल में रिक्त भूमि और सत्येन्द्र सिंह ठाकुर, निवासी-सारंगढ़ जनपद कार्यालय के सामने स्थित निकाय के रिक्त भूमि को आबंटित करने का आवेदन नगर पालिका सारंगढ़ को दिया था जिस पर नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा पीआईसी के बैठक में उक्त भूमि आबंटन को स्वीकृति दे दिया गया तथा सामान्य सम्मेलन की बैठक दिनांक 25.07.2022. 28.12.2022 में आबंटन की पुष्टि की गई। किन्तु आरोप है कि उक्त भूमि आबंटन के लिये शासन से सक्षम स्वीकृति नही लिया गया और परिषद् निर्णय के पूर्व ही आधिपत्य सौंप दिया गया था।
इसी प्रकार अनुबंध पत्र में पक्ष क्रमांक 02 एवं गवाहों के के हस्ताक्षर नहीं होने से अनुबंध की कार्यवाही अपूर्ण होने के बाद भी भी 03 वर्षीय लीज पर आबंटन करा दिया गया। इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग में गत दिनो शिकायत प्रस्तुत किया गया जिसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने नगर पालिका सारंगढ़ के अध्यक्ष श्रीमती सोनी अजय बंजारे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था। कारण बताओ नोटिस में अवर सचिव ने भूमि आबंटन को लिये शासन से सक्षम स्वीकृति नही लेने सहित कुछ बिन्दु पर अनियमितता की जानकारी का जिक्र करते हुए अध्यक्ष के खिलाफ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत कार्यवाही करने का उल्लेख करते हुए जवाब मांगा जिसके तारतम्य में नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा जवाब प्रस्तुत करने की जानकारी मिल रही है। इस कार्यवाही संबंधी पत्र के वायरल होने के बाद से नगर पालिका की राजनिति गर्म हो गई है। भूमि आबंटन में क्या-क्या अनियमितता का लगा आरोप?

दरअसल नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा 4 लोगो को भूमि का आबंटन किया गया है। पीआईसी के द्वारा पारित प्रस्ताव के बाद सामान्य सम्मेलन मे उक्त भूमि आबंटन के प्रस्ताव को अनुमोदन किया गया है। इसी मामले को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर में उच्चस्तरीय शिकायत किया गया जिसमें आरोप लगाया गया कि उक्त भूमि को आबंटन के लिये शासन से सक्षम स्वीकृति नही लिया गया तथा प्रस्ताव का अनुमोदन करने के पूर्व ही भूमि को अधिपत्य मे दे दिया गया है। इसी प्रकार अनुबंध पत्र में पक्ष क्रमांक 02 एवं गवाहों के के हस्ताक्षर नहीं होने से अनुबंध की कार्यवाही अपूर्ण होने के बाद भी भी 03 वर्षीय लीज पर आबंटन कराया गया। जिसको लेकर नगरीय प्रशासन विभाग अब कार्यवाही के मूड में नजर आ रहा है।
किसके-किसको आबंटित किया गया है भूमि?
नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार जिन लोगो को सारंगढ़ नगर पालिका में भूमि का आबंटन किया गया उसमें नंद बरेठा गंगाराम बरेठा, निवासी-सारंगढ़ ने बस स्टैण्ड परिसर दक्षिण स्थित दुकान क्रमांक 01 के बगल में रिक्त भूमि, मो. इजराईल अंसारी निवासी सारंगढ़ ने बस स्टैण्ड परिसर दक्षिण स्थित दुकान क्रमांक 10 के बगल में रिक्त भूमि, श्रीमती शारदा देवी जायसवाल, निवासी-सारंगढ़ ने सिनेमा हॉल स्थित दुकान क्रमांक 01 बगल में रिक्त भूमि और सत्येन्द्र सिंह ठाकुर, निवासी-सारंगढ़ जनपद कार्यालय के सामने स्थित निकाय के रिक्त भूमि आबंटित किया गया है। बताया जा रहा है कि उक्त मामले में किया गया शिकायत आवेदन में शिकायतकर्ता का नाम बंटी केशरवानी लिखा हुआ है।
नगर पालिका अधिनियम 1961 के धारा 41?
नगर पालिका सारंगढ़ के अध्यक्ष श्रीमती सोनी अजय बंजारे को नगरीय प्रशासन विभाग ने उक्त आबंटन को लेकर कारण बताओ जारी किया है तथा छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत कार्यवाही का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद या किसी समिति के अध्यक्ष को हटाने के बारे में प्रावधान करती है। यह धारा लोकहित या परिषद के हित में, किसी व्यक्ति को पद पर बने रहने से रोकने या उनके द्वारा अपने कर्तव्यों के पालन में असमर्थता या अधिनियम के नियमों के उल्लंघन के आधार पर कार्रवाई करने का प्रावधान करती है. इस धारा का उपयोग अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद या किसी समिति के अध्यक्ष को हटाने के लिए किया जाता है. बताया जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति लोकहित या परिषद के हित में
पद पर बने रहना उचित नहीं है, या यदि वह अपने कर्तव्यों के पालन में असमर्थ है, या यदि वह अधिनियम या उसके नियमों के उल्लंघन में कार्य कर रहा है, तो उसे पद से हटाया जा सकता है। राज्य सरकार को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि किसी व्यक्ति को पद से हटाया जाए या नहीं, यदि वह लोकहित या परिषद के हित में ऐसा करने का निर्णय लेती है। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सोनी अजय बंजारे को कारण बताओ सूचना पत्र मे उल्लेख किया गया है कि 15 दिवस के भीतर कारण स्पष्ट करें कि प्रथम दृष्ट्या दोषी मानते हुए छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के के तहत आगामी पांच वर्ष तक के लिए आगे निर्वाचित किये जाने हेतु निरहित घोषित क्यों न किया जाएं? समय-सीमा में प्रतिउत्तर, अप्राप्त रहने पर आपके विरूध्द एकपक्षीय कार्यवाही की जावेगी। उक्त पत्र अजय तिर्की, अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा जारी किया गया है।
मुझे बदनाम करने की साजिश – मयूरेश केशरवानी

सारंगढ़ नगर पालिका वार्ड क्रमांक 04 से पार्षद व भाजपा जिला मिडिया प्रभारी मयूरेश केशरवानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि मिली जानकारी के अनुसार विगत कई महीनों से लगातार सारंगढ़ में कई विषयों को लेकर कुछ विभागों में विभिन्न प्रकार की शिकायतें की जा रही है जिनमें आवेदक के तौर पर बिना पते व सम्पर्क के सिर्फ बंटी केशरवानी लिख दिया जा रहा है, जिनसे मेरा दुर दुर तक कोई वास्ता नही है। चुंकि आधिकारिक दस्तावेजों में मेरा नाम मयूरेश केशरवानी है लेकिन घरेलु नाम ‘‘बंटी‘‘ है जिसके कारण मेरे कई शुभचिंतकों ने मुझसे इस विषय पर चर्चा करते हुए नगर पालिका समेत अन्य विभागों में प्रार्थी बंटी केशरवानी के नाम से हुई शिकायतों पर मेरा मत जाना, जिसपर मैंने उन्हे बताया कि मेरे द्वारा जनहित के मुद्दों पर जब भी आवेदन प्रेषित किये जाते हैं वो सभी मेरे आधार कार्ड में अंकित नाम मयूरेश केशरवानी के नाम से किये जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि शहर में किन्ही शरारती तत्वों द्वारा मेरी छवि धुमिल करने के उद्देश्य से मेरे घरेलु नाम का सहारा लिया जा रहा है, शिकायतों मे नाम के अलावा पता, सम्पर्क और मकान नम्बर भी नही डाला जा रहा है। नगर पालिका क्षेत्र में हो रहे प्रार्थी बंटी केशरवानी के नाम से जो शिकायतें हो रही हैं उनसे मेरा कोई लेना देना नही है जिस भी व्यक्ति को इस बारे में ज्यादा जानकारी लेनी हो वो मेरे से व्यक्तिगत सम्पर्क कर सकता है। उक्त बातें प्रेस के माध्यम से नगर पालिका वार्ड क्रमांक 04 से पार्षद व भाजपा जिला मिडिया प्रभारी मयूरेश केशरवानी के द्वारा कही गई।