
CG.पुलिस के हिरासत से भागा कैदी : SSP रजनेश सिंह ने प्रधान आरक्षक और दो आरक्षक को किया सस्पेंड
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पुलिस हिरासत से कैदी के फरार होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। इस मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रजनेश सिंह ने प्रधान आरक्षक मुन्ना किन्डो, आरक्षक पुरुषोत्तम दास पंत और रजनीश लहरे को निलंबित कर दिया है। जानकारी के अनुसार, बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद अपराध क्रमांक 297/2024, धारा 20 बी एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी उत्तरा कुमार खुंटे को सांस लेने में तकलीफ के कारण 26 अप्रैल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस लाइन में तैनात प्रधान आरक्षक मुन्ना किन्डो, आरक्षक पुरुषोत्तम दास पंत और रजनीश लहरे को तैनात किया गया था।
28 अप्रैल को सुबह 8:30 बजे आरोपी उत्तरा कुमार खुंटे ने आरक्षक रजनीश लहरे को चकमा देकर अपनी हथकड़ी खोलकर अस्पताल से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि उस समय रजनीश लहरे फ्रेश होने के लिए बाथरूम गए थे। अस्पताल और आसपास के क्षेत्र में आरोपी की तलाश की गई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। प्रधान आरक्षक मुन्ना किन्डो की शिकायत पर पुलिस ने फरार आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 262 के तहत मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
आरक्षक पर अवैध वसूली का आरोप, जेल भेजा गया
इस कार्रवाई के बीच फरार आरोपी को पकड़ने गए आरक्षक रजनीश लहरे स्वयं अवैध वसूली के मामले में पकड़े गए हैं। जिला अस्पताल से आरोपी के फरार होने के बाद रजनीश लहरे उसे खोजने के लिए डभरा गए थे। सोमवार देर रात 3 बजे लहरे अपने दो साथियों के साथ डभरा-चंदरपुर मार्ग पर वाहन खड़ा कर स्वयं को डभरा थाना प्रभारी बताकर ड्राइवरों से अवैध वसूली कर रहे थे। सूचना मिलने पर डभरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रजनीश लहरे और वाहन मालिक को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उनका एक साथी फरार हो गया। पुलिस ने अवैध वसूली का मामला दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया है। यह घटना बिलासपुर पुलिस की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।