
नगर पालिका के वार्ड क्र.1 कुटेला में फ्लाईएश पाटकर शहरी क्षेत्र को किया जा रहा प्रदूषित?
कुटेला के सरकारी भूमि पर फ्लाईएश पाटने का काम शुरू,
रिहायशी क्षेत्र में फ्लाईएश का निदान से होगा परेशानी?
भूजल स्त्रोत प्रभावित होगा,
शासकीय कालेज के 20 मीटर दूर किया जा रहा है फ्लाईएश का निदान?
हजारो टन फ्लाईएश का किया जायेगा भराव?
ना नियमो का पालन और ना ही प्रशासन का डर?
रायगढ़ के मित्तल को मिला फ्लाईएश निदान का ठेका?
सारंगढ़़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे माफियाओ के हिसाब से कामकाज चल रहा है। नगर पालिका के रिहायशी क्षेत्र में फ्लाईएश का निदान करने के लिये हजारो टन फ्लाईएश को पाटने का काम शुरू हो गया है। सरकारी भूमि और सरकारी कालेज से सटे हुए क्षेत्र में हो रहे फ्लाईएश के निदान से कुटेला के रहवासियो को जलीय पर्यावरण प्रदूषण का सामना भी करना पड़ेगा साथ ही सरकारी कालेज की शैक्षणिक गतिविधि पर भी प्रभाव पड़ने से इंकार नही किया जा सकता है। नियमो को ताक मे रखकर दिया गया इस अनुमति आदेश और नियमो को दरकिनार कर फ्लाईएश पाटने का इस काम से क्षेत्र मे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है किन्तु पुराने जिला के पर्यावरण अधिकारी आंख मूंदकर सारंगढ़ को प्रदूषित फ्लाईएश का डंपिंग क्षेत्र बनाने पर तुल गये है।
सरकारी भूमि पर पहले अवैध खनन करके पत्थर निकाल कर खदान का रूप दे दिया
गया जिसमे पानी भरने के कारण से उसे वार्ड के निवासी निस्तारी के लिये उपयोग करने लगे और अब मोटा लालच के कारण से रायगढ़ के एक ठेकेदार को इस सरकारी गड़्ढ़े को फ्लाईएश से पाटने के लिये अनुमति प्रदान कर दिया गया है। जिसके कारण से पानी की समस्या से पहले से ही परेशान कुटेला के निवासी अब दूषित पानी की समस्या से भी परेशान होगें। घनी आबादी के बीच तथा सरकारी कालेज पं.लोचन प्रसाद पांड़े शासकीय महाविद्यालय से सटा हुआ क्षेत्र में हजारो टन फ्लाईएश का निदान करन से नगर पालिका के वार्डवासी भी प्रदूषण से परेशान होगें और जलीय प्रदूषण से भी परेशान होगें किन्तु यह परेशानी ना तो जिला प्रशासन को नही दिखा और ना ही पर्यावरण विभाग को नही दिखा क्योकि माफियाओ का संबंध इतने प्रगाण है कि फ्लाईएश के निदान के नाम पर लाखो रूपये के वारा-न्यारा मे सबका हिस्सा बराबर का बंधा हुआ है। सूत्रो की माने तो बिना नियमो का पालन किये कुछ दिन पहल स्थानान्तरित एक अधिकारी ने आनन-फानन मे इस फ्लाईएश का शहरी क्षेत्र मे निदान का अनुमति दिया है।
इसके पीछे बड़े स्तर पर चढावा दिये जाने का भी आरोप क्षेत्रवासी लगा रहे है। संयंत्रो से निकलने वाली फ्लाईएश के निदान के लिये कुछ नियम बनाये गये है जिसमे शहरी/रिहायशी क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानो के आसपास के लिये यह निदान प्रतिबंधित किये गये है किन्तु सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के मुख्यालय सारंगढ़ के नगर पालिका के वार्ड क्रमांक-1 कुटेला में सरकारी भूमि पर फ्लाईएश के निदान के लिये इन प्रतिबंधो को शिथिल कर दिया गया है। सूत्रो ने बताया कि पुराने अधिकारी ने अपने स्थानान्तरण होने के कारण से आनन-फानन में फ्लाईएश का निदान करने का फाईल पर अनुमति प्रदान कर दिया है। जिसके कारण से शहरी क्षेत्र मे हजारो टन फ्लाईएश को पाटकर वार्ड क्रमांक 1 के क्षेत्र को प्रदूषित बनया जायेगा। सारंगढ़ के सरकारी कालेज के पास महज 20 मीटर की दूरी पर हजारो टन फ्लाईएश के निदान को सड़क से सटकर किया जा रहा है जिसके कारण से हवा चलने भर से प्रदूषित फ्लाईएश सरकारी कालेज मे घुस रही है किन्तु माफियागिरी करने वालो को इससे कोई मतलब नही है। उनको मतलब सिर्फ इसी बात से है कि फ्लाईएश का निदान कैसे किया जाये? बताया जा रहा है कि कुटेला में लगभग दर्जन भर से अधिक सरकारी भूमि को चिन्हित करके फ्लाईएश का निदान करने के लिये यहा पर एनटीपीसी से फ्लाईएश लाकर भरने का काम को रायगढ़ के एक ठेकेदार के द्वारा किया जा रहा है जिसमे सारंगढ़ के दो-तीन ठेकेदार भी शामिल है। बताया जा रहा है कि नियमो को दरकिनार करके कुटेला के सरकारी भूमि पर फ्लाईएश से भरने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जिसके लिये फ्लाईएश निदान के नियमो का भी पालन नही किया जा रहा है। पांच फीट तक फ्लाईएश पाटने के बाद मिट्टी का तीन फीट मोटा लेयर देना है उसको पानी छिड़काव करके रोलर चलाकर पाटन के बाद फिर से फ्लाईएश को पाटा जाना है। किन्तु ऐसा यहा पर नही हो रहा है सिर्फ फ्लाईएश लाकर फेका जा रहा है।
सरकारी कालेज के विद्यार्थियो को होगी परेशानी?
जहा पर फ्लाईएश का निदान किया जा रहा है वह जगह सरकारी कालेज पं.लोचन प्रसाद पांड़े कालेज से महज 20 मीटर की दूरी पर है। जहा एक ओर कालेज मे हजार से अधिक छात्र-छात्रा अध्ययनरत है वही दूसरी ओर हजारो टन फ्लाईएश का यहा पर निदान किया जायेगा। हवा चलने भर से प्रदूषण की स्थिति पहले ही दिन से दिखने लगी है। ऐसे मे कालेज के शैक्षणिक वातावरण में फ्लाईएश का प्रदूषण से पूरा माहौल दूषित होगा। वही जलीय वातावरण को भी फ्लाईएश दूषित करेगा और सरकारी कालेज मे पीने का पानी दूषित होने की पूर्ण संभावना है। भूजल में प्रदूषित पानी से पीने का पानी भी विद्यार्थियो के लिये परेशानी का सबब बनेगा। ऐसे में रिहायशी क्षेत्र और शैक्षणिक क्षेत्र मे फ्लाईएश का निदान से
सारंगढ़वासी परेशान ही होगें। फ्लाईएश भराव से होने वाली जलप्रदूषण से कुटेला में होगी परेशानी? फ्लाई ऐश से जल प्रदूषण की संभावना ज़रूर है, खासकर अगर इसका उचित तरीके से प्रबंधन न किया जाए।
फ्लाई ऐश में मौजूद भारी धातुएं, जैसे कि लेड, कैडमियम, और आर्सेनिक, पानी में घुल सकती हैं और जल स्रोतों को दूषित कर सकती हैं, जिससे मनुष्य और अन्य जीवों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा हो सकते हैं। फ्लाई ऐश में मौजूद भारी धातुएं जल प्रदूषण का एक प्रमुख कारण हैं। जब फ्लाई ऐश पानी के संपर्क में आती है, तो ये धातुएं पानी में घुल सकती हैं, जिससे जल दूषित हो जाता है। दूषित पानी पीने से मनुष्य में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि किडनी की समस्या, तंत्रिका संबंधी समस्याएँ, और कुछ प्रकार के कैंसर भी हो सकते है। जल प्रदूषण से न केवल मानव स्वास्थ्य पर बल्कि पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दूषित जल से मछलियाँ और अन्य जलीय जीव मर सकते हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हो सकता है। ऐसे मे कुटेला क्षेत्र में रिहायशी क्षेत्र में हजारो टन फ्लाईएश का निदान से जलप्रदूषण की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। ऐसे मे सरकारी भूमि पर फ्लाईएश को पाटने की दिया गया अनुमति को निरस्त करने की मांग कुटेला क्षेत्र के निवासी कर रहे है।