जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

कोसीर ग्राम पंचायत : गांव की सरकार ? आखिर कौन …राजनीति में युवा वर्ग की दखल जरूरी …गांव की सरकार से उम्मीद

कोसीर ग्राम पंचायत : गांव की सरकार ? आखिर कौन ...राजनीति में युवा वर्ग की दखल जरूरी ...गांव की सरकार से उम्मीद

कोसीर ग्राम पंचायत : गांव की सरकार ? आखिर कौन …राजनीति में युवा वर्ग की दखल जरूरी …गांव की सरकार से उम्मीद

समीक्षा – पत्रकार लक्ष्मी नारायण लहरे
कोसीर,
छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगाते ही चुनावी बिगुल बज गई है गांवों में आदर्श आचार संहिता का असर दिखने लगा है । गांव के प्रथम नागरिक बनने के लिए कुछ गांवों में नाम सामने आ रहे हैं तो कहीं दूर दूर तो कोई चर्चा भी नहीं ।अभी से किसी किसी का चर्चा करना भी बेफुजूल होगा । नामांकन की तिथि के तय के बाद भी अगर गांव में गांव के मुखिया के लिए चर्चा न हो ये भी बात हजम नहीं होती ।तीन चरणों में चुनाव होने हैं। सारंगढ़ जिला मुख्यालय के ऐतिहासिक नगरी कोसीर में आदर्श आचार संहिता के बाद गांव में गांव की सरकार बनने और बनाने की चर्चा का न होना राजनीति के चाणक्यों के मुंह में ताला लगाने जैसा स्थिति है । सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला के बड़े गांव कोसीर में आरक्षण के आधार पे सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित है और गांव चुप्पी देखी जा रही है । लोग एक दूसरे के मुंह ताक रहे हैं पंचायती राज अधिनियम के बाद से यहां पहली बार सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुई है । संभावनाएं जताई जा रही है इस वर्ष यहां युवा वर्ग सामने आ सकते हैं परिस्थितियों को भांपते हुए गांव की सरकार के लिए युवा वर्ग पर विश्वास जताना होगा ।नए पारी के लिए नई पीढ़ी को आगे आने की भी जरूरत है । युवा वर्ग को धैर्य रखने की भी जरूरत है ।युवा वर्ग को विश्वास दिलाना होगा वे अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे ।जातिगत समीकरण के आधार पर पिछड़ा वर्ग से अनुसूचित जाति वर्ग 1 -2 प्रतिशत अधिक हैं वहीं यहां केवट समाज और पटेल समाज की भी समीकरण बदलने में सहायक होती है ।

वहीं लोग उम्मीद बनाए रखे हैं यहां का विकास हो जनता के सुख दुख का साथी हो। इस स्थिति में युवा वर्ग के महिलाओं को सामने आना होगा । जनता अपने गांव की मुखिया अच्छा चाहता है ? पांच वर्ष की इस बड़े उत्सव में हर वर्ग अपनी हिस्सेदारी चाहता है । ग्राम पंचायत कोसीर जनसंख्या और मतदाताओं की बात करें तो यह अकेला 5 गांव के बराबर है यह पंचायत बरसों से नगर पंचायत की
दौंड में रही पर अच्छी सोंच के अभाव में आज तक नगर पंचायत न बन सका । यहां के विकास को देख आस पास गांव के मुखिया के लिए यह गांव रोल मॉडल नहीं बन सका । क्या कोसीर गांव की पहचान जिले के मानचित्र में अपना एक अलग पहचान बना पायेगा? आखिर कब तक कोसीर घसीट घसीट कर आगे बढ़ता रहेगा यहां की सूरत कब बदलेगी? गांव में अब तक गांव के मुखिया रहे जिन्होंने गांव के विकास के लिए बहुत कुछ किया अब युवा वर्ग को जिम्मेदारी निभानी होगी ।

गांव के अब तक रहे सरपंच

काशी प्रसाद चन्द्रा,
दुवारिका प्रसाद चन्द्रा,
जीवन लाल चन्द्रा,
लखन चन्द्रा,
चोह राम बनज,
भागवत नामदेव (प्रभारी सरपंच),
रतिराम आजाद,
विद्याधर चन्द्रा,
अवधराम बनज,
कीरित राम खूंटे,
पंचराम लहरे (प्रभारी सरपंच),
बुदेश्वर आर्य,

श्रीमती प्रेम बाई जायसवाल,
श्री नन्दराम लहरे,
कमल श्रीवास (प्रभारी सरपंच),
श्रीमती प्रेम बाई जायसवाल,
श्री लाभोराम लहरे (वर्तमान सरपंच 2020)

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