जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

महानदी के किनारे रेत माफियाओं का कहर: सारंगढ़ में धड़ल्ले से चल रहा अवैध उत्खनन, प्रशासन मौन

महानदी के किनारे रेत माफियाओं का कहर: सारंगढ़ में धड़ल्ले से चल रहा अवैध उत्खनन, प्रशासन मौन

महानदी के किनारे रेत माफियाओं का कहर: सारंगढ़ में धड़ल्ले से चल रहा अवैध उत्खनन, प्रशासन मौन

सारंगढ़, 1 जून 2025 – सारंगढ़ के तटीय महानदी क्षेत्र में इन दिनों अवैध रेत उत्खनन अपने चरम पर है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर बिना किसी अनुमति या निगरानी के रेत निकालकर विभिन्न क्षेत्रों में ले जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ जिला प्रशासन की आँखों के सामने हो रहा है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ चुप्पी है।

नियमों को ताक पर रखकर हो रहा खनन

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, खनन नियमों की पूरी तरह अनदेखी कर रेत का दोहन किया जा रहा है। रेत खनन के लिए निर्धारित समय, मात्रा और स्थान की अवहेलना करते हुए माफिया बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बसे तटीय गाँवों के आसपास बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन का खतरा भी बढ़ रहा है।

प्रशासन की चुप्पी बनी सवालिया निशान

जिला प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता पर स्थानीय जनता सवाल उठा रही है। “प्रशासन को सब कुछ पता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। क्या यह मिलीभगत नहीं है?” – एक सामाजिक कार्यकर्ता ने तीखा सवाल उठाया।

सरपंचों पर अवैध वसूली के आरोप

चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ स्थानीय सरपंचों पर भी अवैध वसूली के आरोप लग रहे हैं। ग्रामीणों का दावा है कि ट्रैक्टर चालकों से ‘प्रति ट्रिप’ के हिसाब से मोटी रकम वसूली जा रही है। इस तरह सरकारी तंत्र के संरक्षण में अवैध कारोबार को खुलेआम बढ़ावा मिल रहा है।

ग्रामीणों में आक्रोश,

पर्यावरण को खतरा
महानदी किनारे बसे गाँवों के लोग इस अवैध उत्खनन से काफी परेशान हैं। भू-स्खलन, फसल को नुकसान, और जलस्तर में गिरावट जैसे दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। कई ग्रामीणों ने अपनी चिंता जताते हुए कहा कि यदि यही हाल रहा तो आने वाले वर्षों में उनकी कृषि भूमि और जीवनशैली दोनों खतरे में पड़ जाएँगे।

मांग: अविलंब कार्रवाई हो

स्थानीय नागरिकों, पर्यावरण प्रेमियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा आने वाले दिनों मे जिला कलेक्टर से इस अवैध उत्खनन पर तत्काल रोक लगाने की माँग की जा सकती है, साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई और अवैध वसूली में शामिल जनप्रतिनिधियों की जाँच की भी मांग उठाई जा सकती है।

क्या प्रशासन जागेगा?

अब देखने वाली बात यह है कि क्या जिला प्रशासन और खनिज विभाग इस खुलेआम हो रहे अवैध कार्य पर कोई सख्त कदम उठाएगा या फिर रेत माफियाओं की ताकत के आगे यूं ही आँख मूँदे बैठा रहेगा?

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