जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़राज्य

गौण खनिज मद के प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिये कलेक्टर के खिलाफ 3 घंटे तक चक्काजाम,

गौण खनिज मद के प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिये कलेक्टर के खिलाफ 3 घंटे तक चक्काजाम,

गौण खनिज मद के प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिये कलेक्टर के खिलाफ 3 घंटे तक चक्काजाम,

विकासखंड़ के सरपंच और बीडीसी नें प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला 6 करोड़ रूपये के गौण खनिज मद का है मामला, महज 3 माह बाकि है पंचायत प्रतिनिधियो का कार्यकाल,कांग्रेस नेताओ की रही अहम भूमिका,

सारंगढ़,
नवीन जिला बना सारंगढ़ में प्रशासन के खिलाफ लगातार मोर्चा खोलने का सिलसिला अभी भी जारी है। कभी सामाजिक बैनर तले तो कभी संगठनो के नाम पर जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने में इस बार गौण खनिज मद का मामला सामने आया है। जनपद पंचायत सारंगढ़ मे आया हुआ लगभग 6 करोड़ रूपये के गौण खनिज मद के लिये जनपद सदस्यो के द्वारा पारित प्रस्ताव को तत्काल स्वीकृति देने के लिये सरपंचो और जनपद सदस्यो के द्वारा सरपंच संघ के बैनर तले आज मोर्चा खोल दिया गया और जिले के मुखिया के ही खिलाफ भारतमाता चौक पर चक्काजाम कर दिया गया। लगभग 2 घंटे तक जारी रहा इस चक्काजाम में पंचायत प्रतिनिधि के तौर पर व्यापक संख्या में कांग्रेस नेताओ की उपस्थिति से पूरा आंदोलन सियासी पारा की लगातार बढ़ा रहा था। दोपहर को हुई तेज वर्षा के बाद आंदोलन को आश्वासन पर स्थगित कर दिया गया। देर शाम तक इस चक्काजाम को लेकर किसी प्रकार का कोई अपराध पंजीबद्ध नही किया गया था। प्रदेश के चर्चित जिले मे अपना नाम दर्ज कराने में सफल नवगठ़ित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले संवेदनशील जिले के रूप मे प्रदेश में जाना जाने लगा है। सामान्य तौर पर जिले के मुखिया अधिकारी के खिलाफ सड़क पर आंदोलन और चक्काजाम जैसी स्थिति नही होती है

किन्तु सारंगढ़ में जिला प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतरने का सिलसिला लगातार जारी है। पहले पटवारी संघ का आंदोलन फिर पंचायत सचिव को स्थानान्तरण करने पर भारमुक्त करने के कारण से आंदोलन की चेतावनी और अब गौण खनिज मद का प्रस्ताव को स्वीकृति नही देने पर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने और जिला मुख्यालय के भारतमाता चौक में 2 घंटे से भी अधिक समय तक चक्काजाम करने का आंदोलन से आम आदमी हैरत में है। सामान्य तौर पर जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की स्थिति काफी कम आती है किन्तु सारंगढ़ अंचल में लगातार जिला प्रशासन और शासकीय अधिकारी अभी टारगेट में है। बताया जा रहा है कि संघ और संगठन के बैनर तले आंदोलन में जायज मांग के अलावा गैर जायज मांग का छिपा एजेंडा भी होता है जिसे तत्काल स्वीकृति का दबाव इस आंदोलन के बहाने सड़क पर लगा दिया जा रहा है। आज का आंदोलन सारंगढ़ का चर्चित गौण खनिज मद की स्वीकृति का प्रस्ताव है। सारंगढ़ जनपद पंचायत सामान्य सभा के द्वारा जनपद पंचायत को प्राप्त 6 करोड़ रूपये के गौण खनिज मद के राशी का प्रस्ताव को कलेक्टर के द्वारा स्वीकृति नही दिये जाने पर चक्काजाम करने का है। ना धरना- ना

ज्ञापन बल्कि डायरेक्ट चक्काजाम का अल्टीमेटम और आज 2 घंटे से अधिक समय के लिये चक्काजाम से आम जनता हैरत में है। ग्राम पंचायतो के निमर्ण कार्यो के लिये प्रस्तावित किया गया इस 6 करोड़ रूपये के गौण खनिज मद के राशी को लेकर जनपद पंचायत सारंगढ़ के द्वारा प्रस्ताव पारित करके जिला पंचायत प्रेषित किया गया है जहा पर फाईल स्वीकृति के लिये कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ के पास आया है किन्तु तकनिकी आधार पर स्वीकृत निमार्ण कार्यो की अनुसंशा और गौण खनिज मद के लिये नया नियमावली के कारण से प्रशासन इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान नही कर रहा है। जिसके कारण से लगभग 50 से अधिक पंचायतो को इस बात की आस बनी थी कि गौण खनिज मद की राशी से गांव में प्रस्तावित निमार्ण कार्य यथाशीघ्र स्रंपन्न हो जायेगें। किन्तु लगातार हो रहे विलंब को देखते हुए पंचायत प्रतिनिधि जिला प्रशासन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई पर उतारू हो गये और गौण खनिज की राशी को स्वीकृति देने के नाम पर भारतमाता चौक पर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए 2 घंटे से अधिक समय तक के लिये चक्काजाम कर दिया। एसडीएम प्रखर चंद्राकर को ज्ञापन सौपकर त्वरित मांग को पूर्ण करने की मांग के साथ आंदोलन समाप्त किया गया। एक भी

बीडीसी भाजपा समर्थित नही?

दरअसल पूरे घटनाक्रम को राजनितिक चश्मा से देखा जाये तो ज्ञात होता है कि जनपद पंचायत सारंगढ़ में पूर्ण रूप से कांग्रेस का कब्जा है तथा एक भी जनपद सदस्य भाजपा सर्मथित कार्यकर्ताओ का नही है। ऐसे में सभी 25 जनपद सदस्यो के द्वारा गौण खनिज मद के लिये किया गया अनुसंशा ऐसे क्षेत्रो में है जहा पर वर्तमान सत्ताधारी दल के रणनितिकारो को आपत्ति है। शह और मात के इस खेल में यही सबसे बड़ी समस्या है जिसके कारण से कांग्रेस सर्मथित जनपद सदस्य इस गौण खनिज मद के प्रस्ताव को तत्काल स्वीकृति चाहते है और वर्तमान सत्ता पर काबिज भाजपा नेताओ ने संकेत देकर फाईल रोकवा दिया है। देखना है कि शह और मात के इस खेल मे कौन विजयी होता है।

सरपंचो का 3 माह का कार्यकाल बचा?

सारंगढ़ विकासखंड़ के निर्वाचत सरपंचो का कार्यकाल इस वर्ष के दिसंबर में समाप्त हो जायेगा। जनवरी माह में पंचायत का चुनाव होना है। ऐसे में सरपंचो की ईच्छा है कि उनके ग्राम पंचायत के लिये प्रस्तावित किया गया गौण खनिज मद का कार्य उनके कार्यकाल में ही हो जाये। वही सूत्र बताते है कि बड़े स्तर पर गौण खनिज की इस सूची मे ऐसे-ऐसे काम शामिल है जिसमे मार्जिन और मलाई दोनो मजबूत है इस कारण से सरपंचो की चाहत है कि दिसंबर के पहले ही उनका यह काम स्वीकृत होकर पूर्ण हो जाये और राशी का आहरण भी कर लिया जाये ताकि नया चुनाव के पहले उनका हिसाब-किताब भी पूरा हो जाये। और आज के चक्काजाम का यही मुख्य कारण रहा है।

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