शहर की सड़कें जर्जर हो गई हैं, कुछ करिए सरकार…..
रायगढ़। शहर की लगभग सभी प्रमुख सडक़ें काफी खराब हो गई हैं। गड्ढों की वजह से प्रतिदिन दुर्घटनाएं भी घट रही है। हालांकि राज्य शासन ने नगर निगम क्षेत्र की सडक़ों के लिए 30 करोड़ रूपए की राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है, लेकिन विडंबना यह है कि राशि मिलने के बाद भी सडक़ों के निर्माण को लेकर नगर निगम की अब तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है। दूसरी ओर नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है ऐसे में दो माह के भीतर आचार संहिता लगने की भी संभावना है। ऐसे में यदि कार्य में विलंब होता है तो निर्माण कार्य शुरू करने में रोड़ा अटक सकता है।
शहर के प्रमुख मार्ग की सडक़ें काफी जर्जर हो गई है। नगर निगम कार्यालय से लगी सडक़ व ओव्हर ब्रिज पर भी बड़े गढ्ढे हो गये हैं। इसके अलावा रामनिवास टॉकीज से निर्मल लॉज, हण्डी चौक, केवड़ाबाड़ी, गौरवपथ, जेल परिसर रोड, अतरमुड़ा सहित अन्य प्रमुख मार्गों में भी सडक़ों के खराब रहने के कारण अक्सर दुर्घनाएं भी घटित हो रही है। खासकर दुपहिया वाहन चालक जर्जर सडक़ की वजह से दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। नगर निगम द्वारा लाखों रूपए खर्च कर कुछ सडक़ों पर पेच वर्क कराया गया था, लेकिन गुणवत्ताविहीन होने की वजह से बारिश में धुल गया।
पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भी जर्जर सडक़ चुनावी मुद्दा था। वहीं वित्त मंत्री व रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने नगर निगम क्षेत्र की सडक़ों के जीर्णोद्धार के लिए शासन से 30 करोड़ रूपए की स्वीकृति कराई थी। इसमें प्रमुख रूप से बोईरदादर क्षेत्र, अतरमुड़ा, नगर निगम से अटल चौक, चक्रधरनगर क्षेत्र, केवड़ाबाड़ी मार्ग इत्यादि सडक़ें शामिल है। इनमें से कुछ बीटी सडक़ों का टेण्डर हो चुका है तो कुछ सडक़ों की अब तक टेण्डर प्रक्रिया भी शुरू नहीं की जा सकी है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय चुनावों की तैयारी शुरू कर दी गई है।
दो माह के भीतर आचार संहिता लगने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में यदि बची हुई सडक़ों की टेण्डर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है तो आचार संहिता के कारण निर्माण कार्य में रोड़ा अटक सकता है। नगर निगम प्रशासन ने कुछ सडक़ों का टेण्डर कर दिया है लेकिन जिन सडक़ों का टेण्डर हुआ है वे सभी बीटी सडक़ें हैं। यही वजह है कि कुछ सडक़ों का टेण्डर होने के साथ ही बरसात का मौसम भी शुरू हो गया था लिहाजा बीटी सडक़ों का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है।
वहीं सीसी सडक़ का निर्माण कार्य कराया जा सकता था, लेकिन निगम प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। शहर की बीटी सडक़ों के अलावा भी कई सीसी सडक़ों की हालत भी काफी खराब है। बरसात के बहाने बीटी सडक़ों के साथ ही सीसी सडक़ों के निर्माण के लिए भी निगम उदासीन नजर आ रहा है।