जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल में कच्चे कागज पर होता है करोड़ो का कारोबार?

सारंगढ़ अंचल में जीएसटी बिल के बिना कच्चे कागज पर होता है करोड़ो का कारोबार?
कई बड़े फर्म ग्राहको को नही देते है बिल?
नाम मात्र का बताया जाता है टर्नओव्हर,
जबकि करोड़ो रूपये का होता है कारोबार?
बरमकेला में जीएसटी छापामार कार्यवाही जैसे सारंगढ़ में बड़ी कार्यवाही की जरूरत?
सारंगढ़,
नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में गत दिनो जीएसटी विभाग की टीम के द्वारा बरमकेला के फर्म गोपाल हार्डवेयर मे छापामार कार्यवाही कर बड़ी गड़बड़ी पकड़ी तथा 27 लाख रूपये का जुर्माना किया किन्तु इससे भी बड़े खिलाड़ी सारंगढ़ के व्यापार जगत में कुंडली मार के बैठे हुए है जो सारा लेन-देन कच्चे कागजो पर करते है और नाम मात्र का टर्नओव्हर दर्शाकर करोड़ो रूपये का व्यवसाय करते है।लाखो रूपये के टैक्स चोरी करने वाले ऐसे बड़े व्यापारियो के काला कारोबार की पूरी कहानियां आने वाले दिनो में सुर्खियो मे रह सकती है।
सारंगढ़ मूलत: उधारी का बड़ा मार्केट है तथा ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के अधिकांश उपभोक्ता और व्यापारियो के बीच का मधुर संबंध होने के कारण से जीएसटी बिल का प्रचलन सारंगढ़ में नही के समान है। अधिकांश व्यापारी कच्चे कागज का टुकड़ा मे करोड़ो रूपये का काला कारोबार कर लेते है तथा बाद मे चंद हजार का जीएसटी बिल काटकर नाम मात्र का टैक्स जमा कर अपना काला कारोबार को सफेद बना लेते है। ऐसा करने वाले व्यापारियो के यहा पर जीएसटी विभाग की तिरछी नजर है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे ही एक मामले मे गत दिनो बरमकेला मे एक व्यापारी के यहा पर जीएसटी विभाग की टीम ने छापामार कार्यवाही किया तथा टर्नओव्हर तथा स्टाक में जबरदस्त अंतर पाया। साथ ही जीएसटी के रिटर्न मे दर्शाया गया विवरण तथा मौके पर मिला खाताबही मे बड़ा अंतर भी साफ तौर पर पाया गया जिसके कारण से प्राथमिक रूप से ही 27 लाख रूपये का जुर्माना कर दिया गया जो कि आने वाले दिनो मे स्क्रूटनी मे और भी बढ़ने के आसार है। इसी प्रकार से ही सारंगढ़ मे भी कुछ व्यापारियो के द्वारा जीएसटी मे दिया गया रिटर्न और वास्तव में किया गया कारोबार के बीच काफी बड़ा गैप है। सूत्रो की माने तो जीएसटी विभाग की बरमकेला मे छापामार कार्यवाही के बाद सारंगढ़ के कुछ व्यापारियो की नींद उड़ गई थी तथा आनन-फानन मे कच्ची मे होने वाले करोड़ो रूपये के खाता बही को हटाने मे उनका ध्यान लगा हुआ था। सूत्रो की माने तो सारंगढ़ मे हर दिन करोड़ो रूपये का कारोबार होता है किन्तु इसमे से पक्के बिल मे कारोबार करने वालो की संख्या मुश्किल से 20 फीसदी भी नही है। शेष कारोबार कच्चे कागजो में संपन्न होते है। इस जीएसटी के बिना होने वाले कारोबार के बारे मे जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि सारंगढ़ में उड़ीसा सीमा से बिना जीएसटी का भी माल काफी मात्रा मे आ रहा है। बिना जीएसटी के माल पर जीएसटी बिल देने में कतराने वाले कुछ व्यापारी इस मलाईदार धंधा मे अपना मुनाफा देखकर कच्चे कागज पर ही लाखो रूपये का कारोबार कर देते है। वही जीएसटी बिल के बिना होने वाला बड़ा कारोबार पूर्णरूप से कैश से संपन्न हो रहा है।
जीएसटी बिल और यहा पर गोदामो मे भरा सामान के भौतिक सत्यापन और बैलेंस सीट और जीएसटी बिल-व्हाऊचर को सुधारने मे गत सप्ताह भर से कई नामी फर्म दिन-रात एक करने मे लगे हुए है। बताया जा रहा है कि कुछ फर्म के पास आने वाला माल और बिक्री होने वाला माल दोनो का ही पूरा हिसाब-किताब कच्ची मे संचालित होता है इस कारण से ऐसे फर्म को टेंशन बना हुआ है।
उधारी की समस्या से जीएसटी बिल का कम चलन?
बताया जा रहा है कि सारंगढ़ अंचल पूर्ण रूप से ग्रामीण परिवेश मे ढ़ला हुआ है तथा ग्रामीण उपभोक्ताओ को अपने मनपसंद फर्म या दुकान से उधारी की आदत पड़ी हुई है। इस उधारी का खेल मे प्रतिमाह 2 से 5 प्रतिशत तक का चक्रवृद्धि ब्याज का खेल के साथ मनमाने दर पर दिया जाने वाला सामान का शानदार शो सारंगढ़ में होता है। वही सबसे बड़ी बात उपभोक्ताओ को दिया गया सामान के बिगड़ने पर वारंटी/गारंटी का खेल भी बिना बिल के संभव नही है इस कारण से जीएसटी बिल देने से कई दुकानदार परहेज करते है। वही बड़े थोक व्यापारियो का भी बड़ा काम कच्चे कागजो पर ही संपन्न हो जाता है। जबकि फुटकर व्यापारियो को जैसे माल मिले रहता है उसके अनुसार से बिल व्हाऊचर को काटा जाता है। इस सभी समस्याओ को देखते हुए साफ दिखता है कि सारंगढ़ के बाजार मे जीएसटी बिल प्रदान करने का परंपरा अभी शुरू भी नही हुई है।
करोड़ो का माल और नाम मात्र का टैक्स?
सारंगढ़ अंचल मे दर्जन भर से अधिक व्यापारियो के पास करोड़ो रूपये का स्टाक उपलब्ध है किन्तु जीएसटी रिटर्न मे नाम मात्र का माल दर्शाकर बड़ी राशी का टैक्स की चोरी किया जाता है। बताया जा रहा है कि राजधानी से आने वाले माल में दो प्रकार के माल सारंगढ़ में आ रहे है जिसमे एक माल जीएसटी के साथ रहता है और एक माल जीएसटी के बिना का होता है। ऐसे में जानकारी लेने पर हर ज्ञात हो रहा है कि बड़ा स्तर पर बिना जीएसटी का माल का बड़ा खेल सारंगढ़ में धड़ल्ले से हो रहा है। वही सूत्रो की माने तो जीएसटी बिल के बिना यहा पर चलने वाले धंधा पानी के अनुसार ही नाम मात्र का टैक्स को अपने सरल रिटर्न मे दाखिल किया जाता है। कुल मिलाकर कहा जाये कि माल से लेकर जीएसटी बिल और रिटर्न तक में एक बड़ा सिस्टमेटिक सिडींकेंट सारंगढ़ मे टैक्स चोरी की घटना को अंजाम प्रदान कर रहा है तो कोई गलत नही होगा।
बहरहाल बरमकेला में हुई जीएसटी विभाग की छापामार कार्यवाही के बाद सारंगढ़ के कई व्यापारी जो कि कच्चे कागजो पर करोड़ो रूपये का लेन-देन संपन्न करते है उनके टेंशन अभी काफी बढ़ गये है। आने वाले दिनो मे इस दिशा मे जीएसटी विभाग की छापामार कार्यवाही से ऐसे व्यापारियो के चेहरे से पर्दे उठने की पूर्णत: संभावना बढ़ गई है।

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