
कृषि जमीन पर अवैध प्लाट करने वाले मजे में?
मुख्यमंत्री ने भी आज प्रदेश में अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही के निर्देश दिये?
भू-स्वामी और खरीददार के बीच माल खा रहे है सफेदपोश चेहरे?
एक भी प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत नही फिर भी धड़ल्ले से बिक रहा है अवैध प्लाट?
करोड़ो रूपये ब्लैक मनी के रूप मे कमा रहे है सफेद चेहरे?
सारंगढ़,
नया जिला बना सारंगढ़-बिलाईगढ़ में अभी प्रशासनीक टीम की पूर्ण रूप से पदस्थापना नही होने के अवसर का भरपूर लाभ भू-माफिया उठा रहे है। प्लाट विक्रय मामलें में सारंगढ़ विकासखंड़ का एक भी प्रोजेक्ट रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी अर्थात रेरा में पंजीकृत नही है। इसके बाद भी दर्जन भर से अधिक स्थान पर धड़ल्ले से कृषि जमीनो में प्लाट काटकर बेचा जा रहा है। इस मजेदार और मलाईदार काम में सारंगढ़ के आधा दर्जन से अधिक सफेदपोश चेहरे शामिल है जो कि सामने से समाजसेवक का चोला धारण किये हुए है किन्तु अंदर से ब्लैकमनी को एकत्रित करने मे जुटे है।वही टाऊन एंड़ कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियो की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ तौर पर निर्देश दिया है कि अवैध कालोनाईजर पर सख्त कार्यवाही करें और जरूरत पड़े तो एफआईआर भी करें। इस निर्देश के बाद सारंगढ़ के अवैध कालोनाईजर को सांप सूंघ गया है।
नवीन जिला बना सारंगढ़ में अवैध प्लाट का धंधा काफी फल-फूल रहा है। यहा पर नगर पालिका अवैध प्लाट के माफियाओ को फायदा पहुंचा रही है। लगभग आधा दर्जन से अधिक ऐसे भू-माफियाओ के अवैध प्लाट के बीच निजी भूमि पर नगर पालिका लाखो रूपये खर्च कर सीसी रोड़ का निमार्ण शासकीय राशी से कराकर अवैध प्लाट के काले कारोबार को संरक्षित कर रही है। वर्तमान में अवैध प्लाट के मामलें मे राज्य शासन ने साफ निर्देश दिये है कि आवासीय अथवा व्यावसायिक प्लाट विकसित करने अथवा कालोनी बनाये जाने पर कालोनाईजर को रेरा में पंजीयन कराये जाना अनिवार्य है किन्तु दर्जन भर से अधिक स्थान पर विक्रय हो रहे प्लाट में से एक भी प्रोजेक्ट का पंजीयन रेरा मे नही हुआ है। वही पूरे मामले मे नगर पालिका सारंगढ़ का अवैध कालोनाईजर पर कोई कार्यवाही नही करना मिलीभगत का संदेह उत्पन्न करता है।शहर का चौतरफा विकास और बढ़ती आबादी के परिणामस्वरूप शहर की सीमा से लगे इलाकों में अवैध प्लॉटिंग भी तेजी के साथ बढ़ रहा है। कृषि जमीनों को खरीदकर भू-माफिया उक्त जमीन की प्लाटिंग कर अवैध रूप से करोड़ों कमा रहे हैं। शासन के बनाए मापदंडों नीति-निर्देशों का भी खुला उल्लंघन कई जगहों पर हो रहा है।
गौरतलब है कि शासन-प्रशासन की नजर में कई जगह अवैध प्लॉटिंग चिह्नांकित है। परंतु नगर पालिका के द्वारा इन अवैध कॉलोनियों में सड़क, बिजली, जल सुविधा उपलब्ध करा दी जाती है। सवाल उठ रहे हैं कि कौन से मापदंडों से इन अवैध प्लॉटों व कॉलोनियों को यह सरकारी सुविधा उपलब्ध करा दी जाती है। शासन ने अवैध प्लॉटिंग पर कड़ाई से रोक लगाने आदेश जारी किया है। नियमों के तहत ले-आउट स्वीकृत कराए बगैर जमीन पर प्लॉटिंग नहीं हो पाएगी। साथ ही टाउन एवं कंट्री प्लानिंग से ले-आउट अप्रूवल की कॉपी के आधार पर ही जमीन की रजिस्ट्री होगी। इसके बाद ही मकान बनाने का कार्य करता है। इसी के आधार पर जमीन मालिक उस भूमि पर मकान बनाने के लिए बैंक के माध्यम से लोन सुविधा के साथ-साथ शासन से प्राप्त होने वाली अनेक सुविधाओं का भी लाभ प्राप्त करता है। खरीदे गए प्लाट को आवासीय जमीन में तब्दील करने के लिए डायवर्सन कराना अनिवार्य रहता है। डायवर्सन वह प्रक्रिया है जिसे शासन उक्त जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में शामिल कर प्रमाणित करता है। अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर ही डायवर्सन होता है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अंतर्गत जमीन का पंजीयन कराए जाने के उपरांत डायवर्सन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है लेकिन शहर में इन सब नियमों का लगातार उल्लंघन हो रहा है।
शहर व इससे लगे गांवों में तेजी से हो रही है प्लॉटिंग
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अंतर्गत जमीन का पंजीयन कराए जाने के उपरांत डायवर्सन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है लेकिन शहर में इन सब नियमों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। शहर में लगभग सभी अवैध प्लाट की गिरफ्त में है। साथ ही शहरी सीमा से लगे गांवों में भी बिना डायवर्सन के प्लाट काटकर बेचने का खेल चल रहा है। गौरतलब है कि भू-माफियाओं द्वारा काटे जा रहे कई ऐसे अवैध प्लाट हैं जो नियम से छानबीन की जाए तो अवैध प्लाटिंग के अंतर्गत आ सकता है, परंतु प्रशासन के ढुलमुल रवैए के चलते बहुत से ऐसे प्लाटों पर कड़ाई से कार्रवाई नहीं हो रही है। मामले में सांठगांठ का आरोप लग रहे हैं।
भू-स्वामी और खरीददार के बीच माल खा रहे है सफेदपोश चेहरे?
सारंगढ़ अंचल में कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग के मामने मे आजकल नया पेंच निकाला गया है। भू-माफिया जिसकी जमीन को खरीदी कर रहा है उसके साथ सिर्फ सौदा का अनुबंध करके रख रहा है जिसमें भूमि की कीमत तथा मूल्य का विवरण लिखा होता है। साथ ही इस अनुबंध में इस बात का उल्लेख होता है कि क्रेता जिसके नाम पर चाहे उसके नाम पर भूमि का पंजीयन कराया जायेगा। इसी बिन्दु का फायदा उठाकर सारंगढ़ में भू-माफिया कृषि जमीन के भू-स्वामी से जमीन को सीधा ग्राहक के नाम पर राजिस्ट्री करता है। इन दोनो के बीच मे भू-माफिया रहते है जो पैसा का लेनदेन करके मोटा माल कमाते है किन्तु कही पर भी नाम नही आता है। प्रशासनीक कार्यवाही होने पर भी भू-माफिया साफ बच जाते है और भू-स्वामी और खरीददार को नोटिस आदि का सामना करना पड़ता है। सारंगढ़ में वर्तमान में दर्जनभर से अधिक कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग का काम चल रहा है किन्तु कृषि भूमि को प्लाट का स्वरूप देकर बेचने वालो का नाम अदृश्य होता है और भू-स्वामी और खरीददार का नाम रिकार्ड मे आता है। इस सिस्टम के कारण से बड़ी रकम को ब्लैकमनी के रूप मे सफेदपोश भू-माफिया कमा रहे है और एक रूपये का भी टैक्स शासन को नही दे रहे है।
अवैध कालोनाईजर के खिलाफ कार्यवाही करें : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों को अवैध निर्माण के नियमितीकरण के कार्य में तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं, उन्होंने कहा है कि इसका जनता के बीच व्यापक प्रचार प्रसार करें। मुख्यमंत्री ने इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश देते हुए कहा कि जनता को सीधा लाभ पहुँचाने के लिए यह कानून लाया गया है। इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले यह सुनिश्चित किया जाए। अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए वार्ड स्तर, ग्राम स्तर पर कैंम्प लगाए जाएँ। मुख्यमंत्री ने आज यहां पर अपने निवास कार्यालय में आयोजित विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कॉलोनी के लेआउट और मार्ग संरचना के अनुमोदन का काम समय सीमा में पूर्ण करें। अवैध कॉलोनाइजर पर सख़्त कार्यवाही करें। आवश्यकता होने पर एफ़आईआर दर्ज की जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग, आवास एवं पर्यावरण, एनआरडीए के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, नगरीय प्रशासन विभाग एवं विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी, डॉ. एस. भारतीदासन और श्री अंकित आनंद, मुख्यमंत्री की उपसचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।