
नये जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ के खनिज क्षेत्र मे पुराने जिला रायगढ़ के खनन माफियाओ का कब्जा? क्षेत्र सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का किन्तु अधिकारी प्रभार में रायगढ़ जिले से?
अभी भी सभी कार्य रायगढ़ से हो रहे है संचालित?
नाम मात्र का सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे खनिज क्षेत्र शामिल?
रायगढ़ के अधिकारियो का नही है कार्यवाही में रूचि?
90प्रतिशत से अधिक क्रेशर संचालक रायगढ़ के?
भाग-1
सारंगढ़,
1 सितंबर को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का गठन भले ही कर दिया है किन्तु अभी भी यहा पर नाम मात्र के अधिकारियो की पदस्थापना किया गया है इस कारण से सर्वाधिक राजस्व देने वाला खनिज विभाग रायगढ़ जिले के अधिकारियो के प्रभार से ही संचालित है। जिला बनने के पहले सारंगढ़ अंचल के खनिज क्षेत्र मे जो प्रशासनीक कसावट थी वह नये जिले के गठन के बाद शून्य की स्थिति की ओर है। खनन माफिया पूर्ण रूप से प्रशासन पर हावी दिख रहे है। खनिज विभाग में रायगढ़ के अधिकारी को प्रभार देने से राजस्व, पुलिस के साथ संयुक्त रूप से जो कार्यवाही अवैध कार्यो पर होती थी उस पर पूर्ण विराम लगा हुआ है।
सारंगढ़ अंचल के गुड़ेली और टिमरलगा और बरमकेला अंचल के कटंगपाली, बोंदा, साल्हेओना क्षेत्र में लगभग 120 से अधिक क्रेशर स्थापित है तथा 90 प्रतिशत से अधिक क्रेशर संचालक रायगढ़ के निवासी है। ऐसे मे नये जिले के गठन होने के बाद उम्मीद जग रही थी कि नये अधिकारी की पदस्थापना और नये प्रशासनीक कसावट से गुड़ेली-टिमरलगा और कटंगपाली-साल्हेओना क्षेत्र में अवैध कार्यो पर विराम लगेगा किन्तु खनिज अधिकारी के रूप मे रायगढ़ के खनिज उपसंचालक योगेन्द्र सिंह को नये जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का प्रभार सौपने के बाद खनन माफियाओ की बल्ले-बल्ले हो गई है। खनन माफिया पूर्ण रूप से प्रशासन पर हावी दिख रहे है। क्रेशर संचालक रायगढ़ में ही बैठकर वहा के खनिज विभाग में मोटा चढ़ावा देकर मनमानी कार्यो को अंजाम दे रहे है और नये जिले के धरती को चीरकर मोटा माल कमाकर प्रदूषण की बिमारी यहा पर सौप रहे है। खनिज अधिकारी के रायगढ़ जिले को सम्हालने मे व्यस्त रहने और सारंगढ़ अंचल के खनिज क्षेत्र को ध्यान नही देने से यहा पर खनन माफिया पूर्ण रूप से प्रशासन पर हावी दिख रहे है। क्रेशर संचालको के द्वारा जमकर मनमानी करने के कारण से पूरा क्षेत्र प्रदूषण की मार से परेशान है। ना तो क्रेशरो मे पानी का छिड़काव किया जा रहा है और ना ही पर्यावरण को संतुलित रखने के लिये पेड़-पौधे लगाये गये है। यहा पर सिर्फ अवैध रूप से खदानो में विस्फोट किया जा रहा है और दिन-रात क्रेशर मशीने क्रेशर का डस्ट उगल रही है। ऐसे मे ना तो नियमो को कोई यहा पर परवाह कर रहा है और ना ही किसी भी प्रकार का शर्तो का पालन किया जा रहा है। क्रेशर संचालको की मनमानी यही पर नही रूक रही है खदान से एक ट्रेक्टर पत्थर निकाला भी नही गया है और रायल्टी पर्ची धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। वही ना तो सड़को पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है और ना ही खदानो मे सुरक्षा नियमो का पालन किया जा रहा है। खदान संचालक मनमानी करते हुए सरकारी भूमि पर अवैध रूप से पत्थरो का खनन कर रहे है। पूर्व मे जब सारगढ़ अंचल रायगढ़ जिला में शामिल था तब खनिज, राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम यहा पर कड़ी कार्यवाही करती थी साथ ही पर्यावरण विभाग भी तय मानको के अनुसार कार्य करने के लिये क्रेशर संचालको पर दबाव बनाती थी किन्तु नये जिला बनने के बाद वर्षाकाल समाप्त होने के बाद अब खदान मे पानी फेकने का काम लगभग समाप्त हो गया है तथा ख्दानो से पत्थरो की आवक शुरू हो गई है और इसी के साथ शुरू हो गया है अवैध खनन और अवैध कार्यो की लंबी चौड़ी फेरहिस्त जिसके कारण से सारंगढ़ अंचल में क्रेशर माफिया प्रशासन पर अभी हावी दिख रहे है।
अवैध विस्फोट से दहल जा रहा है गुड़ेली-टिमरलगा?
नवंबर माह की ठंड़ी के बीच जब पूरा गांव अलसुबह 4 बजे नीद्रा में रहता है तब खदानो मे अवैध बारूद से होने वाली बड़े विस्फोट से पूरा गांव दहल उठता है। लगभग आधा दर्जन से अधिक पत्थर खदानो मे ड्रिल करके बारूद-बत्ती लगाकर अवैध रूप से विस्फोट के कार्यो को अंजाम दिया जाता है। बड़े-बड़े खदानो मे हो रहे विस्फोट के कारण से टिमरलगा और गुड़ेली के अधिकांश घरो मे दरारें पड़ गई है किन्तु जिला प्रशासन अभी तक इस बड़ी समस्या की ओर ध्यान नही दे रहा है। भारी मात्रा मे बारूद बत्ती की आपूर्ति और ड़्रिल मशीन के द्वारा अवैध खदानो मे इसे लगाकर विस्फोट जैसे बड़े साहस का काम को खुलेआम करने मे महारत हासिल करने वाले खनन माफिया साफ शब्दो मे नये जिले के प्रशासन को खुला चैलेंज कर रहे है। अवैध बारूद और अवैध विस्फोट की जानकारी गुड़ेली-टिमरलगा मे छोटे-छोटे बच्चो को पता है तब भी सारंगढ़ पुलिस पता लगा नही पा रही है कि बारूद आखिर किसके पास रखा हुआ है।
ओव्हरलोड़ और बिना रायल्टी के माल पार?
20 टन की पासिंग गाड़ी मे 30 से 35 टन का माल परिवहन करना और बिना रायल्टी के माल को खपाने के कार्य में माफिया के लगभग दो दजर्न से ज्यादा चेहरे चढ़ावा और मासिक पास की सुविधा क्रेशर संचालको को प्रदान कर रहे है। ऐसे मे शासन को प्रतिमाह लाखो रूपये के राजस्व का नुकसान उठ़ाना पड़ रहा है। वही ओव्हरलोड़ वाहनो से सड़के जर्जर होकर टूट रही है किन्तु मासिक अनुदान के कारण से मुंह में दही जमाकर बैठे खनिज अधिकारी और पुलिस विभाग कार्यवाही के स्थान पर खनन माफिया को संरक्षण प्रदान कर रहे है।
बहरहाल देखना यह है कि नये जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ में खनिज माफिया पर जिला प्रशासन की कड़ी कार्यवाही देखने को मिलेगा या अभी भी रायगढ़ जिले के अधिकारी और खनन माफिया अपने अनुसार गुड़ेली-टिमरलगा मे राज करेगें। नये खनिज अधिकारी की पदस्थापना और जिला प्रशासन की इस क्षेत्र मे क़ड़ी कार्यवाही से खनन माफियाओ पर लगाम लग सकता है अथवा उम्मीद कम है कि खनन माफिया शासन के मंशानुसार नियमानुसार कार्य करेंगें।




