
छत्तीसगढ़ के 11 ज़िलों में गौसेवकों की नियुक्ति और संगठनात्मक विस्तार – भारतीय गौ क्रांति मंच का ऐतिहासिक आयोजन
रायपुर, 20 जुलाई 2025 |
भारतीय गौ क्रांति मंच, छत्तीसगढ़ प्रांत के तत्वावधान में एक ऐतिहासिक एवं भव्य आयोजन का सफलतापूर्वक आयोजन बंजारी मंदिर गौशाला, गुरुकुल विद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़) में किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के 11 ज़िलों में संगठनात्मक विस्तार करते हुए बड़ी संख्या में गौसेवकों एवं पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई। आयोजन का मूल उद्देश्य गौमाता की सेवा एवं सुरक्षा को जन आंदोलन के रूप में पूरे प्रदेश में सशक्त करना रहा।
इस गरिमामय आयोजन में विशिष्ट अतिथियों के रूप में –
हरिभाई जोशी (अतिथि)
मनमंत शर्मा (अतिथि)
प्रेमशंकर गौतिया (अतिथि)
गोपालजी सुलतानिया (अतिथि)
की उपस्थिति रही, जिन्होंने अपने आशीर्वचनों एवं मार्गदर्शन से उपस्थितजनों को प्रेरित किया।
प्रांत अध्यक्ष श्री नवीन अग्रवाल एवं प्रांत महामंत्री श्री राजा पांडेय की विशेष भूमिका आयोजन की सफलता में केंद्र में रही। मंच के अन्य पदाधिकारियों –
श्री नामदेव राय (प्रांत महामंत्री)
श्री राकेश केसारवानी (प्रांत उपाध्यक्ष)
श्री अमरदीप शर्मा (प्रदेश संयोजक, गौ रक्षा)
श्री प्रीतम साहू (प्रदेश संयोजक, गौ सेवा)
श्री सत्येन्द्र सिंह परमार (प्रदेश प्रवक्ता)
श्री नितेश तिवारी (मीडिया प्रभारी)
की सक्रिय सहभागिता भी विशेष उल्लेखनीय रही।
इस आयोजन के अंतर्गत जिन 11 ज़िलों – रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बेमेतरा, राजनांदगांव, रायगढ़, सारंगढ़ – बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, कोरबा, महासमुंद एवं धमतरी – में संगठन विस्तार किया गया, उनमें से सारंगढ़ बिलाईगढ़ ज़िले के लिए निम्नलिखित पदाधिकारियों की ससम्मान नियुक्ति की गई:
🔸 श्री खिलेश साहू – जिला अध्यक्ष
🔸 श्री दिनेश साहू – जिला महामंत्री
🔸 श्री इंद्रकुमार साहू – जिला महामंत्री
🔸 श्री दीपक – गौ रक्षक प्रमुख
🔸 श्री उमेश(राजू) – गौ सेवक प्रमुख
इन सभी पदाधिकारियों को संगठन की ओर से ससम्मान नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए तथा उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई कि वे सारंगढ़ – बिलाईगढ़ ज़िले में गौ सेवा और संरक्षण के कार्यों को आगे बढ़ाएं और आम जनमानस को इस पवित्र उद्देश्य से जोड़ें।
कार्यक्रम के अंत में यह भी अवगत कराया गया कि अन्य शेष ज़िलों में भी संगठन का गठन पूर्ण कर लिया गया है, जिसकी सूचना एवं पदाधिकारी सूची जल्द ही जारी की जाएगी।
यह आयोजन संपूर्ण प्रदेश में गौमाता के संरक्षण एवं सेवा आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध हुआ।