
सच छापने की सजा:
बिलाईगढ़ में निर्दलीय पार्षद ने किया पत्रकार पर जानलेवा मारपीट?
बिलाईगढ़ पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज,
बीएनएस की धारा 333,296, 115(2), 351(2) तथा 3(5) के तहत अपराध दर्ज
गैर जमानती धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध,
बिलाईगढ़,
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर एक बार फिर जानलेवा हमला हुआ है। बिलाईगढ़ में एक वरिष्ठ पत्रकार को सिर्फ इसलिए बर्बरतापूर्वक पीटा गया क्योंकि उन्होंने एक ऐसे रसूखदार राजनीतिक परिवार के खिलाफ खबर छापने का साहस दिखाया, जिस पर अवैध निर्माण, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक ऋण लेने जैसे गंभीर आरोप हैं। आरोपी, जो नगर पंचायत में वर्तमान पार्षद है और 15 वर्षों से सत्ता का सुख भोग रहे परिवार से आता है, ने अपने भतीजे के साथ मिलकर न केवल पत्रकार को उनकी दुकान में घुसकर मारा-पीटा, बल्कि कॉलर पकड़कर उन्हें थाने तक घसीटा और जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़ित पत्रकार की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है, लेकिन इस घटना ने सत्ता के दुरुपयोग और प्रेस की स्वतंत्रता पर उठ रहे गंभीर सवालों को जन्म दे दिया है।
सत्ता का नशा और कानून से खिलवाड़
यह मामला सिर्फ एक मारपीट की घटना नहीं, बल्कि सत्ता के नशे में चूर एक जनप्रतिनिधि द्वारा कानून की धज्जियां उड़ाने का भी है। आरोपी नरेश देवांगन वर्तमान में नगर पंचायत बिलाईगढ़ के वार्ड क्रमांक 12 से निर्वाचित पार्षद हैं। इससे पहले के कार्यकाल में भी वह इसी वार्ड से पार्षद और नगर पंचायत के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। उनसे पूर्व उनकी भाभी नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर थीं। यह दिखाता है कि देवांगन परिवार पिछले 15 वर्षों से बिलाईगढ़ की राजनीति में सीधा दखल रखता आया है। आरोप है कि इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद, इस परिवार ने छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 के नियमों को ताक पर रखकर बिना भवन अनुज्ञा के भवन और दुकानों का निर्माण किया। इतना ही नहीं, फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंक से ऋण लेकर शासन को भी धोखा दिया। यह गंभीर सवाल खड़े करता है: क्या एक जनप्रतिनिधि होते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम की धारा 35 (अवैध निर्माण पर कार्रवाई) और धारा 43 (अयोग्यता की शर्तें) का ज्ञान नहीं है? क्या एक पार्षद द्वारा किया गया यह कृत्य उन्हें पद से अयोग्य घोषित करने के लिए पर्याप्त नहीं है?
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित पत्रकार श्री राजकुमार सोनी, जो 'सारंगढ़ टाईम्स' और 'हरिभूमि' जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं, ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि यह घटना 17 जून 2025 को दोपहर करीब 1:00 बजे घटी। श्री सोनी के अनुसार, उन्होंने 17 जून के समाचार पत्र में एक खबर प्रकाशित की थी,
जिसमें नरेश कुमार देवांगन और उनके परिवार पर लगे इन्हीं गंभीर आरोपों का खुलासा किया गया था। यह खबर बिलाईगढ़ के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर आधारित थी। खबर प्रकाशित होने के बाद, आरोपी नरेश कुमार देवांगन ने, जो कथित तौर पर शराब के नशे में था, श्री सोनी को फोन कर उनकी लोकेशन पूछी। जब श्री सोनी ने बताया कि वह इंदिरा मार्केट स्थित अपनी सोने-चांदी की दुकान पर हैं, तो नरेश देवांगन अपने भतीजे सत्येन्द्र देवांगन के साथ वहां आ धमका।
दुकान में घुसकर की मारपीट और दी जान से मारने की धमकी FIR के अनुसार, दोनों आरोपियों ने दुकान में घुसते ही पत्रकार राजकुमार सोनी का कॉलर पकड़ लिया और
उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। उस समय श्री सोनी एक ग्राहक के लिए चांदी की पायल तौल रहे थे। आरोपियों ने उन्हें दुकान से बाहर खींच लिया और मारपीट करते हुए थाने परिसर तक ले गए। इस दौरान उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां दी जाती रहीं और कहा गया कि अगर इस मामले की रिपोर्ट की तो अंजाम बुरा होगा। भय और आतंक के कारण श्री सोनी इतने विचलित हो गए कि उन्होंने तुरंत रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, "मैं डर गया था… मुझे मर जाने के ख्याल आने लगे थे… मेरी मानसिक स्थिति सही नहीं थी।" पूरी रात दहशत में गुजारने के बाद, उन्होंने 18 जून को हिम्मत जुटाकर बिलाईगढ़ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
चोरी का भी आरोप
श्री सोनी ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि जब आरोपी उन्हें मारपीट कर ले गए, उस वक्त उनके तराजू पर लगभग 168 ग्राम चांदी की पायल रखी हुई थी। जब वह बाद में दुकान पर लौटे तो वह पायल वहां नहीं थी।
पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया मामला
पीड़ित पत्रकार की शिकायत और मामले की गंभीरता को देखते हुए, बिलाईगढ़ पुलिस ने आरोपी नरेश देवांगन और सत्येन्द्र देवांगन के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR No. 0163) दर्ज कर ली है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें शामिल हैं:
पत्रकार समुदाय में रोष, न्याय की मांग
इस घटना ने स्थानीय पत्रकारों में भारी रोष पैदा कर दिया है। सच्चाई को उजागर करने वाले एक पत्रकार पर इस तरह का हमला सीधे तौर पर प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। पत्रकार संगठनों ने इस कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा की है और पुलिस प्रशासन से आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई भी सच की आवाज को दबाने की हिम्मत न कर सके।