राज्य

दो साल बाद जेल से बाहर आएंगी निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया,

दो साल बाद जेल से बाहर आएंगी निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया,

दो साल बाद जेल से बाहर आएंगी निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया,

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ों के डीएमएफ घोटाले में आरोपी निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दोनों को अंतरिम जमानत दी है. अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा ने बताया, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रही सौम्या और रानू दोनों करीब दो साल बाद जेल से बाहर आएंगी. जांच को प्रभावित करने की आशंका के चलते कोर्ट ने दोनों के छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई है. वहीं सूर्यकांत तिवारी अभी जेल में रहेंगे. उनकी याचिका पर सुनवाई जुलाई में होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईओडब्ल्यू/एसीबी में दर्ज डीएमएफ घोटाला मामले की जांच की स्थिति और उसके पूरा होने में लगने वाले समय के बारे में जानकारी ली. अभियोजन के अधिवक्ता ने बताया कि गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए जारी नोटिस का उनके ‌द्वारा अनुपालन नहीं किया जा रहा है, जिस कारण जांच में विलंब हो रही है. इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि गवाहों को जांच में सहयोग करने के लिए उनमें विश्वास पैदा करना जांच एजेंसी का काम है.

सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को अंतरिम जमानत का लाभ देते हुए इस बात पर भी गौर फरमाया कि कैसे जांच एजेंसियां एक प्रकरण में अभियुक्त को जमानत का लाभ मिलने पर किसी अन्य प्रकरण में उसकी संलिप्तता बताकर फिर हिरासत में ले लिया जाता है. अंतरिम जमानत पर रिहाई के लिए कठोर शर्ते लगाते हुए न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि सौम्या चौरसिया और रानू साहू आगामी आदेश तक छत्तीसगढ़ में निवास नहीं करेंगी. प्रकरण में चौरसिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्य दवे, सह अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा और एओआर पल्लवी शमी ‌ने पैरवी की.

क्या है DMF घोटाला

ED की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. इस केस में यह तथ्य निकलकर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं की गईं है. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया. ED के तथ्यों के मुताबिक टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर के साथ मिलकर करोड़ों रुपए कमाए गए.

25 से 40 प्रतिशत का कमीशन

ED की जांच से पता चला कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं को भारी मात्रा में कमीशन का भुगतान किया है, जो कांट्रैक्ट का 25% से 40% तक था. रिश्वत के लिए दी गई रकम की एंट्री विक्रेताओं ने आवासीय (अकोमोडेशन) के रूप में की थी. एंट्री करने वाले और उनके संरक्षकों की तलाशी में कई आपत्तिजनक विवरण, कई फर्जी स्वामित्व इकाई और भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है. तलाशी अभियान के दौरान 76.50 लाख कैश बरामद किया गया. वहीं 8 बैंक खाते सीज किए. इनमें 35 लाख रुपए हैं. इसके अलावा फर्जी डमी फर्मों से संबंधित विभिन्न स्टाम्प, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं.

ED और ACB-EOW दोनों कर रही मामले की जांच

बता दें कि DMF वित्त पोषित एक ट्रस्ट है, जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है. DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाला मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) और छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो दोनों जांच कर रही है. दोनों की जांच में यह सामने आया है कि जिला खनिज निधि में भ्रष्टाचार हुआ है. आरोप है कि राज्य सरकार के अधिकारियों और राज नेताओं की मिलीभगत से DMF ठेकेदार द्वारा सरकारी खजाने से रकम निकाली गई.

ईडी की जांच में क्या मिला? 

अधिकारियों के मुताबिक, ईडी की जांच से पता चला है कि राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रानू साहू के रायगढ़ और कोरबा जिलों में कलेक्टर रहने के दौरान डीएमएफ में कथित अनियमितताएं की गई थी और उन्हें कथित तौर पर डीएमएफ के तहत काम आवंटित किए गए ठेकेदारों से भारी रिश्वत मिली थी. जब रानू साहू कोयला समृद्ध क्षेत्रों में कलेक्टर थीं, तब वारियर संबंधित विभाग में तैनात थीं और उन्होंने डीएमएफ में अनियमितताओं को बढ़ावा दिया. ईडी ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में डीएमएफ से जुड़े खनन ठेकेदारों ने आधिकारिक कार्य निविदाएं प्राप्त करने के बदले राज्य के अधिकारियों और राजनीतिक लोगों को भारी मात्रा में अवैध रिश्वत दी, जो अनुबंध मूल्य का 25-40 प्रतिशत है. ईओडब्ल्यू ने ईडी से मिली जानकारी के आधार पर पिछले साल जनवरी में कथित डीएमएफ घोटाले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की थी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button