जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत “अध्यक्ष” सामान्य होने के बाद अंचल का राजनितिक माहौल गर्माहट की ओर!

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत “अध्यक्ष” सामान्य होने के बाद अंचल का राजनितिक माहौल गर्माहट की ओर!

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत “अध्यक्ष” सामान्य होने के बाद अंचल का राजनितिक माहौल गर्माहट की ओर!

सामान्य सीटो से डीडीसी बनने अभी से इच्छुक दावेदारो की होड़,
कांग्रेस के मुकाबले भाजपा में दावेदारो की भारी संख्या,

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,

कड़ाके की ठंड़ में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला की राजनिति मे गर्माहट लगातार जारी है। हालांकि अभी यह गर्माहट जमीनी कार्यकर्ताओ की टोह लेने तथा पार्टी के अन्य दावेदारो से चर्चा-परिचर्चा करने तक सिमित है किन्तु छेरछेरा त्यौहार के बहाने अपने सर्मथको को टटोलने मे डीडीसी के इच्छुक उम्मीदवार अभी गांव-गांव की खाक छान रहे है।

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत के अध्यक्ष का आरक्षण सामान्य यानि अनारक्षित होने के बाद सारंगढ़ की पंचायत राजनिति मे गर्माहट आ गई है। जिला पंचायत का अध्यक्ष बनने के ख्वाब देखने वाले नेताओ की सूची काफी लंबी चौड़ी बन रही है किन्तु अभी तक चुनाव लड़ने वाले नेताओ ने अपने पत्ते नही खोले है। अभी पंचायती चुनाव के रूचिकर नेता गांव-गांव में अपने सर्मथको को टटोलने
तथा छेरछेरा पर्व के बहाने अपनी सक्रियता बढ़ाने मे लगे है। जिला पंचायत सारंगढ़-बिलाईगढ़ के कुल 14 जिला पंचायत सीट है जिसमे से बरमकेला क्षेत्र मे एक सीट अनारक्षित, सारंगढ़ से एक सीट अनारक्षित है। कुल 14 सीट मे से अजा के लिये कुल 4 सीट आरक्षित है जिसमे से दो महिला वर्ग के लिये आरक्षित है। अनुसूचित जनजाति के लिये कुल 2 सीट आरक्षित है जिसमे 1 महिला वर्ग के लिये आरक्षित है। वही अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 1 सीट है वह भी महिला वर्ग के लिये आरक्षित है। वही अनारक्षित के लिये कुल 7 सीट है जिसमे से 4 सीट महिलाओ के लिये आरक्षित है। ऐसे मे जिला पंचायत का अध्यक्ष अनारक्षित होने से कोई भी वर्ग से निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपनी दावेदारी कर सकता है। इस कारण से जिला पंचायत के सदस्यो के लिये एक अनार-सौ बीमार वाली स्थिति सामने आ सकती है। जिला पंचायत के सदस्य बनकर अध्यक्ष पद पर नजर रखने वाले कुछ दावेदारो की जानकारी छनकर सामने आई है। जिसमें कनकबीरा क्षेत्र के युवा तुर्क तथा सालर-मल्दा भाजपा मंडल अध्यक्ष रामकुमार थुरिया, डीडीसी कैलाश नायक, भाजपा नेता यशवंत नायक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार, पूर्व जनपद अध्यक्ष संजय भूषण पांड़े, बीडीसी मनमोहन पटेल, प्रकाश तिवारी आदि का नाम सामने आ रहा है।

अभ्यारण अंचल से रामकुमार थुरिया की दावेदारी को मिल रहा जन समर्थन नव गठित जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के पहले जिला पंचायत सदस्य के लिए क्षेत्र क्रमांक 9 अनारक्षित मुक्त होने पर दिग्गजों की नज़र इस सीट पर है जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण भी सामान्य होने पर भाजपा एवं कांग्रेस के कई कद्दावर नेता अपनी नज़र इस जिला पंचायत क्षेत्र में रखे हुए हैं वनांचल के दो भागों को जोड़कर एक जिला पंचायत क्षेत्र बनाया गया है क्षेत्रफल एवं ग्राम पंचायत की संख्या की दृष्टि से जिले का सबसे बड़ा जिला पंचायत क्षेत्र है

जिसमें ग्राम पंचायत खम्हारपाली,दबगांव,घठोरा,सराईपाली,अचानकपाली,कनकबीरा,रामटेक,बैगिनडीह,सालर,बटाउपाली,बोईरडीह,दानसरा,चंवरपुर,भंवरपुर के साथ ही सहसपानी,गंजाईभौना, भड़ीसार,खर्री छोटे, केड़ार,रांपागुला सहित 31 पंचायतें हैं जो गोमर्डा क्षेत्र की सीमा से जुड़े हैं इन क्षेत्रों की समस्याएं लगभग समान हैं जिनकी समस्याओं को लेकर रामकुमार थुरिया जो सामान्य परिवार से होते हुए भी अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को लेकर हमेशा आवाज उठाते हुए लोगों के साथ खड़े होकर अग्रणी भूमिका निभाते हैं इन सभी गांव के महिला पुरुष एवं बच्चे तक रामकुमार थुरिया से लगाव है वहीं भारतीय जनता पार्टी संगठन में सक्रियता से पूर्व वे सालर क्षेत्र में आचार्य के रूप में सैकड़ों बच्चों को एवं पालकों के बीच गहरी पैठ भी है साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में भी स्वच्छ छवि के साथ कई समस्याओं के समाधान का दमखम का लोहा भी मनवा चुके हैं आज भी लोग उन्हें एक अच्छे पत्रकार के रूप में ही देखते हैं भारतीय जनता पार्टी में अपनी राजनीति की शुरुवात बूथ कार्यकर्ता के रूप में की और लगातार सक्रियता से बूथ पालक शक्ति केन्द्र संयोजक, शक्ति केन्द्र प्रभारी, युवा मोर्चा महामंत्री,मंडल महामंत्री, विभिन्न कार्यक्रमों के मंडल संयोजक विधानसभा लोकसभा चुनाव में जोन प्रभारी जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर भाजपा संगठन की मज़बूत टीम को खड़ा कर मंडल में पार्टी कार्यकर्ताओं को एका करने में सफ़लता अर्जित किया इन सभी कार्यों को देखते हुए इन्हे भाजपा ने मण्डल सालर मल्दा ब के मण्डल अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति देकर कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया की भाजपा में कार्य करने वाले कार्यकर्ता की पहचान होती है वहीं कार्यकर्ता एवं जिला पंचायत
क्षेत्र वासियों का भी पहली पसंद अपने क्षेत्र के स्थानीय युवा रामकुमार थुरिया, डीडीसी प्रत्याशी के रूप में लोगों की पसंद हैं जिनके प्रचार प्रसार के साथ ही साधन संसाधन से सहयोग करने की बात कही जा रही है स्थानीय लोगों का कहना है की रामकुमार कभी अपने स्वार्थ के लिए कार्य नहीं किया है 2016 से अभ्यारण के लोगों को भविष्य में उत्पन्न होने वाली समस्याओं से पूर्व अवगत कराकर जन जागरूकता फैलाने का कार्य किया इसके लिए आर्थिक रूप से किसी से कोई सहयोग लिए बिना कई बड़े कार्यक्रम किए गोमर्डा क्षेत्र की जमीन खरीदी बिक्री के पंजीयन न होने की समस्या के साथ ही इन क्षेत्र के लोगों को तेंदूपत्ता संग्रहण से वंचित किए जाने को लेकर छतिपूर्त राशि दिलाने के लिए 2016 में मोर्चा खोलकर अभ्यारणवासी सम्मेलन हाई स्कूल कनकबीरा किया था इनके ही प्रयास से तत्कालीन रमन सरकार ने गोमर्डा अभ्यारण के 28 गांव के प्रत्येक परिवार को छतिपूर्ति राशि मिलना शुरू हुआ था लेकिन छत्तीसगढ़ में सरकार बदली तो यह राशि मिलना बंद हो गया इसकी मांग को लेकर भी रामकुमार थुरिया ने 30 जनवरी 2023 में चक्का जाम का विशाल आयोजन कर सरकार तक क्षेत्रवासियों की समस्याओं को पहुंचाने सफल हुए जिसके फलस्वरूप वर्षों से दबी पड़ी गोमर्डा अभ्यारण निर्माण की फाइल ऊपर आया है

हालाकि अब तक अपेक्षित सफलता इस पर नहीं मिल पाया है लेकिन जिन 9 शुत्रीय मांगों को लेकर चक्का जाम किया गया था उसमें से पुलिस चौकी भवन के लिए 41 लाख रुपए की स्वीकृति, कनकबीरा में कन्या छात्रावास के लिए विभागीय प्रस्ताव, वन विभाग द्वारा नरगिखोल के लातनाला में ह्यूम पाइप सह रपटा का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजा जाना शामिल है जबकि दो प्रमुख मांग तेंदूपत्ता बोनस राशि एवं जमीन क्रय विक्रय के पंजीयन के साथ ही किसानों को स्थायी बिजली कनेक्शन, वन्य जीवों से फसल नुकसान पर तत्काल प्रकरण स्वीकृत कराकर भुगतान कराने के लिए किसानों के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। जिसके कारण लोगों के बीच लोकप्रिय हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो चक्का जाम करने के बाद भी तेंदूपत्ता की बोनस राशि नहीं मिलने को लेकर उनसे नाराज़ हैं इस पर हमने रामकुमार थुरिया की प्रतिक्रिया लिया तो उन्होंने कहा की यह नाराजगी नही मेरे प्रति उनका विश्वास और भरोसा है अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर मैं भी दुखी हूं लेकिन लोगों को लगता है मैं बड़ा नेता हूं जबकि मैं भी उन्हीं की तरह सामान्य आम नागरिक हूं जब तक इस क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि नही बनेंगे तब तक अपने वनांचल क्षेत्र का विकास एवं लोगों को सुविधाएं नहीं मिलेगी अब तक मैं अपने क्षेत्रवासियों के हक के लिए उनके साथ खड़ा होकर लड़ता रहा हूं आगे भी हमारी लड़ाई जनहित में जारी रहेगी।

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