तू डाल-डाल, मैं पात-पात…, छत्तीसगढ़ में खरीदी शुरू होने के पहले डंप होने लगा ओडिशा का धान, प्रशासन ने शुरू की छापामार कार्रवाई…
, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में अभी धान खरीदी शुरू होने में करीबन महीनेभर का समय है, लेकिन उससे पहले ही ओडिशा का धान अभी से छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में डंप होने लगा है. इस बात की खबर लगते ही देवभोग प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बीते दो दिनों के भीतर घरों से 520 बोरा धान जप्त किया है.
हर साल की तरह इस बार भी छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में बिचौलिए ओडिशा का धान जमा करने लगे हैं. इस खेल से भली-भांति वाकिफ प्रशासन तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात की तर्ज पर जमाखोरों के ठिकानों पर दबिश देने लगी है. इस कड़ी में शुक्रवार को तहसीलदार चिदेश देवांगन ने गोहरापदर में छापेमारी कर चेमन के घर से 72 बोरी, हीराधर के घर से 110 बोरी और रखोराम के घर से 120 बोरी धान को जप्त किया.
एक दिन पहले गुरुवार को एसडीएम तुलसी दास ने नायब तहसीलदार विजय सिंह के साथ कदलीमुड़ा में छापेमारी कर घरों में डंप 218 बोरा धान जप्त किया था. नायब तहसीलदार विजय सिंह ने बताया कि कदली मुड़ा निवासी परिक्षित माली के घर से 158 बोरा और लालधर के घर से 60 पैकेट धान जप्त किया गया है.
राजस्व विभाग ने दोनों के रकबे का भौतिक सत्यापन किया, जिसमें परीक्षित का रकबा शून्य था, लेकिन लालधर का जितना रकबा पाया गया, उससे अतरिक्त धान घर में मौजूद था. जो झान ओडिशा के प्लास्टिक पैकेट में भरे मिले, उसे जप्त किया गया. अफसरों ने कहा कि रकबा जांच कर धान के अवैध भंडारण पाए जाने पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
महीने भर पहले शुरू हो गया है खेल
डंपिंग का यह खेल महीने भर से शुरू हो गया था. देवभोग प्रशासन को भनक लगी तो धरपकड़ 15 दिन पहले ही शुरू कर दिया था. धान लोड करके आने वाली कई पिकअप प्रशासन के रडार में भी था. अवैध परिवहन व भंडारण की भनक कलेक्टर दीपक अग्रवाल को लगी तो, उन्होंने कार्रवाई के सख्त निर्देश जारी किया. ऐसे में वाहन तो नहीं, बल्कि जहां धान डंप कराया गया, वहां छापेमारी कर ओडिसा के धान जप्त करने में देवभोग प्रशाशन को सफलता मिल रही है.
ओडिशा में दिसंबर से होगी खरीदी
छत्तीसगढ़ यहां प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की पैदावारी ज्यादातर रकबे में नहीं होता, इसी रकबे में भरपाई के लिए 2300 रुपए प्रति क्विं की दर पर किसान और बिचौलियों के घर धान छोड़ा जा रहा. कहा जा रहा है कि ओडिसा सरकार भी इस बार 3100 रुपए समर्थन मूल्य में धान खरीदी करेगी, लेकिन यह खरीदी दिसंबर में प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से होगी. ऐसे में अतरिक्त उत्पादन को वहां के कृषक बिचौलिए के माध्यम से खपाना शुरू कर दिए हैं.