नगर पंचायत लैलूंगा प्रधानमंत्री आवास योजना घोटाला में नया खुलासा,नगरीय निकाय का आवास ग्राम पंचायत में बना
प्रभारी सीएमओ सी पी श्रीवास्तव के कार्यकाल में फर्जी जिओटैग से हुआ घोटाला
लैलूंगा- नगर पंचायत लैलूंगा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में हुए घोटाले एक एक कर सामने आ रहे है।तत्कालीन प्रभारी सीएमओ सी पी श्रीवास्तव ने फर्जीवाड़े व भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति की है।परत दर परत फर्जीवाड़े की कलाइयां खुलती जा रही है। नगर पंचायत लैलूंगा में स्वीकृत आवास का निर्माण नगर क्षेत्र के बाहर ग्राम पंचायत में कराया गया और फर्जी जिओटैग से किश्त की राशि भी भुगतान कर दिया गया। जबकि इंजीनियर, सीएलटीसी, सीएमओ को जानकारी भी थी।
नगर पंचायत लैलूंगा निवासी फुलेश्वरी यादव पति रामनाथ यादव एवं जयकुमार यादव पिता रामनाथ यादव के नाम से वर्ष 22-23 में प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी गयी। जिसकी चौहदी नगर पंचायत लैलूंगा में स्थित भूमि की है लेकिन आवास निर्माण ग्राम पंचायत रुडुकेला में किया गया है। यंहा भी मामला फर्जी जियोटैग व फ़ोटो अपलोड का है। इंजीनियर, CLTC के द्वारा नगर सीमा से बाहर निर्मित आवास का मूल्यांकन किया गया और तत्कालीन प्रभारी सीएमओ सी पी श्रीवास्तव के द्वारा भुगतान किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार जय कुमार यादव के आवास का पूर्ण भुगतान भी किया जा चुका है जबकि फुलेश्वरी यादव के आवास की अंतिम किश्त बाकी है।
पीएमएवाई (शहरी) के अंतर्गत किफायती आवास के लिए एवं सभी के लिए आवास की सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में 5 लाख 11 हजार आवास की स्वीकृति देते हुए कहा है कि पीएम आवास में एक रुपये की धांधली व फर्जीवाड़ा पाए जाने पर जिला कलेक्टर के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।
नगर पंचायत लैलूंगा में पीएम आवास योजना में वर्ष 2019-20, 20-21, 21-22 में व्यापक फर्जीवाड़ा किया गया है। अपात्र को स्वीकृति, पति पत्नी दोनों के नाम से आवास, मां और अविवाहित बेटे दोनो के नाम से आवास, शासकीय कर्मचारी परिवार के नाम से आवास स्वीकृति की गयी। बिना आवास बनाये राशि का भुगतान किया गया। स्वीकृत 1119 आवास में लगभग 129 आवास में फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। जिसमे कई मामले गंभीर आपराधिक प्रकरण के है।पति पत्नी मीना शाह एवं सुखदेव शाह के नाम से स्वीकृत आवास में मीना शाह का आवास बना लेकिन सुखदेव शाह का बिना आवास बने आवास पूर्ण बताकर राशि निकल ली गयी।जबकि सुखदेव शाह को आवास स्वीकृत होने की भी जानकारी नही थी। फर्जी जिओटैग, फर्जी फ़ोटो अपलोड, फर्जी आवास, फर्जी हितग्राही को दिखाकर हितग्राही की आवास की राशि को गबन करने में एकमत किया गया। फर्जी जिओटैग व फ़ोटो अपलोड के प्रमाण भी सामने आये हैं जिसमे सुखदेव शाह के आवास में लैलूंगा निवासी रतन यादव की फ़ोटो अपलोड की गयी है। राशि निकलने बाकायदा मिलता जुलता हमनाम सुखदेव सिदार को खोजा गया जो नगर पंचायत में तत्कालीन पंचायतकर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर था। सुखदेव सिदार ग्राम पंचायत झगरपुर का निवासी है यह ज्ञात होते हुए भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी को आंख मूंदकर भुगतान किया। जो कि प्रथम दृष्टया ही आर्थिक अनियमितता का प्रकरण है और अवैधानिक कार्य को वैधानिक ढंग से करने की सजीश रच शासकीय राशि के गबन का प्रमाण है।
एक और मामले में संकुवर मुंडा पति रंजीत मुंडा निवासी वार्ड क्रमांक 15 के नाम से बिना आवास बनाये राशि के आहरण का है। जिसमे भी वही साजिश दोहरायी गयी। फर्जी जिओटैग के साथ संकुवर की जगह किसी वृद्ध महिला की फर्जी फ़ोटो अपलोड की गयी है। बिना आवास बनाये ही राशि को ग्राम पंचायत झगरपुर निवासी संकुवर सिदार के खाते में भुगतान किया गया। आवास लाभार्थी संकुवर मुंडा को भी आवास स्वीकृत होने और राशि निकालने की जानकारी तक नही है।
अब मामला उजागर होने एवं कार्यवाही के डर से राशि निकाय खाते में चार साल बाद वापस जमा की जा रही है।जानकारों की मानें तो गबन कई आवास में किया गया है और कुछेक की राशि जमा कराया जाने के प्रति निहित उद्देश्य है। जैसे जैसे खुलासे होंगे सब मे इसी जमा वाउचर को प्रस्तुत करने की योजना हो सकती है।
PM आवास योजना में फर्जीवाड़ा सीपी श्रीवास्तव के 2019 से 22 तक के पूर्व पदस्थ कार्यकाल में हुआ। शासन के 21.08.2024 को जारी आदेश में पुनः नियुक्ति सामुदायिक संगठक नगर पालिका निगम बिलासपुर से प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत लैलूंगा के पद पर स्थानांतरण हुआ है। पदस्थापना आदेश से पूर्व ही सी पी श्रीवास्तव ने लेटर दिया है जिसमे अपने किसी परिचित ठेकेदार का व्हाट्सएप संदेश का जिक्रकर लिखा है कि मेरे कार्यकाल में संकुवर/ रंजीत की आवास की राशि किसी अन्य संकुवर को किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। यदि प्रकरण मेरे कार्यकाल के है तो कंप्यूटर ऑपरेटर पुण्यचंद पटेल, जिओटैग कमल पांडेय रायगढ़ आर्किटेक्ट व मास एवं वाईस कं. के ऑपरेटर सुखदेव सिदार एवं रोहित सिदार कार्यरत थे। इसके संबंध में उपयंत्री अमित एक्का पदस्थ थे।इनके प्रस्तुतिकरण उपरांत ही भुगतान किया गया था। पत्र दिनाक 09.08.2024 को प्राप्त संदेश संलग्न कर हस्ताक्षरित कर दिया गया है।
पीएम आवास में मामला दर्ज कराया जाएगा- वर्तमान सीएमओ
जनपद पंचायत लैलूंगा में हुई समीक्षा बैठक में राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़े को गंभीरता से लिया था एवं दोषियों पर थाने में मामला दर्ज कराने के निर्देश बैठक में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सीएमओ व थाना प्रभारी को दिया गया था। आवास घोटाले के रिकार्ड संयुक्त संचालक संभाग बिलासपुर को भेजा गया है।आवास घोटाले में मामला थाने में दर्ज कराया जाना है।
-ममता चौधरी
प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर पंचायत – लैलूंगा
जब आवास बना ही नही तो जिओटैग व फ़ोटो अपलोड भी फर्जी
भुगतान के दोषी मुख्य नगरपालिका अधिकारी, इंजीनियर, के साथ निजी कंपनी के कर्मचारी आवास मित्र, CLTC (सिटी लेबल टेकनीकल कंसल्टेंट) आवास स्वीकृत होने के बाद बोलचाल की भाषा मे आवास मित्र यानी सर्वेयर स्वीकृत स्थल का जिओटैग करता है।एवं सिटी लेबल टेकनीकल कंसल्टें निर्माण स्थल की फ़ोटो अपलोड करता है। फ़ाइल में नोटसीट इंजीनियर के लिखने के बाद भुगतान अधिकारी डीबीटी के माध्यम से राशि हितग्राही के खाते में डालता है। हितग्राही सुखदेव शाह के मामले में इन चारों ने शासकीय राशि गबन की साजिश रची।
बिना आवास बनाये फर्जी जिओटैग, फोटो अपलोड, इंजीनियर की फर्जी नोटशीट, हितग्राही की जगह मिलता जुलता नाम के खाते में भुगतान प्रथम दृष्टया ही शासकीय राशि के गबन की साजिश रचने के प्रमाण सामने आ गए है।