रायगढ़

49 साल पुराने पुल की रेलिंग गिरी, भारी वाहनों की आवाजाही बंद

49 साल पुराने पुल की रेलिंग गिरी, भारी वाहनों की आवाजाही बंद

 49 साल पुराने पुल की रेलिंग गिरी, भारी वाहनों की आवाजाही बंद 

रायगढ़। तमनार रोड पर स्थित 49 साल पुराना पुल बुधवार को उस समय चर्चा में आ गया जब उसकी रेलिंग अचानक टूटकर गिर गई। यह पुल रायगढ़ से तमनार जाने वाले महत्वपूर्ण मार्ग, आमघाट रोड पर केसलापाठ गांव के पास स्थित है, और इसपर से प्रतिदिन हजारों भारी वाहन गुजरते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पुल का निर्माण 1975 के आसपास हुआ था और तब से यह भारी वाहनों का भार सहता आ रहा है। तमनार और उसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में कई बड़े उद्योग और कोयला खदानें संचालित हैं, जिनकी आपूर्ति के लिए रोजाना सैकड़ों ट्रक और डंपर इसी पुल से गुजरते हैं।

ग्रामीणों का मानना है कि पुल की उम्र और भारी वाहनों के निरंतर दबाव ने इसके ढांचे को कमजोर कर दिया था। इसका परिणाम यह हुआ कि बुधवार दोपहर पुल की एक तरफ की रेलिंग अचानक ढह गई, जिससे इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया। रेलिंग गिरने के बाद तमनार पुलिस को सूचना दी गई, जिन्होंने तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही तुरंत बंद कर दी। तमनार थाना प्रभारी आर्शीवाद राहटगांवकर ने बताया कि एहतियात के तौर पर पुल के दोनों ओर ट्रकों और डंपरों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।

इसके बाद से कोयला और अन्य औद्योगिक आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे स्थानीय उद्योगों पर भी गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका है। पुल के बंद होने से तमनार और रायगढ़ के बीच की सीधी आवाजाही पर गहरा असर पड़ा है। अब भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग पूंजीपथरा की ओर से लगभग 40 से 50 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी, जिससे औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पुल की स्थिति का आकलन करने और उसके पुनर्निर्माण या मरम्मत के बारे में निर्णय लेने के लिए बुलाया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि पुल की मरम्मत या नए पुल के निर्माण में समय लगेगा, इसलिए औद्योगिक गतिविधियों को फिर से सुचारू करने के लिए वैकल्पिक समाधान की तलाश की जा रही है। इस घटना ने प्रशासन और औद्योगिक क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती पेश की है, क्योंकि पुल की खराब हालत के बारे में पहले भी चेतावनी दी जा चुकी थी। स्थानीय और औद्योगिक गतिविधियों पर इसका भारी असर पड़ने की संभावना है, और शीघ्र ही कोई ठोस कदम उठाया जाना जरूरी है ताकि औद्योगिक आपूर्ति चैन बाधित न हो।

 

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