जिला- सारंगढ़पूछता है सारंगढराज्य

धान माफिया के चंगुल में गाताडीह सोसायटी, नाम किसान का किन्तु बैंक खाता कम्प्यूटर आपरेटर का?

करोड़ो रूपये का वारा-न्यारा हो रहा है गाताडीह सोसायटी में,
जिला प्रशासन के कार्यवाही के नाम पर हाथ-पैर कांपे?
विधानसभा में उठ सकता है गाताडीह का मामला,
षड़यंत्र के साथ करोड़ो रूपये डकार रहे है धान माफिया?
पूर्व प्रबंधक दिलीप टंडन का सनसनीखेज खुलासा और आरोप,

सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचल के चर्चित सोसायटी गाताडीह सेवा सहकारी समिति में बड़ा फर्जीवाड़ा के सामने
आने के बाद कई खुलासे हो रहे है। पूर्व प्रबंधक दिलीप कुमार टंड़न के सनसनीखेज खुलासे वाला
विड़ियो सामने आने के बाद अब ऐसी सूची सामने आई है जिसमे धान विक्रय करने वाले
किसान का नाम और पता तो है किन्तु धान का भुगतान जिसके खाते में गया है वह दूसरा है।
यह दूसरा और कोई नही चर्चित कम्प्यूटर आपरेटर राजेश रात्रे है। किन्तु करोड़ो रूपये के
फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद भी जिस प्रकार से जिला प्रशासन कार्यवाही करने से पीछे हट
रहा है उससे लग रहा है कि भ्रष्ट्राचार और माफियाओ पर कार्यवाही करने से यहा पर प्रशासन
पर कोई दबाव बना हुआ है। वही दूसरी ओर गाताडीह सोसायटी का पूरा मामला विधानसभा में
भी उठ सकता है।
सांरगढ़ के धान खरीदी केन्द्र गाताड़ीह काफी बदनाम धान खरीदी केन्द्र के रूप मे जाना
जाता है। यहा पर 2019-20 का कई मामलो का खुलासा हो रहा है। यहा पूर्व प्रबंधक दिलीप
कुमार टंडन ने विड़ियो जारी कर यहा के धान खरीदी और किसानो के नाम पर खाद वितरण
और ऋण के मामले मे जांच की मांग किया है जिसके बाद से पूरे अंचल में हड़कंप मचा हुआ
है। वही आज इस मामले में ऐसे लगभग 12 किसानो के नाम सामने आये है जिनके नाम पर
भूमि का पंजीयन हुआ है किन्तु उसमे दर्ज खाता क्रमांक उस किसान का नही है बल्कि यहा पर
कार्यरत तात्कालिक कम्प्यूटर आपरेटर राजेश रात्रे और उसके परिजनो का है। इस खुलासे के
बाद से जिला प्रशासन पर भी कड़ी कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज करने का दबाव बनते जा रहा
है। वही पूर्ववर्ती सरकार के खासमखास रहे गाताडीह सोसायटी के प्रबंधक शिव टंडन और
कम्यूटर आपरेटर राजेश रात्रे जो कि रिश्ते मे शिव टंडन के दामाद है उनके द्वारा किया गया
फर्जीवाड़ा और भ्रष्ट्राचार से करोड़ो रूपये का घोटाला सामने आया है। इस संबंध में सूत्रो से मिली
जानकारी के अनुसार जिन किसानो के नाम पर भूमि का पंजीयन हुआ है किन्तु उनके नाम के

सामने दर्ज खाता क्रमांक कम्प्यूटर आपरेटर राजेश रात्रे और परिजनो का है उसका सूची मिडिया
को मिली है। इस सूची के अनुसार लगभग 12 किसानो का नाम ऐसा है जिनके नाम पर भूमि
गाताड़ीह में पंजीकृत है किन्तु खाता क्रमांक राजेश रात्रे या उसके परिजनो का है। इसमें पहला
नाम कोसीर के रक्मणी पिता बलराम का है। जिसके नाम पर 0.813 हे. भूमि पंजीकृत है किन्तु
उनके नाम पर दर्ज खाता छ.ग.राज्य सेवा सहकारी बैंक सारंगढ़ का है तथा खाता क्रमांक
103000420504 है जो कि रूक्मणी का नही है बल्कि यह खाता गाताडीह सोसायटी के
कम्प्यूटर आपरेटर रहे राजेश रात्रे का है। अर्थात इस भूमि के नाम पर विक्रय किया गया धान
का पूरा भुगतान राजेश रात्रे के खाते में गया है। इसी प्रकार से रक्शा के गंगाप्रसाद पिता गनपत
के नाम पर 0.735 हेक्टेयर, सिंघनपुर के तिहारीन पति आनंदराम के नाम पर पंजीकृत भूमि
1.689 हे. भूमि में भी प्रविष्ट खाता क्रमांक छ.ग.राज्य सेवा सहकारी बैंक सारंगढ़ का है तथा
खाता क्रमांक 103000420504 है जो कि कम्प्यूटर आपरेटर रहे राजेश रात्रे का है। वही कोसीर
के बेदराम पिता अजीतराम के नाम पर 1.707 हे. तथा सिंघनपुर के फिरत पिता सुरील के नाम
पर 2.349 हे. भूमि का पंजीयन तो है किन्तु उनके नाम पर प्रविष्ट खाता क्रमांक छ.ग.राज्य
सेवा सहकारी बैंक सारंगढ़ का है तथा खाता क्रमांक 103000904903 है जो कि खगेश्वर के
नाम पर है। वही रक्शा के एकादशिया, सिंघनपुर के बालराम तथा सिलयारी के जगन्नाथ के
नाम पर दर्ज भूमि लगभग 3.0852 हे. में दर्ज खाता क्रमांक 103000930626 है जो कि
विक्की रात्रे के नाम पर है। वही महेश्वरी और लता रात्रे के नाम पर दर्ज खाता भी कई किसानो
के नाम पर है। जिससे स्पष्ट है कि यहा पर धान की खरीदी किसान के नाम पर हो रही है
किन्तु भुगतान राजेश रात्रे और उसके परिजनो के नाम पर भुगतान हो रहा है।

फर्जी किसान के नाम पर धान खरीदी का दावा?

सारंगढ़ टाईम्स के पास ऐसे किसानो के नाम पर धान खरीदी करने का दस्तावेज की पावती
हाथ लगी है जिस नाम पर किसान है ही नही। शिकायतकर्ताओ ने इस पावती को आधार
बनाकर जिला प्रशासन के पास शिकायत किया है किन्तु आज पर्यन्त तक इस शिकायत पर
जांच तक का आदेश नही जारी किया गया है। इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार
24 दिसंबर 2021 को किया गया धान खरीदी में पावती क्रमांक 410093012122000990 में
संतराम किसान ने 220 क्विंटल धान को गाताडीह सोसायटी मे विक्रय किया है। किन्तु इस
किसान के नाम पर किया गया भुगतान 4.38 लाख रूपये सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया कोसीर के
खाता क्रमांक 39438801672 में किया गया है। शिकायत मे दावा किया गया है कि उक्त खाता
तात्कालिक प्रबंधक राजेश रात्रे का है। इसी प्रकार से लीला नामक किसान के नाम पर 177
क्विंटल धान का 3.32 लाख रूपये का भुगतान स्टेट बैंक आफ इंडिया के खाता क्रमांक

30245644222 में किया गया है जो कि प्रबंधक राजेश रात्रे के नाम पर खाता है। ऐसे लगभग
10 से अधिक किसान के नाम पर लगभग 50 लाख रूपये से अधिक राशी का भुगतान प्रबंधक
राजेश रात्रे के खाता में किया गया है जो फर्जी किसान है। अब वास्तविक में सच क्या है? यह
तो जांच से ही ज्ञात होगा।

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