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पिता के बाद अब 3 बच्चों के सिर से उठा मां का साया: ठेकेदार करा रहा था मनरेगा का काम, हादसे में महिला श्रमिक की मौत…

पिता के बाद अब 3 बच्चों के सिर से उठा मां का साया: ठेकेदार करा रहा था मनरेगा का काम, हादसे में महिला श्रमिक की मौत...

पिता के बाद अब 3 बच्चों के सिर से उठा मां का साया: ठेकेदार करा रहा था मनरेगा का काम, हादसे में महिला श्रमिक की मौत…

धरसींवा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत हो रहे काम में जुटी एक महिला श्रमिक की ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आकर मौत हो गई, जिससे उसके तीन मासूम बच्चे अनाथ हो गए। पिता का साया पहले ही उठ चुका था, अब मां के निधन से बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है। इस गंभीर लापरवाही के मामले में कांग्रेस ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक धरसींवा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत नगर गांव में मनरेगा के तहत तालाब सौंदर्यकरण का काम चल रहा था। मनरेगा श्रमिक रेखा निषाद के मुताबिक उक्त काम खपरी निवासी ठेकेदार गोवर्धन वर्मा द्वारा कराया जा रहा था। 23 सितंबर को ठेकेदार चार मनरेगा श्रमिकों को ट्रैक्टर-ट्रॉली से मंगसा गांव ले गया था, जहां से पेवर ब्लॉक उठाकर लाना था। पेवर ब्लॉक लाते समय उसकी साथी श्रमिक ललिता निषाद ट्रैक्टर-ट्रॉली से नीचे गिरी और पहिए में आने से उसकी मौत हो गई। उसे धरसींवा के निजी अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पंचायत से लेकर जनपद तक सवालों के घेरे में

मनरेगा का काम ठेकेदार से कराए जाने को लेकर ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक जिम्मेदार सवालों के घेरे में हैं। जो मनरेगा का काम ग्राम पंचायत की देखरेख में होना चाहिए, वह आखिर ठेकेदार की देखरेख में कैसे हो रहा था और जनपद पंचायत में बैठे जिम्मेदार क्या कर रहे थे। जब मनरेगा श्रमिकों को नियमानुसार मनरेगा श्रमिक के रूप में पेमेंट हो रहा था, तो फिर ठेकेदार बीच में कहां से आया और मनरेगा श्रमिकों को आखिर क्यों सामान लाने ट्रैक्टर ट्रॉली से मंगसा गांव ले गया।

घटना से तीन मासूम हुए अनाथ

मृतका ललिता निषाद के पति कृष्णा निषाद की मृत्यु कुछ साल पहले हो चुकी है। पति की मौत के बाद से ललिता अपने तीन बच्चों को मेहनत-मजदूरी और मनरेगा का काम करके पालती थी। अब मां की मृत्यु इस घटना में होने से तीनों मासूम बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। मृतका के तीन बच्चों में सबसे बड़ा पुत्र वेदप्रकाश की उम्र अभी 13 साल है, दो बच्चियों में योगेश्वरी उम्र 11 वर्ष और बिंदिया उम्र 9 वर्ष शामिल हैं। पिता के बाद अब मां की मौत से इन तीनों का भविष्य अंधकार में है। बच्चों के दादा-दादी वृद्ध हैं और अस्वस्थ रहते हैं। उनके पास भी कोई ऐसा काम नहीं है कि वह बच्चों का लालन-पोषण कर सकें।

जनपद सीईओ ने की जांच टीम गठित

इस मामले में धरसींवा जनपद पंचायत के सीईओ आशीष केशरवानी का कहना है कि उन्होंने जांच समिति गठित कर दी है। जांच उपरांत जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। जहां तक मनरेगा के काम का सवाल है, मनरेगा का काम ठेकेदार से नहीं कराया जाता।

कांग्रेसियों ने सौंपा ज्ञापन

धरसींवा जनपद की ग्राम पंचायत नगर गांव में मनरेगा का काम ठेकेदार से कराए जाने के दौरान महिला श्रमिक की हादसे में मौत का मामला कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। पीसीसी ओबीसी के कार्यकारी अध्यक्ष भावेश बघेल ने इस मामले में 24 सितंबर को तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे और थाना प्रभारी राजेंद्र दीवान को ज्ञापन सौंपा है।

पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तहसील और पुलिस थाना में सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस ने ठेकेदार से लेकर ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत के सभी जिम्मेदारों पर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है, साथ ही मृतका के बच्चों को उचित मुआवजा और तीनों बच्चों के रहने, खाने और पढ़ाई की समुचित व्यवस्था करने की मांग की है।

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