
डिजिटल अरेस्ट : पुलिस बनकर महिला को दिखाया गिरफ्तारी का डर, वीडियो कॉल में पूछताछ कर ले लिए 5 लाख 50 हजार…
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/बसना,
नकली पुलिस बनकर एक गिरोह ने बसना थाना क्षेत्र की एक महिला को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उससे 5 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर ली. इन ठगों ने खुद को पुलिस बताकर महिला से फ़ोन पर पूछताछ की, जिसके बाद महिला ने बैंक जाकर इन आरोपियों के बैंक खाते में पैसे भेजे. मामला बसना थाना क्षेत्र के ग्राम जगदीशपुर का है, जहाँ स्थित सेवा भवन अस्पताल की एक महिला जिबिया ई पिता इफरैम उम्र 26 साल को 14 जुलाई 2025 को सुबह 10:30 बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया और खुद को टेलीकाम डिपार्टमेंट का बताकर महिला से कहा कि, आपके नंबर से लोगो को डराने के
लिये गलत गलत मैसेज एवं कॉल किये जा रहे हैं. आपके मोबाईल नंबर की गतिविधि संदिग्ध है जिससे आपका मोबाईल नंबर 2 घंटा में बंद हो जायेगा. इसके बाद उसने एक व्यक्ति को मुबई क्राईम ब्रांच से बताकर महिला से बात कराया जिसने अपना नाम विजय कुमार बताते हुए खुद को मुंबई क्राईम ब्रांच का इंसपेक्टर बताया और बोला कि आपके आधार कार्ड का उपयोग करके मुम्बई में एक सीम लिया गया है. जिसका नंबर का उपयोग लोगो को डराने के लिये गलत गलत मैसेज एवं कॉल करने के लिये किया जा रहा
है. इसके बाद उसने बोला कि इसके क्लीयरेंस के लिये पुलिस वेरिफिकेशन की आवश्यकता है, जिसके लिये आपको मुंबई आना पड़ेगा. महिला ने पुलिस को बताया की उसने कभी भी मुंबई से कोई सिम नही लिया है, वह नंबर मेरा नही है. इसके बाद उसने पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ेगी व मुंबई आने के लिये बोलने लगा. जिसपर महिला ने असमर्थता जताई तो महिला को ऑनलाईन जोड़कर पूछताछ की गई. और कहा गया जो प्रश्न पूछा जायेगा आपको बताना है.
इसके कुछ मिनट बाद कोई और व्यक्ति मुंबई सायबर पुलिस बनकर बात करने लगा, और कहने लगा कि पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के लिये विडियो काल से स्टेटमेंट देना होगा. और इसने बाद उन्होने अपना मोबाईल नंबर से वाट्सअप में का बातचीत की महिला का स्टेटमेंट लिया. इसके बाद महिला से वाट्सअप पर वीडियो काल करके भी बातचीत कर वीडियो कॉल से स्टेटमेंट लिया गया. और उन्होंने बोला कि पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट आपको पोस्ट के माध्यम से भेज देंगे. इसके बाद महिला को उस व्यक्ति ने बोला कि आपका आधार नंबर केनरा बैंक मुंबई के एक खाता से जुड़ा हुआ है उक्त खाता मनीलांड्रिंग केश से संबंधित है. जिसकी जांच हो रही है उसके बाद एक अन्य व्यक्ति
अपना नाम निरीक्षक प्रदीप सावंत बताकर महिला से बोला कि इस केश की जांच मै कर रहा हू आपके विरूद्ध 03 प्रमाण है. और उसने महिला की माँ कविता को भी बुलाने के लिये बोला, और इसके बाद दोनो से लगातार प्रश्न करता रहा, व बोला कि आपके विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट निकलेगा. यह बात सुनकर महिला डर गयी व उनके बातो में आ गयी. इसी दौरान उसने महिला का खाता नंबर व खाता मे कितना पैसा है यह पुछ लिया, और बातचीत करते हुये किसी नरेश गोयल का नाम लेकर बताया कि वह मनीलांड्रिंग केश मे आरोपी है जिसके खाता का पैसा आपके खाता मे आया है, आपके खाता में कमिशन आया है. और फिर 15 जुलाई 2025 को पुन: उनसे बात कर बोला कि नरेश गोयल का पैसा आपके बैंक एकाउंट मे आया है जिसको क्लीयर करना है आपको फंड वेरिफकेशन के लिये आपके एकाउंट का पैसा एकाउंट नंबर में भेजना पड़ेगा कहकर महिला को एक अकाउंट नंबर दिया और कहा कि,
इसे क्लीयर कर हम लोग 48 घंटे के अंदर आपके बैंक एकांउंट मे वापस भेज देंगे तब वह इनकी बातों में आ गई और बसना के HDFC बैंक में जाकर अपना खाता नंबर से उसके दिये गये एकाउंट नंबर मे आरटीजीएस के माध्यम 3,50000 रूपया भेज दिए. इस दौरान उक्त व्यक्ति लगातार लगातार मोबईल के संपर्क मे था उसके बाद महिला घर चली, उसके बाद वह उस दिन ज्यादा काल नही किया और 16 जुलाई 2025 को पुन: संपर्क कर बोला कि आपने जो पैसा भेजा है वह पर्याप्त नही है कुछ पैसा और भेजना पडेगा तब आपका वेरिफिकेशन हो पायेगा बोला तब महिला ने उसके कहने पर फिर से 16 जुलाई 2025 को अपने HDFC बैंक में अपना खाता नंबर से उसके दिये गये खाते में 2,00,000 रूपया आरटीजीएस किया, जिसके बाद उसने बोला कि आपका विरेफिकेशन हो गया है. कल सुबह तब आपको आपका पैसा आपके खाते में वापस कर दिया जायेगा. लेकिन जब 17 जुलाई 2025 को महिला के खाता में पैसा वापस नही आया तो उसे शंका हुआ कि मेरे साथ सायबर फ्रांड हो गया है. इस तरह के ठग को ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है, जिसमे ठगों द्वारा फोन कर किसी पर भी झूठा आरोप लगा दिया जाता है और उसे गिरफ्तारी का डर दिखाकर उसे पैसे मांगे जाते हैं. जगदीशपुर में रहने वाली जिबिया ई भी डिजिटल अरेस्ट होकर धोखाधड़ी का शिकार हो गई, इस मामले में शिकायत मिलने पर पुलिस ने 3(5)-BNS, 318(4)-BNS का अपराध दर्ज किया है.