
सारंगढ़ के सभी दिशाओ की पहुंच मार्ग हुई जर्जर,
नेशनल हाईवे का मामला बता कांग्रेस विधायक पल्ला झाड़ ले रही,
सारंगढ़ के सड़को को लेकर सांसद की रहस्यमय उपेक्षित व्यवहार?
पूरे प्रदेश में सड़को को लेकर आंदोलन, सारंगढ़ में सब भाई-भाई
सारंगढ़,
पूरे प्रदेश में सड़को की बदहाली को लेकर राज्य शासन को घेरने वाली विपक्षी दल भाजपा सारंगढ़ के मामले मे बैकफुट पर नजर आ रही है। जिला मुख्यालय बना सारंगढ़ के सभी दिशाओ की सड़क की स्थिति बद से बदत्तर हो गई है किन्तु विपक्षी दल भाजपा इसके खिलाफ ना कभी आंदोलन किया और ना ही इस विषय पर कोई ज्ञापन सौपा। वही सत्ताधारी दल कांग्रेस सारंगढ़ की प्रमुख तीन सड़क सारंगढ़-बिलासपुर, सारंगढ़-रायगढ़ और सारंगढ़-सरायपाली रोड़ को नेशनल हाईवे का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ ले रही है। ऐसे मे भाई-भाई की राजनिति करने वाले राजनितिक दल सालभर बाद होने वाले चुनाव में कैसे एक दूसरे से दो-दो हाथ करेगें? यह भी सोचनीय प्रश्न है।
सारंगढ़ जिला बन गया किन्तु छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही जिस प्रमुख समस्या का निराकरण की राह देखते देखते सारंगढ़ अंचल को आज तक उसका प्रश्न का उत्तर नही मिला वह है सारंगढ़ की बदहाल सड़क। इस महत्वपूर्ण समस्या की ओर भाजपा और कांग्रेस दोनो ने कभी गंभीरता से कोई प्रयास नही किया। सारंगढ़-रायगढ़ की नेशनल हाईवे को मौत की सड़क के नाम से जाना जाता है तथा हर सप्ताह इस रोड़ पर दुर्घटना होते रहती है। वही हरदी से सारंगढ़ शहर तक की 7 किलोमीटर लंबी सड़क महज 12 फीट चौड़ी सड़क के रूप मे जर्जर स्थिति में सारंगढ़वासियो को परेशान करके रख दी है किन्तु सारंगढ़ से हरदी और हरदी से चंद्रपुर तक की बदहाली सड़क के बाद चंद्रपुर से बिलाईगढ़ तक की बदहाल भरा सड़क और उसके बाद रायगढ़ तक की टूटी-फूटी सड़क को लेकर कभी भी उग्र आंदोलन नही हुआ। जब केन्द्र सरकार ने रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली के 90किलोमीटर लंबी सड़क के लिये 398 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान कर इसका निविदा एरा इंन्फ्रास्टक्चर कंपनी नोयड़ा को दे दिया और चंद्रपुर महानदी मे नया पुलिया के लिये 400 करोड़ रूपये की निविदा जारी कर दिया तो ऐसा क्या कारण है कि 2016 में शुरू हुआ निमार्ण कार्य आज 2022 खत्म होने को आ गया किन्तु पचास फीसदी भी पूरा नही हुआ। एरा कंपनी के डिफाल्टर होने के बाद ग्रोवर कंसन्ट्रक्शन कंपनी को यह काम दिया गया किन्तु यह कंपनी भी फरार हो गई। ठेका कंपनी पर 26 करोड़ रूपये का जुर्माना लगा दिया गया किन्तु कभी भी इस मांगो को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनो ने कोई बड़ा मांग नही किया। 6 साल में इस रोड़ का पचास फीसदी भी काम नही होने पर ना केन्द्रीय परिवहन मंत्री के पास ठोस मांग सांसद गोमती साय ने किया और ना ही इस रोड़ को लेकर कांग्रेस ने केन्द्र सरकार के खिलाफ कोई मुहिम छेड़ा जिससे साफ है कि पब्लिक को परेशान करने वाली इस सड़क को बदहाली स्थिति पर दोनो ही दलो ने पराया छोड़ दिया है। वही इस इस रोड़ का एक और भाग सारंगढ़ से दानसरा और दानसरा से सरायपाली तक की सड़क इसी राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है जो कि गत 6 सालो से आज भी निमार्णाधीन है। किन्तु इस रोड़ को लेकर बदहाली की परकाष्ठा आज भी सर चढ़कर बोल रहा है और सारंगढ़ अंचल रायगढ़ अथवा सरायपाली जाने के मार्ग को लेकर आज भी बदहाल सड़क को झेलने के लिये मजबूर है। वही एरा कंपनी के डिफाल्टर होने के बाद ग्रोवर कंपनी भी काम बंद कर फरार हो गई किन्तु सारंगढ़ अंचल के दोनो की प्रमुख दल इस प्रमुख समस्या को लेकर सिर्फ चुप्पी साधे हुए है। वही एक और रोड है सारंगढ़ से सरसीवां रोड़ जो कि मध्यप्रदेश शासन के समय से ही बदहाली की दौर में पड़ा है और आज भी इस रोड़ का अच्छा दिन नही आया है। इस रोड़ को 2013 में नेशनल हाईवे प्राधिकरण के द्वारा नेशनल हाईवे 130बी घोषित किया गया है किन्तु अपने अधिपत्य मे नेशनल हाईवे के द्वारा 2021 मे लिया गया। उससे पहले यह रोड़ राज्य शासन के अधिपत्य मे थी। किन्तु बदहाली का दौर ना तो राज्य शासन के समय दूर हुआ और ना ही नेशनल हाईवे 130बी बनने पर दूर हुआ। अब सबकी उम्मीद जिला निमार्ण पर टिकी थी वह भी पूरा हो गया और सारंगढ़ जिला मुख्यालय का स्वरूपधारण कर लिया। किन्तु सड़क पर दूर-दूर तक कोई आशा की किरण नही दिख रही है।
सारंगढ़ अंचल की बदहाल सड़क पड़ोसी पुराना पैतृक जिला रायगढ़ अंचल के सड़को के मुकाबले बदहाली में कोई कम नही है। किन्तु वहा पर भाजपा हर सप्ताह सडको को लेकर आंदोलन के द्वारा कलेक्टरेट घेराव कर रही है। किन्तु सारंगढ़ भाजपा सड़क के मामले मे सुस्त बैठी हुई है। रायगढ़-धर्मजयगढ़ रोड़ भी तो नेशनल हाईवे है किन्तु भाजपा वहा पर भी आंदोलन कर रही है किन्तु सारंगढ़ में भाजपा सिर्फ इस कारण से आंदोलन नही करती है क्योकि रोड़ नेशनल हाईवे के अर्न्तगत आती है। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा बदहाल सड़क के मामले मे एक दूसरे के सपोटर के रूप मे काम कर रहे है। भाई-भाई के रूप मे दोनो ही प्रमुख दल सारंगढ़ के बदहाल सड़क पर कोई आंदोलन नही कर सारंगढ़ अंचल को बदहाल सड़क से मुक्ति दिलाने मे रूचि नही दिखा रहे है।
कलेक्टर की ओर टिकी आम जन की निगाहे
सारंगढ़ अंचल की बदहाल सड़क को सुधारने की उम्मीद के रूप में सारंगढ़ की जनता नवपदस्थ कलेक्टर डी.राहुल वेंकट की ओर आशा भरी निगाहो से देख रही है। रायगढ़ जिले में सड़क एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रवास को सड़क मार्ग से नही कर हेलीकाप्टर के माध्यम से रायगढ़ जिला मे किया गया। वैसे ही सारंगढ़ और बिलाईगढ़ विधानसभा में भेंट-मुलाकात का कार्यक्रम होगा तो भी शायद मुख्यमंत्री महोदय को सड़क मार्ग से दूर रखना जिला प्रशासन की मजबूरी बन जायेगी। सारंगढ़ अंचल में सड़को की स्थिति पर सुधारने के लिये आम जनता कलेक्टर की ओर टकटकी लगाकर देख रही है उन्हे उम्मीद है कि कलेक्टर सारंगढ़ अंचल की यह वर्षो पुरानी समस्या को दूर करने मे विशेष रूचि लेगें।
सांसद गोमती साय का सारंगढ़ के प्रति उपेक्षित व्यवहार?
रायगढ़ लोकसभा की सांसद श्रीमती गोमती साय ने जशपुर और रायगढ़ की बदहाल सड़को की ओर ध्यान केन्द्रित किया है किन्तु सारंगढ़ अंचल की बदहाल सड़को की ओर एक प्रतिशत भी ध्यान नही दे रही है। एनएचआई के बड़े अधिकारियो से मुलाकात कर जशपुर और रायगढ़ की सड़को की मरम्मत का काम के लिये सांसद गोमती साय अपने तेवर कड़े कर रही है किन्तु सारंगढ़ की बात आने पर पता नही क्यो सांसद श्रीमती गोमती साय उपेक्षित भरा व्यवहार करते हुए रहस्यमय ढंग से चुप्पी साध लेती है। सारंगढ़ अंचल की प्रमुख सड़क में सारंगढ़-रायगढ़ और सारंगढ़-सरायपाली का ही निमार्ण पूर्ण गति से हो जाये तो सारंगढ़-सरसीवा मार्ग पर प्रेशर कम हो जायेगा। अभी राजधानी जाने वाले सभी वाहन बदहाल सरायपाली मार्ग के कारण से सरसीवां होकर बसना निकल रही है। ऐसे मे सरसीवा मार्ग पर दोहरा दबाव पड़ रहा है।
बहरहाल देखना अब यह है कि 12 माह से भी कम समय बचे छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा और कांग्रेस दोनो मे से कौन अपने आपको जनता का सच्चा हितैषी बताकर सारंगढ़ अंचल की बदहाल सड़क को लेकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करते है और सारंगढ़ जिले में प्रमुख सड़को को कम से कम चलने लायक बनाकर जनता को राहत देने का प्रयास करते है।