
प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा : पीएम आवास बने ही नहीं और कागजों में काम पूरा बताकर निकाल ली राशि, मृत व्यक्तियों के नाम से भी भुगतान,
तखतपुर। भाजपा सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना को धरातल में गतिमान देने के लिए सरकार पूरा जोर लगाकर आवास निर्माण करा रही है। गरीब, मजदूर वर्ग के लोगों के कच्चे मकान को पक्का मकान बनाकर उनके सपनों का घर तैयार कर रही है। वहीं तखतपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बांधा में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को जिम्मेदार ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। कागजों में ही आवास को पूरा बताकर फर्जी तरीके से राशि निकाल ली गई, जबकि हितग्राहियों के पीएम आवास बने ही नहीं हैं। ग्राम बांधा के ग्रामीणों ने कलेक्टर से प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायत की है और लचर व्यवस्था के जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाते हुए कहा कि कलेक्टर साहब हमारे साथ न्याय करिए। ग्रामीणों ने बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल को बताया कि आवास मित्र ने पात्र हितग्राहियों के आवास को कागजों में पूरा बताकर फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि निकाल ली। मृत व्यक्तियों के नाम से भी भुगतान कर दिया गया।
सरकारी दफ्तर के चक्कर काटकर थक चुके हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि जिन पात्र हितग्राहियों का आवास निर्माण ऑनलाइन में पूरा दिखा रहा है वे लोग जमीनी स्तर पर आज भी कच्चे मकान में निवास कर रहे हैं। जब उन हितग्राहियों का आवास निर्माण पूरा दिखा रहा है तो क्या उस आवास को जमीन खा गई या आसमान निगल गया, अब जांच के बाद ही हकीकत का पता चलेगा। वहीं ग्रामीणों ने सरकारी दफ्तर के चक्कर काट कर थक हार जाने के बाद सीधे न्याय की गुहार लगाते हुए कलेक्टर से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सीएम दे चुके हैं सख्त हिदायत
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इन दिनों एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। हाल ही में मुंगेली के समाधान शिविर में शिकायत मिलने पर जल संसाधन विभाग के एक बड़े अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर अफसरों को सख्त हिदायत दी थी। मुख्यमंत्री ने साफ चेतावनी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी जिले से गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो सीधे जिले के कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब देखना होगा इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।
इन हितग्राहियों के नाम से हुआ है फर्जीवाड़ा
संतोष पोर्ते पिता रामपाल पोर्ते, केहर सिंह श्रीवास के नाम से आवास स्वीकृत कर राशि का गबन किया गया है। सरस्वती मरावी के नाम से आवास स्वीकृत हुआ है और मौके पर आवास ही नहीं बना है. सरस्वती मरावी को आवास स्वीकृति की जानकारी ही नहीं, लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति ने आवास की संपूर्ण राशि निकालकर गबन कर लिया गया है। लैनी बाई की मृत्यु वर्ष 2016-17 में हो चुकी है, लेकिन उनके नाम से आवास स्वीकृति हुआ है और मौके पर आवास का निर्माण नहीं हुआ है। इस मृत महिला की आवास की संपूर्ण राशि किसी अज्ञात व्यक्ति ने निकालकर गबन कर लिया है। गंगोत्री बाई के नाम से आवास स्वीकृत है, लेकिन मौके पर आवास नहीं बना है और राशि निकालकर गबन कर लिया गया है। राजेश पिता कन्हैया आवास हितग्राही है, लेकिन मौके पर राजेश का आवास का निर्माण नहीं हुआ है। हितग्राही ने बताया कि मेरे आवास की राशि राजेश कुमार सोनवानी ने आहरण कर लिया है, जबकि आवास स्वीकृति राजेश पिता कन्हैया के नाम से हुआ है।
सोना देवी अग्रवाल पिता प्रदीप अग्रवाल के नाम से आवास स्वीकृत हुआ है, लेकिन मौके पर आवास का निर्माण नहीं हुआ है, जबकि संबंधित कर्मचारी ने जियो टेक कर संपूर्ण राशि को गबन कर लिया है। कन्हैया पिता बुलवा की प्रथम किस्त की राशि जारी हुई है, लेकिन कन्हैया की मृत्यु 2019 – 20 में हो चुकी है और मृत व्यक्ति के नाम से फर्जी तरीके से आवास स्वीकृत किया गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत बांधा में भी कई लोगों के नाम से फर्जी तरीके से आवास स्वीकृत किया गया है और फर्जी तरीके से राशि निकालकर बड़ी गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है। इस मामले में जिम्मेदार अफसरों से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कॉल रिसीव ही नहीं किया गया.
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