
44°C पहुंचा सारंगढ़ का तापमान भीषण गर्मी से जन-जीवन प्रभावित, सड़के हुई सुनसान, बिजली की आंख मिचौली से जिलेवासी परेशान,
गोमर्डा अभ्यारण्य होने के बाद भी 44 डिग्री तापमान से सारंगढ़ का हाल-बेहाल?
उद्योगविहीन जिला में पड़ रही भीषण गर्मी पर्यावरण असंतुलन की ओर दे रही है संकेत,
कागजो मे होता है पेड़ लगाओ अभियान,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला भीषण गर्मी की चपेट मे है। यह जिला उद्योगविहीन है तथा गोमर्डा
अभ्यारण्य और बार-नावापारा का जंगल इस जिले में पड़ता है उसके बाद भी तापमान 44 डिग्री पहुंच गया है। सुबह 10 बजे से ही भीषण गर्मी से जन-जीवन प्रभावित दिख रहा है। गर्म हवाये चल रही है। अप्रैल माह मे ही नया जिला भीषण लू की चपेट में आ गया है। ऐसे मे बिजली विभाग की अघोषित कटौती से आम जनता परेशान है। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सड़के सुनसान हो जा रही है। दुपहिया वाहनधारी सुबह 6 बजे या शाम 6 बजे के बाद गंतव्य की ओर सफर कर रहे है। ऐसे भीषण गर्मी में कई स्थानो पर पानी की भी समस्या मुंह खोलकर खड़ी है। सारंगढ़ अंचल के ग्रामीण क्षेत्रो मे अभी शादी-ब्याह का बड़ा सीजन चल रहा है। शायद ही ऐसा कोई गांव होना जहा पर शादी समारोह नही है। किन्तु भीषण गर्मी के कारण से मार्केटिंग करने वाले भी परेशान है और शाम ढ़लने के बाद या सुबह की खरीददारी को पूरा कर रहे है। तीव्र गर्मी का कहर ऐसा है कि दोपहर को सारंगढ़ का बाजार सुनसान हो जा रहा है। सड़को पर भी लोग नही दिख रहे है। भीषण लू के कारण से पूरा क्षेत्र गर्मी से परेशान है। एसी-कूलर काम नही कर रहे है। गर्म हवाओ से लोग परेशान हो गये है। लू के चपेट मे क्षेत्र जकड़ा हुआ दिख रहा है। बोर से पानी आपूर्ति कम होते जा रहा है। नगरीय क्षेत्र मे पानी की समस्या विकराल होते जा रही है। ऐसे मे भीषण गर्मी ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में जन-जीवन को प्रभावित करके रख दिया है। नये जिले मे भीषण गर्मी का कारण पर्यावरण असंतुलन?
सारंगढ-बिलाईगढ़ जिला में पर्यावरण असंतुलन की स्थिति पैदा हो रही है और अभी से इसको लेकर जन-जागरूकता नही आई तो आने वाले समय में मैदानी पट्टी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में तापमान और चढ़ेगा। आज सारंगढ़ का तापमान 44 डिग्री को पार कर गया और सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक धूप से कोई राहत नही मिल रहा है। कूलर-एसी काम नही कर रहा है और कई क्षेत्र मे पीनी की समस्या खड़ी हो गई है। औद्योगिक क्षेत्र मे तापमान का 44-45 डिग्री जाना और गर्म हवाओ का चलना समझ मे आता है किन्तु सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला वन आच्छादित जिला है और गोमर्डा अभ्यारण्य का 276 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र तथा बार-नावापारा अभ्यारण्य से लगा हुआ बिलाईगढ़ अंचल का वन क्षेत्र भी इस जिला में आता है। ऐसे मे जहा पर हरियाली छाया रहना चाहिये और प्रदेश के तापमान से लगभग 5-6 डिग्री यहा पर कम तापमान होना चाहिये वहा पर उल्टा हो रहा है। प्रदेश में सर्वाधिक गर्म स्थान वाले जिला मे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला लगभग पहले स्थान की ओर अग्रसर हो रहा है? प्राकृतिक संपदा से भरपूर इस क्षेत्र में क्या खनिज संसाधन का दोहन और पर्यावरण बचाओ अभियान का सिर्फ कागज मे सक्रिय रहना और अंधाधुंध पेड़ो की कटाई तथा रबी के फसल के लिये भूजल का दोहन ऐसे कारण है जिससे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में पर्यावरण असंतुलित हो रहा है और दिन- दुनी तापमान में वृद्धि हो रही है। हर वर्ष वृक्षारोपण के नाम पर हजारो वृक्ष लगाने का दावा वन विभाग करता है तथा सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला को हराभरा रखने का दावा करता है। किन्तु अप्रैल माह में ही भीषण गर्मी और तापमान में वृद्धि से सारंगढ़ अंचल में जनजीवन अस्त व्यस्त हो जा रहा है।
बरमकेला क्षेत्र में भीषण गर्मी में रात की बिजली कटौती से जनजीवन अस्त-व्यस्त,
उपभोक्ता परेशान सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला क्षेत्र में इन दिनों भीषण गर्मी के बीच हो रही रात की बिजली कटौती से आमजन का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, वहीं दूसरी ओर रात के समय बिजली की आंख-मिचौली ने लोगों को परेशान कर दिया है। बरमकेला क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने बताया कि बिजली कटौती का सिलसिला हर रात जारी है, जिससे ना तो लोग चैन से सो पा रहे हैं और ना ही छोटे बच्चे व बुजुर्ग इस गर्मी को सहन कर पा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली विभाग की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी
जा रही है, केवल इतना बताया जा रहा है कि रायगढ़ से बिजली की आपूर्ति में कमी की वजह से कटौती की जा रही है। लेकिन इस भीषण गर्मी में बिजली की बार-बार कटौती से पंखे और कूलर भी काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे घरों का तापमान असहनीय हो चुका है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि रात के समय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि लोग चैन की नींद ले सकें और गर्मी से राहत मिल सके। यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो उपभोक्ता आंदोलन करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। तप रहा है छत्तीसगढ़, रायपुर सबसे गर्म, कई जिलों में लू की चेतावनी जारी छत्तीसगढ़ इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. गर्मी के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं और तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. प्रदेश की राजधानी रायपुर में तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का सर्वाधिक तापमान है. वहीं जगदलपुर में न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में तापमान में 1 से 2 डिग्री की और वृद्धि की संभावना जताई है। छत्तीसगढ़ में 22 अप्रैल 2025 को शाम 5:30 बजे तक विभिन्न जिलों में अधिकतम तापमान दर्ज किया गया, जिसमें सबसे अधिक तापमान रायपुर में 44.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. इसके बाद बिलासपुर में 43.4 डिग्री, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 42.7 डिग्री, दुर्ग में 42.6 डिग्री, बेमेतरा में 42.3 डिग्री, और रायगढ़ में 42 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। वहीं, मुंगेली में तापमान 41.9 डिग्री, सूरजपुर और सरगुजा में 40.8 डिग्री,
कोरिया में 39.7 डिग्री, कांकेर में 38.5 डिग्री, दंतेवाड़ा में 38 डिग्री और बस्तर में 37.8 डिग्री रहा. बस्तर में तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि रायगढ़ में 1.3 डिग्री की वृद्धि हुई. रायपुर में तापमान में 0.8 डिग्री, बिलासपुर में 0.4 डिग्री, और गौरेला-पेंड्रा में 0.2 डिग्री का इज़ाफा देखा गया।
लू का अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले चार दिनों तक उत्तरी छत्तीसगढ़ के एक-दो
स्थानों पर लू चल सकती है. साथ ही, 23 अप्रैल से 25 अप्रैल तक मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भीषण
गर्म हवाएं चलने की संभावना है.
इन जिलों में जारी की गई है हीटवेव की चेतावनी
अगले 24 घंटों के लिए प्रदेश के कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बिलासपुर,
रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सकती, जांजगीर-चाम्पा, रायपुर, बलौदाबाजार और बेमेतरा जिलों में एक-दो
स्थानों पर लू की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं अगले 48 घंटों के लिए बिलासपुर, कोरबा, रायपुर,
बलौदाबाजार, मुंगेली, दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-
अंबागढ़ चौकी और कांकेर जिलों में भी लू चलने की संभावना जताई गई है।